अमेरिका महाद्विप में आर्य सभ्यता की छाप

अमेरिका महाद्विप में आर्य सभ्यता की छाप
अश्विन भट्ट


कभी हिन्दू संस्कृति से समृद्ध था अमेरिका महाद्वीप हिन्दू धर्म “धीयते इति धर्मः” यानि “मनुष्य अपनी धारणा
जो स्वीकार करता है वो ही धर्म है” के सिद्धांत पर चलता है | रोम संस्कृति के राजा के विरुद्ध ईसामसीह ने अल्लाह को परमेश्वर कहा तो राजद्रोह में मृत्युदंड मिला… इसाइयत को अपनी संख्या बढ़ाना था तो उसने धर्मांतरण को और चर्च आधारित राजनीति और कूटनीति से अनुयायियों की संख्या बढ़ाया क्यों की उसको डर था की संख्या कम रहेगी तो इसाइयत के विरोधी उसका खात्मा कर देंगे | इस्लाम ने हिजरत से ही हथियार थाम लिया और उसे अपनी संख्या बढ़ाने के लिए गुलामों पर अत्याचार कर के और क्रूरता से लोगों को मुसलमान बनाया क्यों की रोम की विशाल सत्ता के विपरीत अरब में छोटी छोटी आबादी और उनके खलीफा होते थे जिन्हें हथियारों से हराया जा सकता था | हिन्दू धर्म ने कभी किसी को जबरन हिन्दू नहीं बनाया, क्योंकि ये सनातन सभ्यता के ऊपर किसी विरोधियों या शत्रुओं का भय नहीं था की अपनी आबादी बढाओ | इतिहास देखो हमारी संस्कृति ने “पृथ्वी शान्तिः” “अन्तरिक्षम शान्ति” का उद्घोष किया है| अयोध्या” संस्कृत के अयुध्य शब्द से बना है यानि जहाँ कभी युद्ध न हुआ हो | 

अवध का भी सामान अर्थ है की जहाँ पर कभी “वध” न हुआ हो | ये अलग बात है की मुग़ल आक्रान्ताओं और लुटेरों ने इसे नरसंहार का सबसे बड़ा अखाडा बना दिया | हमारे हिन्दू मनीषियों ने अपने संस्कृति को इतना श्रेष्ठ बनाया की पूरा विश्व उसकी ओर आकर्षित हुआ | फाह्यान, ह्वेनसांग और तुम्हारे अलबरूनी जैसे कितने मुल्ले भी यहाँ इस देश की माटी में धन्य होने और मुक्ति पाने आ गये थे | इस्लाम के अभ्युदय के हज़ारों साल पहले पूरा संसार आर्यों ने नाप लिया था| आज युरोप जिसे “navigation” कहता है वो कुछ और नहीं संस्कृत शब्द “नवगतिम” है जिसका अर्थ है नौका संचालन| पूरे विश्व को नौका संचालन का ज्ञान आर्यों ने ही दिया है | भले ही आज हम मुर्ख भारतीय कहते हैं की भारत की खोज “वास्कोडिगामा” ने किया था |

अमेरिका महाद्वीप और हिन्दू धर्म :
अमेरिका के रेड इंडियन वहां के आदि निवासी माने जाते हैं और हिन्दू संस्कृति वहां पर आज से हजारों साल पहले पहुंच गई थी इन्ही लाल मनुष्यों के द्वारा यानी की इतिहासकारों के आधार पर महाभारत काल में| सभी अमेरिकन इतिहासकार मानते हैं की भारतीय आर्यों ने ही अमेरिका महाद्वीप पर सबसे पहले बस्तियां बनाई | अमेरिकन महाद्वीप में मक्सिको सबसे पुराना है | मैक्सिको के सबसे आदि धर्म AZTEC के देवता TLALOC हैं और ये AZTEC और कुछ नहीं अपितु संस्कृत का “आस्तिक” ही है और TLALOC, संस्कृत का
शब्द त्रिलोक है | मेक्सिको में TLALOC की पूजा का इतिहास AZTEC साम्राज्य के इतिहास से भी १००० साल
पुराना है | मजे की बात यह है की त्रिलोक (TLALOC) के मदिरों को वहां त्रिलोचन (TLALOCAN) कहा जाता है और उनका सबसे महत्वपूर्ण मंदिर “Mount Tlaloc” पर स्थित है यानि हिमालय वासी शिव का त्रिलोचन स्वरुप उसी रूप में वहां पहुंचा | TLALOC को वहां के लोग गुफाओं, झीलों और पर्वतों का वासी मानते हैं और अकाल मृत्यु से मुक्ति का देवता भी | हमारे सनातन संस्कृति में भी शिव मुक्ति दाता हैं |

यदि हम बात करें वहां के मूल भाषा पुरानी नौहाटी की तो उसमे इसका उच्चारण “त्रालोक” से करते हैं | त्रिलोक की एक मूर्ती Templo Mayor (मयूर मंदिर) में आज के वर्तमान मक्सिको सिटी शहर में है | जिसमे त्रिलोक की
मूर्ती में मुकुट पर सर्प विराजमान है | यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत घोषित किया है | उसी के साथ माया सभ्यता का भी प्रभाव मक्सिको पर पड़ा जो की हिन्दू संस्कृति से बहुत कुछ आत्मसात कर चुकी थी विशेषकर पंचांग और गणित |

चिली पेरू और बोलीविया में हिन्दू धर्म :
अमेरिकन महाद्वीप के बोलीविया (वर्तमान में पेरू और चिली) में हिन्दुओं ने अपनी बस्तियां बनाएँ और कृषि का भी विकास किया | Quechua Pachakutiq “he who shakes the earth” की महान घटना कुर्म पुराण के “कच्छप प्रिष्ठौती” है और वही एक सामान पौराणिक कथा भी |

प्रसिद्द थिअहुअन्को के कैलासिय मंदिर “Temple of Kalasasaya” के द्वारपाल विरोचन, सूर्य द्वार, चन्द्र द्वार सब कुछ हिन्दू संस्कृति की महान गाथा का साक्षी है | सांप या नाग, हिंदू धर्म के सभी पंथ महत्वपूर्ण है और यहां
तक कि अमेरिका में, अभी भी बहुत स्थानों में प्रचलित है जो प्राचीन अमेरिका के व्यापक नाग पंथ और उसके समानता के प्रति समर्पित हैं | यहां तक कि ईसाई धर्म में, यीशु ने बाइबिल में कहा : “तु रहो नागों, और कबूतर के रूप में हानिरहित के रूप में इसलिए बुद्धिमान. “मूसा ने अपने भगवान से निर्देशन में बेशर्म नाग की स्थापना करके लोगों को चंगा किया | रोमन और ग्रीक में प्रचलित शब्द serpent संस्कृत शब्द “सर्प” ही है |प्राचीन हिन्दुओं की पूजा पधतियों ने अमेरिका पर प्रभुत्व किया|

संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक सेना के नेटिव अमेरिकन की एक ४५वि मिलिट्री इन्फैन्ट्री डिविसन का चिन्ह एक पीले रंग का स्वास्तिक था | नाजियों की घटना के बाद इसे हटाकर उन्होंने गरुण को चिन्ह अपनान पड़ा | अमेरिकी महाद्वीप के होपी आदिवासीयों का एक महत्वपूर्ण घटना की गाथा “Saquasohuh” “Day of Purification” (संस्कृत : स्वच्छ होहु) में Blue Star Kachina की घटना में वर्णित ८ प्रमुख चिन्हों में वृष आरूढ़ शिव और नागों से लिपटती धरती का वर्णन है जो हमारे पौराणिक गाथाओं से पूरा पूरा मिलता है | 

अमेरिकी महाद्वीप के पेमा इंडियन की गाथा हिन्दू गरुण के थंडर बर्ड और क्रेते सिक्कों के चक्रव्यूह की रचना सभी भारतीय प्रवासों की गाथा कह रहे हैं | प्राचीन अमेरिका महाद्वीप के पेमा इंडियन हों या रोमन साम्राज्य (युरोप)में मिलने वाला लोकप्रिय खेल “करेते”Crete (Greek: Κρήτη, Kríti) या Labyrinth वास्तव में भारत के प्रसिद्द चक्रव्यूह भेदन की कृति है और यही कृति वहां करेते बन गई महाभारत काल से ही चक्रव्यूह भेदन और धनुर्विद्या भारत के लोकप्रिय खेल थे | यूरोप में भी युद्ध के खेलों का बहुत प्रचलन था और चक्रव्यूह भेदन की कला करेते के लोकप्रिय आयोजन होते थे, इसी कारण आज भी मैराथन खेलों के लिए विश्व प्रसिद्द ग्रीस का सबसे सुन्दर और प्रसिद्द स्थान का नाम “करेते” Crete है और ये शहर अपने खेलों, संगीत और साहित्य के लिए आज भी प्रसिद्ध है| ये शहर यूरोप के सबसे पुराने ज्ञात मानव सभ्यता के लिए जाना जाता है |

गुयाना : दक्षिण अमेरिका के गुयाना में १५० साल पहले उत्तर प्रदेश और बिहार से लोगों का पलायन हुआ था | आज वहां की आबादी के ४०% लोग हिन्दू है और वहां फगुआ और दीपावली राष्ट्रीय त्यौहार घोषित है | भारतीय भाषा में हिंदी भोजपुरी बोली जाती है |

सूरीनाम : इस देश का नाम ही भोजपुरी शब्द सरनाम से सूरीनाम पड़ा जिसका मतलब है प्रसिद्ध | ३० % हिन्दुओं के साथ हिन्दू देश का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है | गिरमिटिया मजदूरों के समूह में वहां गन्ने के खेतों में काम करने गए हिन्दू आज उन देशों की राजनीति में ऊंचे स्थानों पर हैं और दक्षिण अमेरिका में एक शसक्त पहचान के साथ उभरे हैं |
जमैका : जमैका में हिन्दू दूसरा सबसे बड़ा धर्म है | ये हिन्दू गिरमिटिया मजदूर के रूप में वहां पहुचे और दीवाली देश की राष्ट्रीय छुट्टी है |
त्रिनिदाद एवं टोबैगो : इस देश में हिन्दू ३० % हैं | और हिन्दुओं का राजनीति पर बेहद मजबूत पकड़ है | सनातन धर्म महासभा के माध्यम से हिन्दू धर्म इस देश में सबसे तेजी से मजबूत हो रहा है | फगवा सबसे बड़ा त्यौहार है | वासुदेव पाण्डेय यहां के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और कमला प्रसाद बिस्वेस्वर देश की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं | और रोचक बात ये है की मशहूर रैपर और गायिका निकी मीनाज इसी देश की एक हिन्दू ब्राह्मण की बेटी हैं जिनका वास्तविक नाम ओनिका तान्या महाराज है| प्रसिद्ध पिपिल भाषा जो मेक्सिको में प्रारंभ हुई वो हिन्दुस्तानी नाविकों की बस्तियों में प्रारम्भ हुआ और वहां इसे आज भी नाविक (nawat) भाषा कहते है इसी प्रकार nahua भी संस्कृत के नाविक से निकली है | पूरा मेसो अमेरिकन सभ्यता हिन्दू धर्म से भरी पड़ी है | यहाँ तक की आज की स्पेनिश भाषा जो मेक्सिको और अमेरिका की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है वह भी हिंदी-यूरोपीय भाषा परिवार है | हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार (Indo-European family of languages) दुनिया का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बन्धित भाषाओं का समूह) हैं । हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा परिवार में विश्व की सैंकड़ों भाषाएं और बोलियां सम्मिलित हैं ।
आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं : हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसिसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच,
फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि । ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है | स्पेनिश का बोय्नेस दियास में दियास हमारा “दिवस” है जिसका अर्थ है गुड मार्निंग |

आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा (Proto-Indo-European language), जो संस्कृत से काफ़ी मिलती-जुलती थी, जैसे
कि वो संस्कृत का ही आदिम रूप हो ।
Annotata : अन्नदाता
Banff : वाष्प
Bahia : बाहु (हाथ)
Cuika : कविता
Chocaya : शोकः
Chaacâ : चक्र देवी (माया सभ्यता)
Huascar : भास्कर (सूर्य)
Havana : हवन
Wanaco : वन वासी (जंगली)
Jaguarâ : व्याघ्र
Montezuma/Moktesuma : मुक्ति कुसुमः
Matawan : मात्री वन
Nazca/Naska : नक्षत्र
Papeetee : पाप इति
Palenque : पालक (मंदिर के देवता)
इस तरह के बहुत शब्द हैं जो आर्यों की वैदिक परम्पराओं से
वहां तक पहुंचे|
मनुष (संस्कृत) >> menos (यूनानी) >> mens(लैटिन) >> men (अंग्रेजी)|
आज पूरा विश्व खुद को मनुष्य यानि मनु की संतान कहता है
| यही तो सनातन का गौरव है 

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