लूट-खसोट का नाम है आर्थिक सुधार: ममता बनर्जी











Mamata Banerjee
लूट-खसोट का नाम है आर्थिक सुधार: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पीटीआई | Sep 30, 2012,



कोलकाता।। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आर्थिक सुधार और आम आदमी के नाम पर देश में लूट मची है। तृणमूल कांग्रेस रीटेल सेक्टर में एफडीआई के फैसले के विरोध में एक अक्टूबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने वाली है। ममता ने कहा कि आर्थिक सुधार का मतलब लोगों के हित से होना चाहिए लेकिन आजकल किसी भी तरह के जनविरोधी कदम का नाम आर्थिक सुधार दिया जा रहा है।

ममता बनर्जी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दो दिन पहले इन सारी बातों को फेसबुक पर पोस्ट किया है। ममता की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ विचार-विमर्श के बाद कहा था कि आर्थिक सुधार के लिए आगे भी कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश के लिए जो भी अच्छा होगा हम करेंगे।

गौरतलब है कि 21 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस के कोटे से केंद्र सरकार में शामिल सभी छह मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही पार्टी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था। ममता बनर्जी, कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की नीतियों से बेहद खफा थीं। उन्होंने सरकार से एफडीआई, डीजल की कीमत में बढ़ोतरी और एलपीजी सिलिंडर से सब्सिडी वापस लेने के फैसले के बाद समर्थन वापसी की घोषणा कर दी थी। तृणमूल कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सौगत राय ने कहा कि पार्टी के सभी सांसद केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सोमवार को जंतर-मंतर पर धरना देंगे।
 

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

God’s Creation and Our Existence - Arvind Sisodia

Sanatan thought, festivals and celebrations

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

कविता - संघर्ष और परिवर्तन

‘‘भूरेटिया नी मानू रे’’: अंग्रेजों तुम्हारी नहीं मानूंगा - गोविन्द गुरू

सरदार पटेल प्रथम प्रधानमंत्री होते तो क्या कुछ अलग होता, एक विश्लेषण - अरविन्द सिसोदिया sardar patel

सरदार पटेल के साथ वोट चोरी नहीं होती तो, वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री होते - अरविन्द सिसोदिया