रघुवीरसिंह कौशल: प्रखर राजनेता और रक्तदान के प्रेरणा पुरूष
भाई साहब रघुवीरसिंह कौशल: प्रखर राजनेता और मानव सेवा तथा रक्तदान के प्रेरणा पुरूष
- अरविन्द सिसौदिया जिला महामंत्री भाजपा कोटा
9414180151
9509559131
55 वर्ष के लगभग राजनैतिक जीवन में बेदाग छवि के व्यक्ति, राजस्थान विधानसभा में कुशाग्र वक्ता एवं दबंग किसान नेता के रूप में ख्याती प्राप्त विधायक रहे। स्पष्टतावादिता के लिए विख्यात रघुवीरसिंह कौशल ने नैतिकता के मुद्दों पर अपनी पार्टी को भी अनेकों अवसरों पर नहीं बख्शा। निर्विवाद छवि हेतु सभी राजनैतिक पार्टियों के नेताओं के लिए एक आदर्श मार्ग आपने प्रस्तुत किया ।
कौशल राजस्थान में लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं के जनक, सहकार राजनीती के स्थापक, जी एस एसों का जाल बिछानें वाले तथा रक्तदान , वृक्षारोपड, मरीजों की सेवा और विद्यादान के प्रेरक हैं।
उन्होने राजनीति को मानव सेवा का माध्यम बना कर अनूठी मिशाल पेश की , अनेकों बार उनके भाषणों में होता था ” वास्तविक गरीवों के बीपीएल का कार्ड बनवाया कि नहीं, मरीजों को देखने अस्पताल जाते हो कि नहीं , जरूरतमंद के इलाज को दान देतो हो कि नहीं , होली दिवाली गरीबों के घर राम राम करने जाते हो कि नहीं। “ उनका कहना रहता था कि हम अपने स्टेटस से, व्यक्तित्व से, क्षमता से जरूरतमंद की सेवा अवश्य करें, उनके काम अवश्य आयें।
उनके पास अक्सर इलाज और स्कूल की फीस के लिये लोग पहुंचते रहते थे और वे अक्सर सामने बैठे किसी भी कार्यकर्ता से पैसा मांग कर उसका काम करवा देते थे। प्रधानमंत्री सहायता कोष ओर मुख्यमंत्री सहायता कोष से लोगों के इलाज करवाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी। वे राजस्थन के एक मात्र इस तरह के सांसद थे कि जो प्रधानमंत्री कार्यालय में इलाज के लिये स्पेशल केस स्विकृत करवाने जाते थे। उनके कार्यकाल में जयपुर और दिल्ली के निवासों पर अक्सर दो चार मरीज इलाज के लिये ठहरे हुये मिलते ही थे। वे उनकी चाय पानी भोजन से लेकर अस्पताल तक जाने आने की चिंता करते थे।
उन्होने अपना जन्मदिन हमेशा ही तीर्थ स्थलों पर मनाया और वे अपनी मित्र मण्डली के साथ र्तीथ यात्रायें करते थे। 75 वां जन्मदिन धूमधाम से मनायें जानें का तय हुआ तो उन्होने आयोजन का स्पष्टता से मना करते हुए समाज को प्रेरणा देने के लिये , जन्मदिन पर, विवाह की सालगिरह पर , परिजनों की तेरहवीं पर, रक्तदान शिविरों के आयोजन की परम्परा डाली। वे कहता थे जोडे से रक्तदान करने पर ग्यारह गणा पुण्य मिलता हे। इस प्रकार महिलाओं में भी रक्तदान की जागरूकता के वे प्रेरक रहे। रक्तदान जो कि आज कोटा में फैसन के रूप में प्रचलित है उनकी ही देन है।
किसानों के हित में कार्यों में वे हमेशा ही अग्रणी रीे, राजनैतिक जीवन में सामाजिक कार्यों के प्रति वे हमेशा ही सजग एवं प्रयत्नशील रहे बीमारों का इलाज करवाने में हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाई । उन्होने अपने 75वें जन्म दिवस पर रक्तदान शिविारों की श्रृंखला आयोजित करवाई जिसमें 1500 यूनिट से अधिक रक्त एकत्र हुआ था। इसबे बाद प्रत्येक जन्म दिवस पर रक्तदान शिविर करवाया जो कोटा में एक प्रेरणा के रूप में स्थापित हो कर सम्पूर्ण हाडौती में फैल गया । एम बी एस स्थित ब्लड बैंक को एम्बूलैस एवं उन्नयन हेतु राशीयां दीं। आई एम ए हाल्ल के उन्नयन के लिये राशियां दीं। बर्नवार्ड और यूरोलोजी के लिये सांसद कोष से राशियां दीं। केसर विभाग के उन्नयन के लिये केन्द्र सरकार से राषी दिलवाई औश्र उसके उन्नयन के सतत प्रयत्न किये।
