संदेश

emergency लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आपातकाल : कांग्रेस द्वारा संविधान की हत्या और न्यायपालिका को गुलाम बनानें की क्रूर मानसिकता को उजागर करती है

चित्र
आपातकाल : कांग्रेस द्वारा संविधान की हत्या और न्यायपालिका को गुलाम बनानें की क्रूर मानसिकता को उजागर करती है  ------- 21 जून को देश और दुनिया भर में करोड़ों लोगों ने ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ में हिस्सा लिया: पीएम मोदी विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया और दो हजार से अधिक आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार किए: पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 64% से अधिक आबादी अब किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उठा रही है: पीएम मोदी आपातकाल लगाने वालों ने न केवल हमारे संविधान की हत्या की, बल्कि उनकी मंशा न्यायपालिका को भी अपना गुलाम बनाए रखने की थी: पीएम मोदी हमें उन सभी लोगों को हमेशा याद रखना चाहिए जिन्होंने आपातकाल का डटकर मुकाबला किया। यह हमें अपने संविधान को मजबूत और स्थायी बनाए रखने के लिए निरंतर सतर्क रहने की प्रेरणा देता है: पीएम मोदी बोडोलैंड आज देश में एक नए चेहरे, नई पहचान के साथ खड़ा है। बोडोलैंड अब देश के खेल मानचित्र पर अपनी चमक बिखेर रहा है: पीएम मोदी मेघालय की महिलाएं अब स्वयं सहायता समू...

याद रहे, लोकतंत्र की रक्षा का महाव्रत - अरविन्द सीसौदिया emergency

चित्र
  26 जून: आपातकाल दिवस के अवसर पर याद रहे, लोकतंत्र की रक्षा का महाव्रत - अरविन्द सीसौदिया      मदर इण्डिया नामक फिल्म के एक गीत ने बड़ी धूम मचाई थीः दुख भरे दिन बीते रे भईया, अब सुख आयो रे, रंग जीवन में नया छायो रे!     सचमुच 1947 की आजादी ने भारत को लोकतंत्र का सुख दिया था। अंग्रेजों के शोषण और अपमान की यातना से मातृभूमि मुक्त हुई थी, मगर इसमें ग्रहण तब लग गया जब भारत की सबसे सशक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया, तानाशाही का शासन लागू हो गया और संविधान और कानून को खूंटी पर टांग दिया गया। इसके पीछे मुख्य कारण साम्यवादी विचारधारा की वह छाया थी जिसमें नेहरू खानदान वास्तविक तौर पर जीता था, अर्थात साम्यवाद विपक्षहीन शासन में विश्वास करता हैं, वहां कहने को मजदूरों का राज्य भले ही कहा जाये मगर वास्तविक तौर पर येन-केन प्रकारेण जो इनकी पार्टी में आगे बढ़ गया, उसी का राज होता है। भारतीय लोकतंत्र की धर्मजय     भारत की स्वतंत्रता के साठ वर्ष होने को आये। इस देश ने गुलामी और आजादी तथा लोकतंत्र के सुख और तानाशाही के दुःख को बहुत करीब से देखा। 25 ...

आपातकाल : लोकतंत्र की प्रथम हत्या Emergency: The First Murder of Democracy

चित्र
जानें, आपातकाल से जुड़ीं हैं ये 10 बड़ी बातें                                          लालबहादुर शास्त्री की मौत के बाद देश की प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा गांधी का कुछ कारणों... आज से करीब 43 साल पहले इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था। 25 जून, 1975 को लगा आपातकाल 21 महीनों तक यानी 21 मार्च, 1977 तक देश पर थोपा गया। 25 जून और 26 जून की मध्य रात्रि में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर करने के साथ ही देश में पहला आपातकाल लागू हो गया। अगली सुबह समूचे देश ने रेडियो पर इंदिरा की आवाज में संदेश सुना, 'भाइयो और बहनो, राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा की है। इससे आतंकित होने का कोई कारण नहीं है।' आइये आज आपातकाल से जुड़ी 10 बड़ी बातें जानते हैं... नेताओं की गिरफ्तरियां आपातकाल की घोषणा के साथ ही सभी नागरिकों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे। अभिव्यक्ति का अधिकार ही नहीं, लोगों के पास जीवन का अधिकार भी नहीं रह गया। 25 जून की रात से ही देश में विपक्ष के नेताओं की ग...