इतालवी कोर्ट के फैसले को स्वीकार करे कांग्रेस : अमित शाह
इतालवी कोर्ट के फैसले को स्वीकार करे कांग्रेस : अमित शाह
Last Updated: Thursday, April 28, 2016कोलकाता : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को घोटाले से जुड़े इतालवी अदालत के फैसले को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने बुधवार को यहां एक चुनावी सभा में कहा कि अब इतालवी अदालत का (फैसला) आ गया है। उसे स्वीकार करें। कांग्रेस यहां की कोई चीज स्वीकार नहीं करेगी लेकिन क्या उन्हें इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए अगर वह ‘इटली’ से आ रहा हो। शाह ने कहा कि इतालवी अदालत का फैसला आ गया। हमारे पास सभी अखबार नहीं आए और वे (कांग्रेस) कह रहे हैं कि जांच कराएं। इंतजार कीजिए। जांच की जाएगी। इससे पहले दिन में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि सरकार को इतालवी अदालत के फैसले की प्रति मिली है और उसका अंग्रेजी में अनुवाद कराया जा रहा है।
भाषा
अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में भारतीय अफसरों को दी गई रिश्वत:अदालत (इटली)
2010 में हुए अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले में इटली की अदालत ने अहम फैसला दिया है.मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स ने माना है कि इस हेलिकॉप्टर डील में करप्शन हुआ और इसमें इंडियन एयरफोर्स के पूर्व चीफ एसपी. त्यागी भी शामिल थे. सरकार ने अब रोम में भारतीय दूतावास से कोर्ट के फैसले की जानकारी मांगी है.कोर्ट के फैसले के जानकारी मिलने के बाद रक्षा मंत्रालय पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के आधिकारिक सरकारी समारोहों में शामिल होने को लेकर एडवाइजरी जारी कर सकता है.यह साबित हो चुका है कि 10 से 15 मिलियन डॉलर की रिश्वत भारतीय अफसरों को दी गई.
अदालत के 225 पन्नों के फैसले में अलग से 17 पेज सिर्फ पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी के बारे में हैं. इनमें जिक्र है कि किस आधार पर अदालत इस फैसले पर पहुंची कि भारतीय सरकारी अफसरों ने भ्रष्टाचार किया.त्यागी ने इटली के कोर्ट के फैसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. हालांकि, इस मामले में वो खुद को बेकसूर बताते रहे हैं.
------------
चॉपर डील में भारतीयों को दी गई थी रिश्वत, सरकार ने मांगी रिपोर्ट
नई दिल्ली। अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में भारतीय अधिकारियों को घूस दी गई थी। विवादित अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील के मामले में इटली की कोर्ट ने कहा कि भारत के कुछ लोगों को इसके लिए रिश्वत दी गई थी। वहीं इस डील मामले में इटली की अदालत के फैसले के बाद सरकार की नींद खुली गई है। सरकार ने अब रोम में भारतीय दूतावास से कोर्ट के फैसले की जानकारी मांगी है।अदालत ने कंपनी के प्रमुख ऊर्सी व हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कनिका को घूस देने का दोषी माना है। ऊर्सी को इस मामले में चार साल की सजा दी गई है। दूसरी ओर मिलान की कोर्ट ने पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी को भी दोषी माना है। 225 पन्नों की फाइल में 17 पन्ने त्यागी पर ही है। त्यादी का इस मामले में कहना है कि फैसले की पूरी कॉपी पढ़ने के बाद ही वो कोई प्रतिक्रिया देंगे। वो हमेशा से खुद को इस मामले में निर्दोष बताते आए है। 2005-07 के दौरान त्यागी वायु सेना के प्रमुख थे और तभी इटली के साथ चॉपर डील हुई थी।
इटली की अदालत ने यूपीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है। वीवीआइपी चॉपर डील के मामले की सुनवाई करते हुए इटली की कोर्ट ने इसे भ्रष्टाचार पूर्ण बताया है। यूपीए सरकार द्वारा इस मामले को नजरअंदाज किए जाने की भी बात कही है। अदालत का कहना है कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने चॉपर से जुड़े स्कैंडल के पीछे का सच जानने की कोशिश नहीं की। इतना ही नहीं जांच कर्ताओं को उससे संबंधित महत्वपूर्ण कागजात भी उपलब्ध नहीं कराए। कोर्ट का कहना है कि अस डील के मामले में मुख्य आरोपी ने इटली के तत्कालीन पीएम मारियो मोंटी की ओर से भारत के प्रधानमंत्री मनमोहगन सिंह से बात करने की कोशिश भी की थी।
यह डील 3,565 करोड़ रुपए की थी। कोर्ट ने अपने आदेशों की 225 पन्नों की रिपोर्ट में यह भी कहा कि भारत की सुरक्षा मंत्रालय ने तथ्यों को सामने लाने में लापरवाही बरती। इटली की अदालत ने इसके पीछे ऑगस्टा वेस्टलैंड के पूर्व हेड गिउस्प ओर्सी की ओर से जेल से मार्च 2013 में हाथ से लिए गए एक पत्र के जुड़े होने की भी आशंका जताई है।
इसमें लिखा गया था, मेरे नाम मोंटी या टेरासिआनो को कॉल करें और उनसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बात करने को कहें। मोंटी उस समय पीएम थे और टेरासिआनो उनके डिप्लोमेटिक एडवाइजर थे। लेकिन फिलहाल वो ये बताने की स्थिति में नहीं है कि जेल में रहते हुए उन्होने कौन सा संदेश भारत सरकार के प्रमुख को पहुंचाने की कोशिश की थी।
कोर्ट का कहना है कि यदि भारत सरकार न्यायिक सहायता के लिए भेजे गए आवेदनों का परिणाम देखे, तो इसके बारे में पता चल सकता है। अप्रैल 2013 में इटली ने भारत से संबंधित दस्तावेजों की मांग की थी। जिसके बाद भारत ने मार्च 2014 में केवल तीन दस्तावेज उपलब्ध कराए। इस डील में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चियन माइकल की भूमिका पर भी अदालत ने सवाल उठाए है।
----------
ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर’ डील में हुआ था घोटाला,
पूर्व एयरफोर्स चीफ थे शामिल- इटली कोर्ट
Tue, Apr 26th, 2016https://wikileaks4india.com
इटली की एक अदालकत ने ‘ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर’ डील में अहम फैसला सुनाते हुए बड़ा खुलासा किया है। कोर्ट ने माना है कि ‘ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर’ डील में भ्रष्टाचार हुआ और रिश्वत भी दी गई। इस पूरे मामले में इंडियन एयरफोर्स के पूर्व चीफ एसपी त्यागी भी शामिल थे।
आपको बता दें कि ऑगस्टा कंपनी ने भारत में 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा किया था। वहीं कोर्ट के इस खुलासे के बाद केंद्र सरकार ने नींद टूट गई है। अब सरकार ने रोम में भारतीय दूतावास से कोर्ट के फैसले की जानकारी मांगी है। इस डील मामले में रक्षा मंत्रालय ने वहां भारतीय दूतावास से फैसले की जानकारी तलब की है।
जानकारी के अनुसार, इटली की अदालत ने 225 पेज में इस मामले में अपना जजमेंट दिया है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस डील के लिए कई भारतीयों (कई कांग्रेस नेताओं के नाम) को रिश्वत दी गई। करीब 120-125 करोड़ रुपये रिश्वत दी गई। गौर हो कि इस डील में फिनमैकेनिका के प्रमुख को रिश्वत देने का दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने अगस्टा वेस्टलैंड कंपनी के प्रमुख ऊर्सी और हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कनिका को घूस देने का दोषी माना है। 3600 करोड़ के इस डील में ऑगस्टा ने 125 करोड़ रुपये रिश्वत दी थी। कोर्ट ने 225 पेज के अपने फैसले में 17 पन्नों में पूर्व एयरफोर्स चीफ एसपी त्यागी का रोल बताया है।
कोर्ट ऑफ मिलान के इस फैसले में कई बड़े नेताओं के नाम सामने आए हैं। फैसले में Signora Gandhi के नाम का जिक्र किया गया है। आरोप है कि signora Gandhi का मतलब सोनिया गांधी है। वैसे इटेलियन में सोनिया का मतलब होता है लेडी। वहीं, मनमोहन सिंह का भी नाम लिया गया है। इस जजमेंट की कॉपी स्क्रिप्ट डॉटकॉम से ली गई है। इसके अलावा, मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, ऑस्कर फर्नांडीस के नाम का भी जिक्र है। जजमेंट में भारतीय वायुसेना अधिकारी का भी नाम है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कांग्रेस नेताओं को रिश्वत दी गई है। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन का भी इसमें जिक्र है।
इस वीवीआईपी चॉपर डील मामले में इटली की कोर्ट ने कहा कि भारत के कुछ लोगों को इसके लिए रिश्वत दी गई थी। अदालत ने कंपनी के प्रमुख ऊर्सी व हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेक्कनिका को घूस देने का दोषी माना है। कोर्ट ने पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी को भी दोषी माना है। इस फाइल में 17 पन्ने त्यागी पर ही है। त्यादी का कहना है कि फैसले की पूरी कॉपी पढ़ने के बाद ही वो कोई प्रतिक्रिया देंगे। वो हमेशा से खुद को इस मामले में निर्दोष बताते आए हैं।
गौरतलब है कि 2005-07 के दौरान त्यागी वायु सेना के प्रमुख थे और तभी इटली के साथ चॉपर डील हुई थी। यह डील करीब 3600 करोड़ रुपये की थी। कोर्ट ने अपने आदेशों की 225 पन्नों की रिपोर्ट में यह भी कहा कि भारत के रक्षा मंत्रालय ने तथ्यों को सामने लाने में लापरवाही बरती।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें