*26/11 मुंबई आतंकी हमला: 10 आत्मघाती हमलावर मुंबई में हथियारों से लैस होकर घुसे। सीरियल बम धमाकों के अलावा आतंकियों ने कई जगहों पर अंधाधुंध फायरिंग की। आतंकियों ने नरीमन हाउस, होटल ताज और होटल ओबेराय को कब्जे में ले लिया था। इसमें कुल 166 लोग मारे गए थे और 293 लोग घायल हुए थे। आतंकी कसाब पकड़ा गया था, जबकि नौ आतंकी मारे गए।
*12 मार्च 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट: पूरे मुंबई में सीरियल धमाके हुए। इन धमाकों के पीछे दाउद इब्राहिम और डी कंपनी का हाथ था। इसमें 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 लोग घायल हुए थे।
*24 सितंबर 2002 अक्षरधाम मंदिर पर हमला: लश्कर और जैश ए मोहम्मद के 2 आतंकी मुर्तजा हाफिज यासिन और अशरफ अली मोहम्मद फारुख दोपहर 3 बजे अक्षरधाम मंदिर में घुस गए। ऑटोमैटिक हथियारों और हैंड ग्रेनेड से उन्होंने वहां मौजूद लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया। इसमें 31 लोग मारे गए जबकि 80 लोग घायल हो गए थे।
*29 अक्टूबर 2005 दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट: दीवाली से 2 दिन पहले आतंकियों ने 3 बम धमाके किए। 2 धमाके सरोजनी नगर और पहाड़गंज जैसे मुख्य बाजारों में हुए। तीसरा धमाका गोविंदपुरी में एक बस में हुआ। इसमें कुल 63 लोग मारे गए जबकि 210 लोग घायल हुए थे।
*11 जुलाई 2006 मुंबई ट्रेन धमाका: मुंबई की लोकल ट्रेनों में अलग-अलग 7 बम धमाके हुए थे। सभी फर्स्ट क्लास कोच में बम रखे गए थे। इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था। इसमें कुल 210 लोग मारे गए थे और 715 लोग जख्मी हुए थे।
*13 मई 2008 जयपुर ब्लास्ट: 15 मिनट के अंदर 9 बम धमाकों से पिंक सिटी लाल हो गई थी। इन धमाकों में कुल 63 लोग मारे गए थे जबकि 210 लोग घायल हुए थे।
*30 अक्टूबर 2008 असम में धमाके: राजधानी गुवाहाटी के विभिन्न जगहों पर कुल 18 धमाके आतंकियों ने किए। इन धमाकों में कुल 81 लोग मारे गए जबकि 470 लोग घायल हुए।
*13 दिसंबर 2001 भारतीय संसद पर हमला: लश्कर ए तैयबा और जैश मोहम्मद के 5 आतंकी भारत के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले संसद भवन परिसर में घुस गए। हालांकि सुरक्षा बलों ने आतंकियों को मार गिराया और आतंकी अपने मंसूबे में नाकाम हो गए। हमले के समय संसद भवन में 100 राजनेता मौजूद थे। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी और 3 संसद भवन कर्मी मारे गए।
*14 फरवरी 1998 कोयम्बटूर धमाका: इस्लामिक ग्रुप अल उम्माह ने कोयम्बटूर में 11 अलग-अलग जगहों पर 12 बम धमाके किए। इसमें 200 लोग घायल हुए जबकि 60 लोग मारे गए।
*1 अक्टूबर 2001 जम्मू कश्मीर विधानसभा भवन पर हमला: जैश ए मोहम्मद ने 3 आत्मघाती हमलावरों और कार बम की सहायता से भवन पर हमला किया। इसमें 38 लोग मारे गए।
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#लखनऊ#उत्तर प्रदेश पंजाब के गुरदासपुर में सोमवार को हुए आतंकी हमले से एक बार फिर देश दहल गया है. इससे हमले ने देश में आतंकी खतरे का बड़ा संकेत दिया है.
पंजाब के दीनानगर कस्बे में सोमवार सुबह आतंकवादियों ने लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 12 लोगों की मौत की खबर आ रही है. इस आतंकी हमले में कई लोगों के घायल होने की सूचना भी मिल रही है. घायलों में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. इस मुठभेड़ में एक आतंकी के मारे जाने की भी खबर आ रही है. मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी हमले की जवाबी गोलीबारी में पंजाब पुलिस के एसपी शहीद हो गए हैं.