सांसद काल में सांसद कोष की राशी से बांयी मुख्य नहर की सफाई करवा कर टेल पर पानी पहुंचवाने का वर्षों से लंबित अत्यंत आवश्यक कार्य करवाया । गांव - गांव हेन्डपंप और टियूब बैल लगवाकर पेयजल समस्याओं का निदान करवाया । पेयजल की टंकियों के निर्माण और कस्बों में एम्बूलेंसों के लिये सांसद कोष से राशीयां दीं।
ऊर्जा मंत्री रहते हुए जी एस एसों का जाल बिछाया तो वन मंत्री के रूप में सघन वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया । शिक्षा के क्षैत्र में भमाशाहों को आगे लाने की परम्परा भी आपने प्रारम्भ की, स्वंय के गांव में विद्यालय की स्थापना हेतु भूमि दान की । आज वहां उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित है।
आध्यात्म में गहरी रूची वाले कौशल हनुमानजी के परम भक्त हैं वे नित्य सुन्दरकाण्ड का पाठ करते हैं। उन्हे सुन्दरकाण्ड पूरा याद है। धर्मिक कार्यों एवं विचारों की उनके समक्ष सर्वोच्च प्राथमिका रही है।
ग्राम भोज्याखेडी के सरपंच से राजनैतिक यात्रा प्रारम्भ कर विधायक, मंत्री और सांसद तक की यात्रा निर्विधन जारी रही, राजनीति में व्यवहारिकता का उदाहरण बनें , यही कारण है कि बच्चे से लेकर बूढे़ तक के भाई साहब के नाम से पुकारे जाते रहे । 82 वर्ष की आयु में भी वे सामाजिक एवं अन्य विविध कार्यक्रमों में भाग लेते रहे। 2009 से सक्रीय राजनैतिक जीवन से सन्यास के पश्चात भी वे लगातार पार्टी के मार्ग दर्शक बनें।
उनकी राजनैतिक सूझ बूझ को पार्टी में बहुत ही महत्वपूर्ण रूप से लिया जाता था। आपने राजाखेडा तथा झुंन्झुनू के विधानसभा उपचुनावों में पार्टी को पहलीवार विजयी दिलाई थी। आप लगातार संगठन एपं जनप्रतिनिधि चुनावों के प्रभारी रहे हैं।
पार्टी में प्रदेश महामंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष पद पर पदासीन रहे । सांसद चुने जानें पर आप राजस्थान सांसद सेल के अध्यक्ष सुषोभित किया।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के स्वंयसेवक: दामोदर प्रसाद शांडिल्य के अनुसार
श्री कौशल शिक्षण काल में ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड गये थे आप न्याय मंदिर शाखा , रामतलाई मैदान एवं शक्ति शाख अफीम गोदाम के स्वंयसेवक रहे। जिला एवं विभाग कार्यवाह सहित संघ की अखिल भारतीय कार्यकारणी के सदस्य भी रहे। संघ की विभाग, प्रांत एवं क्षैत्र स्तरीय समन्वय शाखाओं के सदस्य भी रहे। आपने ओटीसी इन्दौर से की थी तथा तृतीय वर्ष पूर्ण करके शिक्षित थें। आपने अटलबिहारी वाजपेयी , लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी, कुशाभाऊ ठाकरे, हरीदत्त पाठक सहित विभिन्न विभूतियों से मार्गदर्शन लेकर पूर्ण निष्ठा से कर्त्तव्य परायणता का परिचय दिया। कोटा में जब लालकृष्ण आडवाणी जी संघ के प्रचारक थे तब कौशलजी ने उनके साथ साथ कार्य किया।
जीवन परिचय
रघुवीरसिंह कौशल का जन्म 24 फरवरी 1933 में, अंता के पास स्थित किसान परिवार में, ग्राम भोज्याखेड़ी में हुआ था। उनके पिताजी का नाम स्व0 कन्हैयालाल जी कौशल एवं माताजी का नाम श्रीमति सोमवती देवी था। आप दो भाई एवं सात बहिनें थीं। आपका विवाह 10 फरवरी 1954 में कोटा नयापुरा की श्रीमति शकुन्तला देवी से हुआ । आपके दोपुत्र अरविन्द कौशल एवं अतुल कौशल तथा एक पुत्री अंजना कौशल है। भरे पूरे परिवार में 4 पौत्र 1 पौत्र वधु तथा एक पडपोती भी है।
आपकी प्रारम्भिक शिक्षा अंता कस्बे में तथा उच्च शिक्षा कोटा में हुई, आपने बीए , एलएलबी किया है। आप एक सफल कृषक रहे हैं कृषि पंडित की उपाधी आपको गन्ना उत्पादन के लिये मिली थी।
आपका जुडाव बचपन से ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से हो गया था, आप ने इस संगठन के अनेकों पदों पर कार्य करते हुऐ विभाग कार्यवाह के पद तक कार्य किया। आप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं भारतीय किसान संघ के राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष रहे। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
आप हाडौती के पहले सहकार नेता हैं जिन्होने सहकारी संस्थाओं को प्राथमिक स्तर तक ले जानें का महती कार्य किया, सेंट्रल कोपरेटिव बैंक के अध्यक्ष, जिला सहकार संघ के अध्यक्ष, मार्केटिंग समिती अंता के अनेंकों बार, अध्यक्ष, कृषि उपज मण्डी अंता के भी अनंेकों बार अध्यक्ष रहे हें।
आप आपातकाल के दौरान 18 महीनें तक मीसाबंदी रहे हें। श्रीराम मंदिर मुक्ती आंदोलन में आप राजस्थान के इन्चार्ज रहे हें। कश्मीर आंदोलन, गौरक्षा आंदोलन सहित संघ विचारधारा के लगभग सभी आंदोलनों एवं कार्यक्रमों आपने अगुवाई की है।
आपातकाल के दौरान कौशल कोटा एवं अजमेर जेल में रहे हैं। उनके जेल के दौश्रान भी आपातकाल के विरूद्ध संघर्ष की समस्त गतिविधियां कौषल निवास नयापुरा कोटा सं संचालित होती थीं, मुख्य चिन्ता जेल में बंदी अन्य कार्यकर्ताओं के घरों की रासन व्यवस्था और अन्य कठनाईयों में मदद करना रहता था।
श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में कौशल विधायक एवं राजस्थान से प्रभारी थे। जब छांचा छह गया तब पुनः श्रीराम मंदिन की स्थापना एवं त्वरत कार्य की योजना में वे भी थे और रातो रात अषेध्या में डांचे के मलवे के ऊपर श्रीराम का मंदिर निर्माण एवं पूर्जा अर्चना प्रारम्भ करने वाली टोली के वे अहम हिस्सा थे।
जनप्रतिनिधि क्षैत्र में सरपंच से राजनैतिक यात्रा प्रारम्भ कर चार बार विधायक , दो बार सांसद एवं राजस्थान सरकार में मंत्री भी रहे। सांसद रहते हुऐ राजस्थान सांसद दल के अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान अनको कमेटियों के सदस्य के रूप में भी आपने कार्य किया। इजराईल, ब्रिटेन , अमरीका एवं वेस्टइंडीज की विदेश यात्रायें की!
राजनैतक रूप से आपने अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवानीजी, भैरोंसिंह शेखावत,सुन्दरसिंह जी भण्डारी, ललितकिशोर चतुर्वेदी, हरीशंकर जी भाभडाजी, भंवरलाल शर्मा जी एवं श्रीमति वसुधरा राजे सिंधिया के साथ कार्य किया है।
ऐतिहासिक क्षण 24 नवम्बर 2013 अंता
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी ने अंता में हुआ जन सभा में पूर्व सांसद रघुवीरसिंह कौशल के पैर मंच पर छुऐ।
बांरा जिले में:-
1. बांरा को जिला बनाया
2. बांरा में मिनि सचिवालय भवन का निर्माण करवाया
3. कालीसिंध नदी पर बडा पुल बनवाया
4. बांरा में रेल्वे ओवर ब्रिज की प्रक्रिया कौशल ने ही प्रारम्भा करवाई थी।
5. बांरा में जिला बनने से पूर्व अतिरक्त जिला अधिकारी स्तर के अनेकानेक कार्यालयों की स्थापना करवाई।
6. बांरा के जिला बनने पर जिला स्तरीय कार्यालय स्थापित करवाये।
7. लिफ्ट योजनायें चालू करवाईं
8. पूर्व - पश्चिम कारीडोर कोें बांरा कोटा बूंदी के रास्ते निलवाया , जिससे फोर लेन सड़क बन गई और कोटा में हैंगिग ब्रिज चम्बल पर बन रहा है।
