पीएम मोदी के फरमान से अफसरों में मची खलबली
पीएम मोदी के फरमान से अफसरों में मची खलबली
सुजय मेहदूदिया
रविवार, 29 जून 2014
अमर उजाला, दिल्ली
पीएम मोदी का नया फरमान
मोदी सरकार ने यूपीए सरकार के दौरान सुस्त और गैर जवाबदेह हो चुकी नौकरशाही को झकझोर कर रख दिया है। सत्ता में परिवर्तन और नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यभार संभालते ही ऊंघ रही नौकरशाही को जिम्मेदार और जवाबदेह बनाने की कवायद शुरू हो गई है।
नौकरशाहों को उनके काम के प्रति जिम्मेदार बनाने के लिए मोदी सरकार ने आला सचिवों के लिए फाइलों को निपटाने के साथ ही कैबिनेट से जुड़े नोट और अंतर मंत्रालय विचार-विमर्श के लिए डेडलाइन तय करने का फैसला किया है।
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने खुद इस दिशा में मिसाल पेश करने की ठानी है। उसने कैबिनेट सचिव अजित सेठ के जरिये यह संदेश दिया है कि उसने अंतर मंत्रालय नोट और कैबिनेट से जुड़े मुद्दों पर फैसला करने के लिए 15 दिन की मियाद तय की है।
इस अवधि के दौरान अगर उसकी अनुमति नहीं मिलती है तो संबंधित मंत्रालय या विभाग आगे की कार्यवाही के लिए स्वतंत्र है। इसे एक तरह से पीएमओ की अनुमति ही मानी जाएगी।
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