मुखबिर प्रणाली मज़बूत करें , एनडीए शासित राज्य - अरविन्द सिसोदिया mukhbir prnali on nda

आराजकता जेहाद रोकने मुखबिर प्रणाली मज़बूत करें , एनडीए शासित राज्य - अरविन्द सिसोदिया 

मुझे नहीं लगता कि शिवाजी की प्रतिमा तेज हवा से गिर गई...! मन आशंकाओं से भरा है कि यहक साजिश का हिस्सा है ! इसकी गहराई से जाँच होनी चाहिए ! क्योंकि इस देश में कई वर्षों से यह चल रहा है कि योजनापूर्वक आलोचना करने योग्य कोई घटना भाजपा सरकारों के खिलाफ उत्पन्न की जाये और फिर उसकी आलोचना हेतु सरकार विरोधी दलों को उतारा जाये। 

देश में आराजकता जेहाद का माहौल कई वर्षों से षड्यंत्रपूर्वक चलाया जा रहा है। यह षड्यंत्र पकड़ में इसलिए नहीं आते कि ज्यादातर सुरक्षा एजेंसियां मुखवीर विहीन हैँ और अफसर सतर्क नहीं रहते। मुखवीरी पर जोर दिया जाये तो बहुत सारी दुर्घटनायें रोकी जा सकती हैँ।

संभवतः रेल पटरियों से छेड़छाड़ की कोशिश राजस्थान में गहलोत सरकार के समय उदयपुर संभाग में कहीं सामने आई थी, जिसमें ग्रामीणों की जाग से अपराधी भाग गये थे। इसे गंभीरता से लेकर पूरे देश में सतर्क हो जाते तो शायद बाद की कुछ दुर्घटनायें बच सकती थीं।

यही बिहार में पुलों के साथ हो रहा है, यही महाराष्ट्र में शिवाजी की प्रतिमा के साथ प्रतीत होता है। जन्माष्टमी के लगभग राजस्थान और मध्यप्रदेश में प्रयोजित घटनाक्रम सामने आये हैँ। 

देश में पहले घटना या षड्यंत्र उत्पन्न करना, फिर उस पर सरकार को घेरना यह लगातार प्रतीत हो रहा है। 

भाजपा सांसद कंगना रनोत को कुछ महसूस हो रहा है उसका खंडन या आलोचना के बजाए उसकी जाँच करवाये। किसान आंदोलन की ओट से लालकिले पर खालिस्तान का झंडा फहराया गया था। तमाम आराजकतायें हुईं थीं। कंगना के लगाये आरोप सच हैँ, उन पर सुरक्षा एजेंसियों को जाँच करनी चाहिए। 

देश को आर्थिकरूप से विफल करने की कोशिश ही तो था कथित किसान आंदोलन। यही है मुफ्त के चुनावी प्रलोभन। क्या प्रत्येक किसान का कर्ज माफ करना संभव है? क्या प्रत्येक महिला को 8500 रूपये प्रतिमाह संभव है? क्या पूरे देश के किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीद संभव है? देश में 75 साल से आरक्षण लागू है गरीब आरक्षित वर्ग का उनके ही अमीरों नें नहीं होनें दिया, अब जाती जनगणना के द्वारा क्या हांसिल कर लेंगे, सिर्फ देश के हिन्दुओं में फूट डालो के अलावा कुछ नहीं है इसमें!

ये सभी घोषणाएं या मांगे देश में आराजकता उत्पन्न करने के षड्यंत्र के तहत हैँ। कांग्रेस नें स्वयं और समर्थन के द्वारा लंबे समय तक देश पर राज किया तब यह सब क्यों नहीं किया ?

बंगलादेश में षड्यंत्र उत्पन्न कर सत्ता पलट इसलिए सफल हुआ कि वहाँ सेना नें षड्यंत्र को समर्थन दिया और सफल बनाया। येशा भारत में असंभव है। किन्तु इससे षड्यंत्र उत्पन्नकर्ताओं का होंसला बड़ा है और इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। कहीं भी सिर नहीं उठाने देना है।

इन समसामायिक परिस्थितियों में एनडीए शासित राज्यों को सतर्कता रखते हुए मुखबिर प्रणाली बहुत मजबूत करनी चाहिए ताकी षड़यंत्र उत्पन्न करनें का साहस ही न हो पाये।

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