9. कोटा बीना रेल लाईन का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कौशल की ही देन है।
कोटा जिले में:-
1. आई एल को बचाया
2. पूर्व - पश्चिम कारीडोर कोें बांरा कोटा बूंदी के रास्ते निलवाया , जिससे फोर लेन सड़क बन गई और कोटा में हैंगिग ब्रिज चम्बल पर बन रहा है।
3. कोटा बीना रेल लाईन का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कौशल की ही देन है।
4. ग्वालियर-श्योपुर नेरोगेज रेल लाईन को ब्राडगेज में बदलने और कोटा से जोडने के कौशल के प्रयास से ही यह रेल लाईन इटावा दीगोद होते हुऐ कोटा आयेगी।
5. अजमेर के नसीराबाद से बूंदी तक नयारेल मार्ग बनाये जाने के प्रयासों से ही सर्वे संभव हुआ , आगे यह लाईन भी बनेगी।
6. कोटा स्टेशन एवं ढकनिया पर रेल आरक्षण कार्यालय भी आपकी ही देन है।
7. कोटा में नया हवाई अडडा हेतु आपने प्रयास किये मण्डना के पास जमीन का सर्वे भी करवाया था। प्रयास अभी तक अधूरा है।
8. एनीकटों के जाल बिछवाये
बूंदी जिल में:-
1. बांयी मुख्य नहर की साफ सफाई करवा कर, टेल पर पानी पहुंचवाया ।
2. चाकन बांध बनवाया
विशेष:- कोटा में कर्फयू लगने पर जनता एवं कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करना
आंदोलन
1. कश्मीर मुक्ति आंदोलन
2. गौहत्या विरोधी आंदोलन
3. खुशहाली टैक्स को हटवानें का आंदोलन
4. श्रीराम मंदिर आंदोलन
5. आपातकाल में 18 महीने जेल यात्रा
6. कोटा में रेल रोको आंदोलन के गिरफतारों को मुक्त करवानें का आंदोलन
अंता - संर्घष का मुख्य केन्द्र
1. नहरों के साथ ही सिंचित भूमि पर खुशहीली टैक्स मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया ने लगाया, जिसके विरूद्ध किसान संघर्ष समिति बना कर रघुवीरसिंह कौशल ने 10 हजार किसानों के साथ प्रदर्शन कर मॉफ करवाया ।
2. सरपंचकाल में डाबरी नक्कीजी गांव में नदी पर छोटासा पम्प हाउस बनाकर सिंचाई प्रारम्भ करवाई जो कि आगे जा कर लिफ्ट एरीकेशन की जनक बनीं । यही पम्प हाउस बाद में परवन सिंचाई परियोजना के रूप् में स्थापित है।
3. प्रथम विधायक काल ( 1977 - 80 ) में प्रथम बार दांयीं मुख्य नहर पर लिफ्ट योजनायें स्विकृत करवाईं जो कि उंचाई वाले असिंचित क्षैत्र के लिये वरदान साबित हुईं। अपने आप में तब अनूठी पहल थी। इसमें देहल्याहेड़ी, चक शाहबाद, पचेल खुर्द आदि में स्थापित हैं।
4. 1977 में अंता को नगर पालिका बनवाया
5. अंता में एनटीपीसी की स्थापना
6. अंता में दांयी मुख्य नहर के एक्सईएन द्वितीय का कार्यालय खुलवाया
7. अंता में सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र खुलवाया
8. पलायथा ब्रांच पर सड़क बनवाई
9. अंता मार्केटिंग के अध्यक्ष रहते हुऐ मार्केटिंग भवन बनवाया
10. अंता को नायब तहसील और बाद में तहसील बनवाया
11. अंता पुलिस का डीएसपी कार्यालय
12. अंता एसीएम कार्यालय खुलवाया,
13. अंता न्यायालय खुलवाया
14. अंता में कृषि विज्ञान केन्द्र खुलवाया
15. अंता में औघैगिक प्रशिक्षण संस्थान खुलवाया
16. अंता में सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम का निर्माण
17. अंता सार्वजनिक निर्माण विभाग का सहायक अभियंता कार्यालय खुलवाया
18. अंता बिजली विभाग का सहायक अभियंता कार्यालय खुलवाया
19. प्राथमिक विद्यालय एवं प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र बडवा, पलायथा, पचेलकला,मिर्जापुर आदि को बनवाया। आयुर्वेदिक औषधालय बनवाये।
