संदेश

kejriwal लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

केजरीवाल स्वाती प्रकरण में गिरफतारी से बचनें भाजपा मुख्यालय कूच की नौटंकी कर रहे हें - अरविन्द सिसोदिया

चित्र
  अब केजरीवाल स्वयं की गिरफतारी से बचनें के लिए भाजपा मुख्यालय कूच की नौटंकी कर रहे हें - अरविन्द सिसोदिया केजरीवाल से असली प्रश्न यह है कि पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति को किस लिए पिटवाया गया ? क्या यह सच है कि स्वाति से जबरिया राज्य सभा सांसद से इस्तीफा माँगा जा रहा था। उसकी जगह केजरीवाल का केस लड़ रहे किसी वकील को राज्य सभा भेजना है...? असलियत से भागो मत....! सच यह लगता है कि सी एम आवास पर आप पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाती से हुई धक्का मुक्की के पीछे स्यंव में सी एम केजरीवाल ही थे। अन्यथा किसी भी बाउन्सरनुमा पीए की इतनी हिम्मत कभी नहीं होती कि इतने वडे औहदे वाली महिला के साथ मारपीट करे , उन्हे धक्का देकर आवास से बाहर निकाल दे....! अब बाउन्सर महोदय पुलिस की गिरफत में हैं, कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज हो गई है। मुख्यमंत्री का मारपीट करनें वाला ओएसडी पुलिस गिरफत में है, वह स्वाती से मारपीट के निर्देश देनें वाले का नाम उगल सकता है, और केजरीवाल फिर से गिरफतार हो सकते है। वे पुलिस पर दबाव बनानें के लिए,पुलिस कार्यवाही को प्रभावित करनें के लिए, अब  भाजपा मुख्यालय कूच का एलान कर र...

उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद तो पद छोडो बेशर्म केजरीवाल जी - अरविन्द सिसोदिया

चित्र
अब तो पद छोडो केजरीवाल जी - अरविन्द सिसोदिया  दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्यपीठ नें बड़ी स्पष्टता से दिल्ली की आप पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री केजरीवाल के विरुद्ध जो कुछ कहा है, उसका सामान्य सा अर्थ यही है कि " मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने त्यागपत्र नहीं देकर राष्ट्रहित का नुकसान किया है। "  लिहाजा अब मुख्यमंत्री केजरीवाल को बेशर्मी छोड़ कर नैतिकता के आधार पर पद से त्याग पत्र देना चाहिए और किसी अन्य साथी को मुख्यमंत्री बना कर दिल्ली सरकार को पूरा - पूरा काम करने देना चाहिए। उन्हें अपने साथियों पर अपनी पार्टी पर विश्वास करना चाहिए। वे नैतिकता के विरुद्ध अनैतिक आचरण लगातार कर रहे हैँ। संबेधानिकता के विरुद्ध असंवेधानिकता लगातार अपनाये हुए हैँ, वे भारत के कानूनों और भारत की परम्पराओं की लगातार आवेलनाओं को अपनाये हुए हैँ। पहले उन्होंने 9 बार सम्मन ठुकराया और अब त्यागपत्र देनें से लगातर बच रहे हैँ। उनका आचरण बता रहा है कि वे संवेधानिक व्यवस्था को नहीं मान रहे हैँ और अपने आपको संबिधान और राष्ट्रहित से भी ऊपर समझ रहे हैँ। इसी आचरण को तानाशाही कहा जाता है। केजरीवाल नें अन्ना के साथ लोकपाल आ...