लेकिन यह कोई पहला मौका नहीं है, जब देश कोई आतंकी हमला झेल रहा है. इससे पहले भी भारत को कई आतंकी हमलों से दहल उठा है. आइए भारत पर हुए अब तक के आतंकी हमलों पर एक नजर डालते हैं :
4 जून 2015 मणिपुर में पुलिसवालों पर हमला
मणिपुर के चंदेल जिले में आतंकियों ने पुलिसवालों के काफिले पर हमला कर दिया, जिसमें 20 जवान शहीद हुए थे.
28 दिसंबर 2014 चर्च स्ट्रीट बम धमाका
बेंगलुरू के चर्च स्ट्रीट इलाके में बम धमाका हुआ था. इस ब्लास्ट में एक शख्स की मौत हुई थी.
21 फरवरी 2013 हैदराबाद सीरियल ब्लास्ट
हैदराबाद में सीरियल ब्लास्ट हुए, जिसमें 16 लोगों की मौत हुई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
26/11 मुंबई आतंकी हमला
10 आत्मघाती हमलावर मुंबई में हथियारों से लैस होकर घुसे. सीरियल बम धमाकों के अलावा आतंकियों ने कई जगहों पर अंधाधुंध फायरिंग की. आतंकियों ने नरीमन हाउस, होटल ताज और होटल ओबेराय को कब्जे में ले लिया था. इसमें कुल 166 लोग मारे गए थे और 293 लोग घायल हुए थे. आतंकी कसाब पकड़ा गया था, जबकि नौ आतंकी मारे गए थे.
13 जुलाई 2011 मुबंई सीरियल ब्लास्ट
मुंबई के तीन इलाकों में सीरियल ब्लास्ट हुए, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई और 130 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
13 फरवरी 2010 पुणे का जर्मन बेकरी ब्लास्ट
पुणे के जर्मन बेकरी में ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी और 60 लोग घायल हुए थे.
26 नवंबर 2008 मुंबई में फायरिंग
10 आतंकियों ने पूरी मुंबई को हिलाकर रख दिया. इन आतंकियों ने कई इलाकों में अंधाधुध फायरिंग की थी, जिसमें 171 लोगों की मौत हुई थी और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
30 अक्टूबर 2008 असम में धमाके
राजधानी गुवाहाटी के विभिन्न जगहों पर कुल 18 धमाके आतंकियों ने किए थे. इन धमाकों में कुल 81 लोग मारे गए, जबकि 470 लोग घायल हुए.
13 सितंबर 2008 में दिल्ली में हुए ब्लास्ट
दिल्ली के कई बड़े बाजारों में सीरियल ब्लास्ट हुए, जिसमें 21 लोगों की मौत हुई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए.
26 जुलाई 2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट
गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट में 45 लोगों की मौत और 150 लोग घायल हुए थे.
13 मई 2008 जयपुर ब्लास्ट
15 मिनट के अंदर 9 बम धमाकों से पिंक सिटी लाल हो गई थी. इन धमाकों में कुल 63 लोग मारे गए थे जबकि 210 लोग घायल हुए थे.
26 मई 2007 गुवाहाटी बम धमाके
गुवाहाटी में हुए धमाकों में 6 लोगों की मौत और 30 लोग घायल हुए थे.
8 सितंबर 2006 मालेगांव बम ब्लास्ट
महाराष्ट्र के मालेगांव की एक मस्जिद के पास बम ब्लास्ट, 37 लोगों की मौत और 125 घायल.
11 जुलाई 2006 मुंबई ट्रेन धमाका
मुंबई की लोकल ट्रेनों में अलग-अलग 7 बम धमाके हुए थे. सभी फर्स्ट क्लास कोच में बम रखे गए थे. इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था. इसमें कुल 210 लोग मारे गए थे और 715 लोग जख्मी हुए थे.
7 मार्च 2006 वाराणसी में हुए आतंकी हमले
वाराणसी में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हुई थी और 101 लोग घायल हो गए थे.
29 अक्टूबर 2005 दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट
दीवाली से दो दिन पहले आतंकियों ने 3 बम धमाके किए. 2 धमाके सरोजनी नगर और पहाड़गंज जैसे मुख्य बाजारों में हुए. तीसरा धमाका गोविंदपुरी में एक बस में हुआ. इसमें कुल 63 लोग मारे गए जबकि 210 लोग घायल हुए थे.
15 अगस्त 2004 असम में ब्लास्ट
असम में ब्लास्ट हुआ जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई. इनमें ज्यादातर स्कूली बच्चे शामिल थे.
25 अगस्त 2003 मुंबई में दोहरे कार धमाके
मुबंई में हुए दोहरे कार धमाके में 52 लोगों की मौत हो गई थी और 150 लोग घायल हो गए थे.
14 मई 2002 जम्मू के आर्मी कैंट पर आतंकी हमला
जम्मू के पास आर्मी कैंट पर आतंकी हमले में 30 लोगों की मौत हो गई थी.
24 सितंबर 2002 अक्षरधाम मंदिर पर हमला
लश्कर और जैश ए मोहम्मद के 2 आतंकी मुर्तजा हाफिज यासिन और अशरफ अली मोहम्मद फारुख दोपहर 3 बजे अक्षरधाम मंदिर में घुस गए. ऑटोमैटिक हथियारों और हैंड ग्रेनेड से उन्होंने वहां मौजूद लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया. इसमें 31 लोग मारे गए जबकि 80 लोग घायल हो गए थे.
13 दिसंबर 2001 भारतीय संसद पर हमला
लश्कर ए तैयबा और जैश मोहम्मद के 5 आतंकी भारत के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले संसद भवन परिसर में घुस गए. हालांकि सुरक्षा बलों ने आतंकियों को मार गिराया और आतंकी अपने मंसूबे में नाकाम हो गए. हमले के समय संसद भवन में 100 राजनेता मौजूद थे. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी और 3 संसद भवन कर्मी मारे गए.
1 अक्टूबर 2001 जम्मू कश्मीर विधानसभा भवन पर हमला
जैश ए मोहम्मद ने 3 आत्मघाती हमलावरों और कार बम की सहायता से भवन पर हमला किया. इसमें 38 लोग मारे गए.
14 फरवरी 1998 कोयम्बटूर धमाका
इस्लामिक ग्रुप अल उम्माह ने कोयम्बटूर में 11 अलग-अलग जगहों पर 12 बम धमाके किए. इसमें 200 लोग घायल हुए जबकि 60 लोग मारे गए थे.
12 मार्च 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट
पूरे मुंबई में सीरियल धमाके हुए. इन धमाकों के पीछे दाउद इब्राहिम और डी कंपनी का हाथ था. इसमें 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 लोग घायल हुए थे.
23 जून 1985 में एयर इंडिया के बोइंग 747-237B को बम से उड़ा दिया था
पंजाब के आतंकी गुट ने एयर इंडिया के बोइंग 747-237B कनिष्क विमान को 31,000 फीट की ऊंचाई पर बम से उड़ा दिया गया था. इस विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे.
मेरे टिवीटर एकाउन्ट को अधिक से अधिक फोलो करके विचार अभियान को विस्तार प्रदान करें - अरविन्द सिसौदिया इसे फोलो करें - Arvind S Sisodia @ArvindSSisodia https://x.com/ArvindSSisodia ध्येय साधना अमर रहे। ध्येय साधना अमर रहे। अखिल जगत को पावन करती त्रस्त उरों में आशा भरती भारतीय सभ्यता सिखाती गंगा की चिर धार बहे। इससे प्रेरित होकर जन-जन करे निछावर निज तन-मन-धन पाले देशभक्ति का प्रिय प्रण अडिग लाख आघात सहे। भीती न हमको छू पाये स्वार्थ लालसा नहीं सताये शुद्ध ह्नदय ले बढते जायें धन्य-धन्य जग आप कहे। जीवन पुष्प चढा चरणों पर माँगे मातृभूमि से यह वर तेरा वैभव अमर रहे माँ। हम दिन चार रहें न रहे। ------------- English :- dhyeya sādhanā amara rahe | dhyeya sādhanā amara rahe | akhila jagata ko pāvana karatī trasta uroṁ meṁ āśā bharatī bhāratīya sabhyatā sikhātī gaṁgā kī cira dhāra bahe | isase prerita hokara jana-jana kare nichāvara nija tana-mana-dhana pāle deśabhakti kā priya praṇa aḍiga lākha āghāta sahe | bhītī na hamako chū pāye svārtha lāla...
बालपन से 'आप कौन से राजपूत हैं 'का जवाब 'मैं सेंगर राजपूत हूँ 'कहते हैं तब मन में जिज्ञासा होती है कि सेंगर, राजपूत कौन हैं । जिनके हम वंशज हैं। मेरे मामाजी सेंगर हैं सो .... फिर मैंने राजपूतों विशेषकर सेंगर राजपूतों के उद्भव, विस्तार और वर्तमान को उपलब्ध साक्ष्यों, परम्पराओं, कुलधर्मिता, श्रुतियों, पौराणिक कथाओं और राजपूतों के उपलब्ध इतिहास को देखा, सुना,पढ़ा। फलतः मैंने इस राजवंश को त्रेतायुगीन श्रृंगी ऋषि से प्रारम्भ होकर आज सम्पूर्ण अविभाजित भारत व श्रीलंका तक विस्तारित पाया। चूँकि कोई क्रमबद्ध इतिहास सुलभ नहीं है अतः टूटी कड़ियों को जोड़ कर 'निश्चित रूप से ऐसा ही था 'वाला इतिहास नहीं बनाया जा सकता। लेकिन मुझे अपने प्रयास से बहुत ही आत्मसंतुष्टि मिली कि हमारी वंश परम्परा कुछ ऐसे ही यहाँ तक पहुँची है। आइए चलते हैं इस वंश यात्रा पर विहंगम दृष्टि डालने। क्षत्रिय कौन, फिर सेंगर क्षत्रिय कौन -- हमारे सनातन धर्म या जीवन पद्धति में स्वभावज गुणों से प्रेरित कर्मों के आधार पर मानव समाज को चार वर्णों; अर्थात ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र; में विभाजित किया गया है। ...
ओ गोरे धोरा री धरती रो, पिच रंग पाड़ा री धरती रो पितळ पाथळ री धरती रो, मीरा कर्माँ री धरती रो कितरो, कितरो मैं कराँ रे बखाण कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान घर गूंज्या भाई धर्मजला घर गूंज्या भाई धर्मजला धर्मजला भाई धर्मजला हो हो कोटा बूंदी भलो भरतपुर, अलवर और अजमेर कोटा बूंदी भलो भरतपुर, अलवर और अजमेर पुष्कर तीरथ बडो के जिणरी महिमा चारो उमेर दे अजमेर शरीफ औलिया ... (२), नित सत रो परमाण कितरो, कितरो मैं कराँ रे बखाण कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान घर गूंज्या भाई धर्मजला घर गूंज्या भाई धर्मजला धर्मजला भाई धर्मजला हो हो दशों दिशा वा में गूंजे रे, वीरां रो गुणगान दशों दिशा वा में गूंजे रे, वीरां रो गुणगान हल्दीघाटी अर प्रताप रे तप पर जग कुर्बान चेतक अर चित्तौड़ पर सारे .. (२) जग ने है अभिमान कितरो, कितरो मैं कराँ रे बखाण कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान घर गूंज्या भाई धर्मजला घर गूंज्या भाई धर्मजला धर्मजला भाई धर्मजला हो हो उदियापुर में एकलिंगजी, गणपति रणथम्भोर उदियापुर में एकलिंगजी, गणपति रणथम्भोर जयपुर में आमेर भवानी, जोधाणे मंडौर बिकाणे में करणी माता ... (२), राठोडा री शान कितरो, कितरो ...
हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे August 09, 2018 हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे संगठन का भाव भरते जा रहे ॥ध्रु.॥ यह सनातन राष्ट्र मंदिर है यहां वेद की पावन ऋचाएं गूंजती प्रकृति का वरदान पाकर शक्तियां देव निर्मित इस धरा को पूजती हम स्वयं देवत्व गढ़ते जा रहे ॥1॥ हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे राष्ट्र की जो चेतना सोई पड़ी हम उसे फिर से जगाने आ गए परम पौरुष की पताका हाथ ले क्रांति के नवगीत गाने आ गए विघ्न बाधा शैल चढ़ते जा रहे ॥2॥ हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे हम करें युवाओं का आह्वान फिर शक्ति का नव ज्वार पैदा हो सके राष्ट्र रक्षा का महा अभियान ले संगठन भी तीव्रगामी हो सके लक्ष्य का संधान करते जा रहे ॥3॥ हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे
हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत हमें वीर केशव मिले आप जबसे, नयी साधना की डगर मिल गयी है ॥ध्रु॥ भटकते रहे ध्येय-पथ के बिना हम, न सोचा कभी देश क्या, धर्म क्या है? न जाना कभी पा मनुज-तन जगत में, हमारे लिए श्रेष्ठतम कर्म क्या है? दिया ज्ञान मगर जबसे आपने है, निरंतर प्रगति की डगर मिल गई है ॥१॥ समाया हुआ घोर तम सर्वदिक था, सुपथ है किधर कुछ नहीं सूझता था । सभी सुप्त थे घोर तम में अकेला, ह्रदय आपका हे तपी जूझता था । जलाकर स्वयं को किया मार्ग जगमग, हमें प्रेरणा की डगर मिल गई है ॥२॥ बहुत थे दुखी हिन्दू निज देश में ही, युगों से सदा घोर अपमान पाया । द्रवित हो गए आप यह दृश्य देखा, नहीं एक पल को कभी चैन पाया । ह्रदय की व्यथा संघ बनकर फूट निकली, हमें संगठन की डगर मिल गई है ॥३॥ करेंगे हम पुनः सुखी मातृ-भू को, यही आपने शब्द मुख से कहे थे । पुनः हिन्दू का हो सुयश गान जग में, संजोए यही स्वप्न पथ पर बढ़ रहे थे । जला दीप ज्योतित किया मातृ-मंदिर, हमें अर्चना की डगर मिल गई है ॥४॥
विश्व धरोहर बने राजस्थान के 6 किले राजस्थान को मिली अंतर्राष्ट्रीय पहचान कंबोडिया में यूनेस्को और वल्र्ड हैरिटेज काउंसिल की ओर से राजस्थान की इन छह हैरिटेज साइट्स को वल्र्ड हैरिटेज साइट्स में शामिल करने की घोषणा हो गई है। भारत से इस बार राजस्थान के एक साथ छह दुर्गों का चयन हुआ है, जो देश और राज्य दोनों के लिए बड़ी उपलब्धि है। हालांकि वल्र्ड हैरिटेज में शामिल होने से देश और राज्य को किसी भी तरह का फंड या राशि नहीं मिलती है, फिर भी इन धरोहरों की पहचान वैश्विक स्तर बढ़ जाती है। इससे पर्यटन उद्योग को काफी लाभ होता है। इन स्मारकों में जैसलमेर, चित्तौडग़ढ़, रणथंभौर और कुंभलगढ़ इन चार किलों का संरक्षण भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण करता है, जबकि बाकी दो आमेर और गागरोण किलों का संरक्षण राज्य सरकार करती है। ये किले 8वीं सदी से 19वीं सदी के बीच बने हैं, जो राजपूताना शैली को चित्रित करते हैं।गागरोण दुर्ग की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था। झालवाड़ा में बने इस दुर्ग के निर्माण में भौगोलिक स्थितियों का पूरा ध्यान रखा गया है। इसकी बनावट पहाड़ी की बनावट के अनुरूप ही रखी गई है, जिस...
कांग्रेस स्वप्न में भी सत्ता वापसी नहीं कर सकती - अरविन्द सिसोदिया भजनलाल शर्मा के 20 महीने गहलोत सरकार के 5 साल पर भारी - अरविंद सिसोदिया कोटा 13 अक्टूबर। भाजपा राजस्थान के मीडिया संपर्क विभाग के प्रदेश सहसंयोजक एवं राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यासी अरविंद सिसोदिया ने कांग्रेस की वरिष्ठनेता एवं पूर्व केबिनेट मंत्री ममता भूपेश के भजनलाल शर्मा सरकार के विरुद्ध दिये बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि " कांग्रेस राजस्थान में सत्ता वापसी की बात भूल जाये, भजनलाल शर्मा सरकार नें बीस महीनेँ में ही कांग्रेस के गत पांच साल की ही नहीं बल्कि कांग्रेस की तीन गहलोत सरकारों को भी पीछे छोड़ा दिया है। " उन्होंने कहा कि " कांग्रेस कुर्सी प्रधान पार्टी है जिसमें जनहित को कोई जगह नहीं है,गत गहलोत सरकार के भी साढ़े चार साल कुर्सी युद्ध के सर्कस में ही गुजरे थे और तब जनता खुटी पर टांग दी गई थी। इसी से राजस्थान की जनता नें गहलोत और कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया । " सिसोदिया नें कहा...
Om G Bhai Sab मित्रों आज शिवाजी जयंती है। 1303 इ. में मेवाड़ से महाराणा हम्मीर के चचेरे भाई सज्जन सिह कोल्हापुर चले गए थे। इन्ही की 18 व़ी पीढ़ी में छत्रपति शिवाजी महाराज पैदा हुए थे। ये सिसोदिया थे। सिसोदिया राजपूत वंश के कुलनायक महाराणा प्रताप के वंशज छत्रपति शिवाजी महाराज की आज जयंती है ... शूरवीरता के साक्षात अवतार लोकराज के पुरोधा छत्रपति शिवाजी महाराज के इस जन्मोत्सव पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें ----------------------- राज्याभिषेक सन् १६७४ तक शिवाजी ने उन सारे प्रदेशों पर अधिकार कर लिया था जो पुरन्दर की संधि के अन्तर्गत उन्हें मुगलों को देने पड़े थे। पश्चिमी महारष्ट्र में स्वतंत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के बाद शिवाजी ने अपना राज्याभिषेक करना चाहा, परन्तु ब्राहमणों ने उनका घोर विरोध किया। शिवाजी के निजी सचीव बालाजी आव जी ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और उन्होंने ने काशी में गंगाभ नमक ब्राहमण के पास तीन दूतो को भेजा, किन्तु गंगा ने प्रस्ताव ठुकरा दिया क्योकि शिवाजी क्षत्रिय नहीं थे , उसने कहा की क्षत्रियता का प्रमाण लाओ तभी वह राज्याभ...
आरएसएस ( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ) की शाखा स्वंय सेवकों को अनुशासन में रहना सिखाती है। शाखा के माध्यम से स्वयंसेवकों का मानसिक, शारीरिक व बौद्धिक विकास कराया जाता है। स्वयंसेवकों को बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत के भू-भाग को भारत माता मानता है एवं संपूर्ण विश्व को वसुधैव कटुंबकम् के रुप में देखता है। संघ का मुख्य उद्देश्य सेवा कार्य है एवं संघ राष्ट्रभक्ति की कार्यशाला है। स्वयंसेवकों को राष्ट्र के प्रति समर्पित एवं सर्वस्पर्शी बनाने में तत्पर रुप से लगा हुआ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाने के 10 लाभ: 1. सुबह 5 बजे उठने की आदत पड़ती है और सूर्योदय देखने का अवसर प्राप्त होता है। 2. शारीरिक मानसिक व्यायाम करने का अवसर मिलता है जिससे तनाव और अवसाद दूर होता है 3. नए लोगों से संपर्क होता है फलस्वरूप बौद्विक स्तर बढ़ता है और बातचीत की शैली अच्छी होती है। 4. हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और मानवीय मूल्यों का विकास होता है। 5. जातिवाद भाषावाद क्षेत्रवाद की भावना समाप्त होती है और राष्ट्रवाद की भावना बढ़ती हैं। 6. सनातन धर्म और सनातन संस्कृति का ज्ञान तथा सनातन ...
**** हिन्द भूमि की हम संतान ---- हिन्दु भूमि की हम संतान नित्य करेंगे उसका ध्यान नील गगन मे लहराएंगे भगवा अमर निशान ॥धृ॥ स्वार्थ छोड कर सब अपना माया ममता का सपना नींद हमारी छोडे हम आगे कदम बढाए हम कदम कदम पर हिल मिल गाए यह स्फूर्ती का गान ॥१॥ झगडे छोडे ऐक्य करे हम धर्म संस्कृती नही भूले हम इतिहासो की साक्षी ले हम नर वीरो का स्मरण करे हम विपद स्थिति से मातृभूमी का करना है उत्थान ॥२॥ संघ कार्य आसान नही है लेकिन डरना काम नही है निशी दिन कष्ट उठाना है कार्य पूर्ती अब करनी है मातृभूमी का मान बढाने होना है बलिदान ॥३॥ रामचन्द्र की भूमी यही है नन्दलाल की भूमी यही है क्षात्र धर्म का तेज यही है मानवता का मोल यही है देश भक्त और नर वीरो का प्यारा हिन्दुस्थान ॥४॥
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