इन्दिरा गांधी की हिटलर शाही के कारण लगा था आपातकाल


इन्दिरा गांधी की हिटलर शाही के कारण लगा था आपातकाल

आज के ही दिन लागू हुआ था आपातकाल,मौलिक अधिकार थे सीज
Jun 26 2014
-इंटरनेट डेस्‍क-

नयी दिल्‍ली : भारतीय इतिहास में काला दिन के रूप में दर्ज हो चुके आपातकाल को भला कौन याद करना चाहेगा. भारतीय लोकतंत्र ने इमरजेंसी को युवाकाल में झेला . आज के ही दिन यानी 26 जून 1975 को देश में पहली बार आपातकाल लगाये जाने की घोषणा की गयी थी.

इमरजेंसी के 39 साल बाद

यही वो तारीख है जब तात्‍कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने खिलाफ उठ रही विरोध के आवाज को दबाने के लिए इमरजेंसी जैसी कानून का सहारा लिया. 1971 में बांग्लादेश बनवाकर शोहरत के शिखर पर पहुंचीं इंदिरा को अब अपने खिलाफ उठी हर आवाज एक साजिश लग रही थी. उन्‍होंने लाखों लोगों को जेल में डाल दिया. लिखने-बोलने पर पाबंदी लग गई.

देश में व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचार और महंगाई से त्रस्‍त जनता ने सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया. इस मुद्दे को लेकर देशव्‍यापी आंदोलन होने लगे. गुजरात कर्फ्यू इसका प्रबल उदाहरण था. इस मामले को लेकर गुजरात के चिमनभाई को इस्‍तीफा भी देना पड़ा. देश में छा रही अशांति को लेकर विपक्ष ने इंदिरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

इधर 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रायबरेली से इंदिरा का चुनाव अवैध घोषित कर दिया. विपक्ष उनसे इस्‍तीफा देने की मांग करने लगी. लेकिन सत्ता के मद में चूर इंदिरा ने 25 जून को इमरजेंसी की घोषणा कर दी. विपक्ष के तमाम नेता को गिरफ्तार कर लिया गया. देश में उनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकता था, आवाज बुलंद करने वालों को जेल की हवा खानी पड़ी.

बहरहाल जनता की आवाज को इमरजेंसी भी कुछ नहीं बिगाड़ पायी. देश में इंदिरा और कांग्रेस विरोधी नारे लगने लगे. प्रधानमंत्री इंदिरा पर लगातार दबाव बढ़ने लगा था. अंतत: उन्‍हें इंमरजेंसी खत्‍म करने का फैसला लेना पड़ा. इंदिरा ने मार्च 1977 को अचानक आपातकाल हटाने की घोषणा कर दी. अब बारी जनता की थी. 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी. तात्‍कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव हार गईं.
------------

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

सफलता के लिए प्रयासों की निरंतरता आवश्यक - अरविन्द सिसोदिया

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

रामसेतु (Ram - setu) 17.5 लाख वर्ष पूर्व

हम ईश्वर के खिलोने हैँ वह खेल रहा है - अरविन्द सिसोदिया hm ishwar ke khilone

माता पिता की सेवा ही ईश्वर के प्रति सर्वोच्च अर्पण है mata pita ishwr ke saman

हमारा शरीर, ईश्वर की परम श्रेष्ठ वैज्ञानिकता का प्रमाण