20. पर्यटन स्थल नागदा एवं सोरसन का विकास करवाया।
- अरविन्द सिसौदिया जिला महामंत्री भाजपा कोटा
9414180151
9509559131
55 वर्ष के लगभग राजनैतिक जीवन में बेदाग छवि के व्यक्ति, राजस्थान विधानसभा में कुशाग्र वक्ता एवं दबंग किसान नेता के रूप में ख्याती प्राप्त विधायक रहे। स्पष्टतावादिता के लिए विख्यात रघुवीरसिंह कौशल ने नैतिकता के मुद्दों पर अपनी पार्टी को भी अनेकों अवसरों पर नहीं बख्शा। निर्विवाद छवि हेतु सभी राजनैतिक पार्टियों के नेताओं के लिए एक आदर्श मार्ग आपने प्रस्तुत किया ।
कौशल राजस्थान में लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं के जनक, सहकार राजनीती के स्थापक, जी एस एसों का जाल बिछानें वाले तथा रक्तदान , वृक्षारोपड, मरीजों की सेवा और विद्यादान के प्रेरक हैं।
उन्होने राजनीति को मानव सेवा का माध्यम बना कर अनूठी मिशाल पेश की , अनेकों बार उनके भाषणों में होता था ” वास्तविक गरीवों के बीपीएल का कार्ड बनवाया कि नहीं, मरीजों को देखने अस्पताल जाते हो कि नहीं , जरूरतमंद के इलाज को दान देतो हो कि नहीं , होली दिवाली गरीबों के घर राम राम करने जाते हो कि नहीं। “ उनका कहना रहता था कि हम अपने स्टेटस से, व्यक्तित्व से, क्षमता से जरूरतमंद की सेवा अवश्य करें, उनके काम अवश्य आयें।
उनके पास अक्सर इलाज और स्कूल की फीस के लिये लोग पहुंचते रहते थे और वे अक्सर सामने बैठे किसी भी कार्यकर्ता से पैसा मांग कर उसका काम करवा देते थे। प्रधानमंत्री सहायता कोष ओर मुख्यमंत्री सहायता कोष से लोगों के इलाज करवाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी। वे राजस्थन के एक मात्र इस तरह के सांसद थे कि जो प्रधानमंत्री कार्यालय में इलाज के लिये स्पेशल केस स्विकृत करवाने जाते थे। उनके कार्यकाल में जयपुर और दिल्ली के निवासों पर अक्सर दो चार मरीज इलाज के लिये ठहरे हुये मिलते ही थे। वे उनकी चाय पानी भोजन से लेकर अस्पताल तक जाने आने की चिंता करते थे।
उन्होने अपना जन्मदिन हमेशा ही तीर्थ स्थलों पर मनाया और वे अपनी मित्र मण्डली के साथ र्तीथ यात्रायें करते थे। 75 वां जन्मदिन धूमधाम से मनायें जानें का तय हुआ तो उन्होने आयोजन का स्पष्टता से मना करते हुए समाज को प्रेरणा देने के लिये , जन्मदिन पर, विवाह की सालगिरह पर , परिजनों की तेरहवीं पर, रक्तदान शिविरों के आयोजन की परम्परा डाली। वे कहता थे जोडे से रक्तदान करने पर ग्यारह गणा पुण्य मिलता हे। इस प्रकार महिलाओं में भी रक्तदान की जागरूकता के वे प्रेरक रहे। रक्तदान जो कि आज कोटा में फैसन के रूप में प्रचलित है उनकी ही देन है।
किसानों के हित में कार्यों में वे हमेशा ही अग्रणी रीे, राजनैतिक जीवन में सामाजिक कार्यों के प्रति वे हमेशा ही सजग एवं प्रयत्नशील रहे बीमारों का इलाज करवाने में हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाई । उन्होने अपने 75वें जन्म दिवस पर रक्तदान शिविारों की श्रृंखला आयोजित करवाई जिसमें 1500 यूनिट से अधिक रक्त एकत्र हुआ था। इसबे बाद प्रत्येक जन्म दिवस पर रक्तदान शिविर करवाया जो कोटा में एक प्रेरणा के रूप में स्थापित हो कर सम्पूर्ण हाडौती में फैल गया । एम बी एस स्थित ब्लड बैंक को एम्बूलैस एवं उन्नयन हेतु राशीयां दीं। आई एम ए हाल्ल के उन्नयन के लिये राशियां दीं। बर्नवार्ड और यूरोलोजी के लिये सांसद कोष से राशियां दीं। केसर विभाग के उन्नयन के लिये केन्द्र सरकार से राषी दिलवाई औश्र उसके उन्नयन के सतत प्रयत्न किये।
सांसद काल में सांसद कोष की राशी से बांयी मुख्य नहर की सफाई करवा कर टेल पर पानी पहुंचवाने का वर्षों से लंबित अत्यंत आवश्यक कार्य करवाया । गांव - गांव हेन्डपंप और टियूब बैल लगवाकर पेयजल समस्याओं का निदान करवाया । पेयजल की टंकियों के निर्माण और कस्बों में एम्बूलेंसों के लिये सांसद कोष से राशीयां दीं।
ऊर्जा मंत्री रहते हुए जी एस एसों का जाल बिछाया तो वन मंत्री के रूप में सघन वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया । शिक्षा के क्षैत्र में भमाशाहों को आगे लाने की परम्परा भी आपने प्रारम्भ की, स्वंय के गांव में विद्यालय की स्थापना हेतु भूमि दान की । आज वहां उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित है।
आध्यात्म में गहरी रूची वाले कौशल हनुमानजी के परम भक्त हैं वे नित्य सुन्दरकाण्ड का पाठ करते हैं। उन्हे सुन्दरकाण्ड पूरा याद है। धर्मिक कार्यों एवं विचारों की उनके समक्ष सर्वोच्च प्राथमिका रही है।
ग्राम भोज्याखेडी के सरपंच से राजनैतिक यात्रा प्रारम्भ कर विधायक, मंत्री और सांसद तक की यात्रा निर्विधन जारी रही, राजनीति में व्यवहारिकता का उदाहरण बनें , यही कारण है कि बच्चे से लेकर बूढे़ तक के भाई साहब के नाम से पुकारे जाते रहे । 82 वर्ष की आयु में भी वे सामाजिक एवं अन्य विविध कार्यक्रमों में भाग लेते रहे। 2009 से सक्रीय राजनैतिक जीवन से सन्यास के पश्चात भी वे लगातार पार्टी के मार्ग दर्शक बनें।
उनकी राजनैतिक सूझ बूझ को पार्टी में बहुत ही महत्वपूर्ण रूप से लिया जाता था। आपने राजाखेडा तथा झुंन्झुनू के विधानसभा उपचुनावों में पार्टी को पहलीवार विजयी दिलाई थी। आप लगातार संगठन एपं जनप्रतिनिधि चुनावों के प्रभारी रहे हैं।
पार्टी में प्रदेश महामंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष पद पर पदासीन रहे । सांसद चुने जानें पर आप राजस्थान सांसद सेल के अध्यक्ष सुषोभित किया।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के स्वंयसेवक: दामोदर प्रसाद शांडिल्य के अनुसार
श्री कौशल शिक्षण काल में ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड गये थे आप न्याय मंदिर शाखा , रामतलाई मैदान एवं शक्ति शाख अफीम गोदाम के स्वंयसेवक रहे। जिला एवं विभाग कार्यवाह सहित संघ की अखिल भारतीय कार्यकारणी के सदस्य भी रहे। संघ की विभाग, प्रांत एवं क्षैत्र स्तरीय समन्वय शाखाओं के सदस्य भी रहे। आपने ओटीसी इन्दौर से की थी तथा तृतीय वर्ष पूर्ण करके शिक्षित थें। आपने अटलबिहारी वाजपेयी , लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी, कुशाभाऊ ठाकरे, हरीदत्त पाठक सहित विभिन्न विभूतियों से मार्गदर्शन लेकर पूर्ण निष्ठा से कर्त्तव्य परायणता का परिचय दिया। कोटा में जब लालकृष्ण आडवाणी जी संघ के प्रचारक थे तब कौशलजी ने उनके साथ साथ कार्य किया।
जीवन परिचय
रघुवीरसिंह कौशल का जन्म 24 फरवरी 1933 में, अंता के पास स्थित किसान परिवार में, ग्राम भोज्याखेड़ी में हुआ था। उनके पिताजी का नाम स्व0 कन्हैयालाल जी कौशल एवं माताजी का नाम श्रीमति सोमवती देवी था। आप दो भाई एवं सात बहिनें थीं। आपका विवाह 10 फरवरी 1954 में कोटा नयापुरा की श्रीमति शकुन्तला देवी से हुआ । आपके दोपुत्र अरविन्द कौशल एवं अतुल कौशल तथा एक पुत्री अंजना कौशल है। भरे पूरे परिवार में 4 पौत्र 1 पौत्र वधु तथा एक पडपोती भी है।
आपकी प्रारम्भिक शिक्षा अंता कस्बे में तथा उच्च शिक्षा कोटा में हुई, आपने बीए , एलएलबी किया है। आप एक सफल कृषक रहे हैं कृषि पंडित की उपाधी आपको गन्ना उत्पादन के लिये मिली थी।
आपका जुडाव बचपन से ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से हो गया था, आप ने इस संगठन के अनेकों पदों पर कार्य करते हुऐ विभाग कार्यवाह के पद तक कार्य किया। आप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं भारतीय किसान संघ के राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष रहे। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
आप हाडौती के पहले सहकार नेता हैं जिन्होने सहकारी संस्थाओं को प्राथमिक स्तर तक ले जानें का महती कार्य किया, सेंट्रल कोपरेटिव बैंक के अध्यक्ष, जिला सहकार संघ के अध्यक्ष, मार्केटिंग समिती अंता के अनेंकों बार, अध्यक्ष, कृषि उपज मण्डी अंता के भी अनंेकों बार अध्यक्ष रहे हें।
आप आपातकाल के दौरान 18 महीनें तक मीसाबंदी रहे हें। श्रीराम मंदिर मुक्ती आंदोलन में आप राजस्थान के इन्चार्ज रहे हें। कश्मीर आंदोलन, गौरक्षा आंदोलन सहित संघ विचारधारा के लगभग सभी आंदोलनों एवं कार्यक्रमों आपने अगुवाई की है।
आपातकाल के दौरान कौशल कोटा एवं अजमेर जेल में रहे हैं। उनके जेल के दौश्रान भी आपातकाल के विरूद्ध संघर्ष की समस्त गतिविधियां कौषल निवास नयापुरा कोटा सं संचालित होती थीं, मुख्य चिन्ता जेल में बंदी अन्य कार्यकर्ताओं के घरों की रासन व्यवस्था और अन्य कठनाईयों में मदद करना रहता था।
श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में कौशल विधायक एवं राजस्थान से प्रभारी थे। जब छांचा छह गया तब पुनः श्रीराम मंदिन की स्थापना एवं त्वरत कार्य की योजना में वे भी थे और रातो रात अषेध्या में डांचे के मलवे के ऊपर श्रीराम का मंदिर निर्माण एवं पूर्जा अर्चना प्रारम्भ करने वाली टोली के वे अहम हिस्सा थे।
जनप्रतिनिधि क्षैत्र में सरपंच से राजनैतिक यात्रा प्रारम्भ कर चार बार विधायक , दो बार सांसद एवं राजस्थान सरकार में मंत्री भी रहे। सांसद रहते हुऐ राजस्थान सांसद दल के अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान अनको कमेटियों के सदस्य के रूप में भी आपने कार्य किया। इजराईल, ब्रिटेन , अमरीका एवं वेस्टइंडीज की विदेश यात्रायें की!
राजनैतक रूप से आपने अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवानीजी, भैरोंसिंह शेखावत,सुन्दरसिंह जी भण्डारी, ललितकिशोर चतुर्वेदी, हरीशंकर जी भाभडाजी, भंवरलाल शर्मा जी एवं श्रीमति वसुधरा राजे सिंधिया के साथ कार्य किया है।
ऐतिहासिक क्षण 24 नवम्बर 2013 अंता
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी ने अंता में हुआ जन सभा में पूर्व सांसद रघुवीरसिंह कौशल के पैर मंच पर छुऐ।
बांरा जिले में:-
1. बांरा को जिला बनाया
2. बांरा में मिनि सचिवालय भवन का निर्माण करवाया
3. कालीसिंध नदी पर बडा पुल बनवाया
4. बांरा में रेल्वे ओवर ब्रिज की प्रक्रिया कौशल ने ही प्रारम्भा करवाई थी।
5. बांरा में जिला बनने से पूर्व अतिरक्त जिला अधिकारी स्तर के अनेकानेक कार्यालयों की स्थापना करवाई।
6. बांरा के जिला बनने पर जिला स्तरीय कार्यालय स्थापित करवाये।
7. लिफ्ट योजनायें चालू करवाईं
8. पूर्व - पश्चिम कारीडोर कोें बांरा कोटा बूंदी के रास्ते निलवाया , जिससे फोर लेन सड़क बन गई और कोटा में हैंगिग ब्रिज चम्बल पर बन रहा है।
9. कोटा बीना रेल लाईन का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कौशल की ही देन है।
कोटा जिले में:-
1. आई एल को बचाया
2. पूर्व - पश्चिम कारीडोर कोें बांरा कोटा बूंदी के रास्ते निलवाया , जिससे फोर लेन सड़क बन गई और कोटा में हैंगिग ब्रिज चम्बल पर बन रहा है।
3. कोटा बीना रेल लाईन का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कौशल की ही देन है।
4. ग्वालियर-श्योपुर नेरोगेज रेल लाईन को ब्राडगेज में बदलने और कोटा से जोडने के कौशल के प्रयास से ही यह रेल लाईन इटावा दीगोद होते हुऐ कोटा आयेगी।
5. अजमेर के नसीराबाद से बूंदी तक नयारेल मार्ग बनाये जाने के प्रयासों से ही सर्वे संभव हुआ , आगे यह लाईन भी बनेगी।
6. कोटा स्टेशन एवं ढकनिया पर रेल आरक्षण कार्यालय भी आपकी ही देन है।
7. कोटा में नया हवाई अडडा हेतु आपने प्रयास किये मण्डना के पास जमीन का सर्वे भी करवाया था। प्रयास अभी तक अधूरा है।
8. एनीकटों के जाल बिछवाये
बूंदी जिल में:-
1. बांयी मुख्य नहर की साफ सफाई करवा कर, टेल पर पानी पहुंचवाया ।
2. चाकन बांध बनवाया
विशेष:- कोटा में कर्फयू लगने पर जनता एवं कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करना
आंदोलन
1. कश्मीर मुक्ति आंदोलन
2. गौहत्या विरोधी आंदोलन
3. खुशहाली टैक्स को हटवानें का आंदोलन
4. श्रीराम मंदिर आंदोलन
5. आपातकाल में 18 महीने जेल यात्रा
6. कोटा में रेल रोको आंदोलन के गिरफतारों को मुक्त करवानें का आंदोलन
अंता - संर्घष का मुख्य केन्द्र
1. नहरों के साथ ही सिंचित भूमि पर खुशहीली टैक्स मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिया ने लगाया, जिसके विरूद्ध किसान संघर्ष समिति बना कर रघुवीरसिंह कौशल ने 10 हजार किसानों के साथ प्रदर्शन कर मॉफ करवाया ।
2. सरपंचकाल में डाबरी नक्कीजी गांव में नदी पर छोटासा पम्प हाउस बनाकर सिंचाई प्रारम्भ करवाई जो कि आगे जा कर लिफ्ट एरीकेशन की जनक बनीं । यही पम्प हाउस बाद में परवन सिंचाई परियोजना के रूप् में स्थापित है।
3. प्रथम विधायक काल ( 1977 - 80 ) में प्रथम बार दांयीं मुख्य नहर पर लिफ्ट योजनायें स्विकृत करवाईं जो कि उंचाई वाले असिंचित क्षैत्र के लिये वरदान साबित हुईं। अपने आप में तब अनूठी पहल थी। इसमें देहल्याहेड़ी, चक शाहबाद, पचेल खुर्द आदि में स्थापित हैं।
4. 1977 में अंता को नगर पालिका बनवाया
5. अंता में एनटीपीसी की स्थापना
6. अंता में दांयी मुख्य नहर के एक्सईएन द्वितीय का कार्यालय खुलवाया
7. अंता में सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र खुलवाया
8. पलायथा ब्रांच पर सड़क बनवाई
9. अंता मार्केटिंग के अध्यक्ष रहते हुऐ मार्केटिंग भवन बनवाया
10. अंता को नायब तहसील और बाद में तहसील बनवाया
11. अंता पुलिस का डीएसपी कार्यालय
12. अंता एसीएम कार्यालय खुलवाया,
13. अंता न्यायालय खुलवाया
14. अंता में कृषि विज्ञान केन्द्र खुलवाया
15. अंता में औघैगिक प्रशिक्षण संस्थान खुलवाया
16. अंता में सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम का निर्माण
17. अंता सार्वजनिक निर्माण विभाग का सहायक अभियंता कार्यालय खुलवाया
18. अंता बिजली विभाग का सहायक अभियंता कार्यालय खुलवाया
19. प्राथमिक विद्यालय एवं प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र बडवा, पलायथा, पचेलकला,मिर्जापुर आदि को बनवाया। आयुर्वेदिक औषधालय बनवाये।
20. पर्यटन स्थल नागदा एवं सोरसन का विकास करवाया।
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