बांगलादेश की घटना से सबक लेते हुये भारत को सर्तकता अधिक जरूरी - अरविन्द सिसौदिया Bangladesh incident

 



बांगलादेश की घटना से सबक लेते हुये भारत को सर्तकता अधिक  जरूरी - अरविन्द सिसौदिया

Learning from the Bangladesh incident, India needs to be more cautious - Arvind Sisodia


बांगलादेश से अधिक सर्तकता भारत को जरूरी है क्यों कि भारत में कांग्रेस की सर्वेसर्वा नें सडकों पर उतरने का आव्हान किया और पूरे देश में शाहीन बाग लग गये थे। इसके बाद यह लगातार हो रहा है। मुखौटा पहन कर देश से गद्दारी की जा रही है, बडी बेशर्मी से यह की जा रही है। इसमें भारत की न्यायपालिका तक कई जगह सह भागी दिखी है। भारत तेरे टुकडे होंगे .... वाली अभिव्यक्ति पर न्यायपालिका को स्वयं संज्ञान लेकर नारे लगानें वालों को जेल में डाल देना चाहिये था। 


कुल मिला कर एक प्रदेश के अति सम्पन्न लोगों नें कथित किसान आन्दोलन खडा किया मकसद था दिल्ली को दहलाना । हिडनबर्ग की झूठी रिपोर्ट आती है मकसद था भारत के उद्योपतियों को डराना नुकसान पहुंचाना । इस तरह के बहुत सारे झूठ प्रयोजित करनें में कुछ भारत विरोधी ताकतें सक्रीय है। जिनका मूल मकसद भारत की सत्ता पर बांगलादेश की तरह आराजकता के जर्ये काबिज होना है। हलांकी यह भारत में संभव नहीं हैं किन्तु कोशिश लगातार हो रही है। पंजाब को अपरोक्ष रूप से खालिस्तान बनाने की कोशिश में पंजाब की दो बडी पार्टियां सर्पोट कर रहीं हैं। जबकि आम सिख इस झंझट को पशंद ही नहीं करता । यही भारत को अन्दर से कमजोर करने के लिये उत्तर दक्षिण का विभाजन बार बार कांग्रेस द्वारा प्रचारित किया जाता है। जबकि यह वास्तविकता में कहीं भी नहीं है। अग्निवीर योजना का विरोध इसलिये है कि समाज में बल शाली लोग न हों और गुण्डागर्दी और आराजकता आसानी से फैलाई जा सके। 


अर्थात भारत को बांगला देश की घटना से सबक लेते हुये इजराईल मोड में आंतरिक मजबूती प्रारम्भ कर देनी चाहिये। 


Learning from the Bangladesh incident, India needs to be more cautious - Arvind Sisodia


India needs to be more cautious than Bangladesh because the head of Congress in India called for people to come out on the streets and Shaheen Baghs were set up all over the country. After this, this has been happening continuously. The country is being betrayed by wearing a mask, this is being done very shamelessly. In this, even the judiciary of India has been seen to be complicit in many places. The judiciary should have taken cognizance of the expression "Bharat tere tukde honge" (India will be divided into pieces) and put the people who raised the slogans in jail.


Overall, the very rich people of a state started the so-called farmers' movement, the purpose was to shake Delhi. A false report of Hindenburg comes, the purpose was to scare and harm the industrialists of India. Some anti-India forces are active in spreading many such lies. Whose main aim is to capture power in India through anarchy like Bangladesh. Although this is not possible in India, but efforts are being made continuously. Two big parties of Punjab are supporting the effort to indirectly make Punjab Khalistan. Whereas the common Sikh does not like this hassle at all. This is the division of North and South which is repeatedly propagated by Congress to weaken India from within. Whereas this is not true anywhere in reality. The Agniveer scheme is opposed because there should not be powerful people in the society and hooliganism and anarchy can be easily spread.


That is, India should learn a lesson from the Bangladesh incident and start internal strengthening in Israel mode.

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism