अगस्ता मुद्दा : कांग्रेस करप्शन
अगस्ता विवाद: सरकार बोली- मोदी ने नहीं की काेई डील; जांच में यूं जुटे पर्रिकर
dainikbhaskar.com 30 Apr 2016
नई दिल्ली.केंद्र ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील पर बड़ा बयान दिया है। इसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी ने इस मामले में इटली से कोई डील नहीं की। सरकार का कहना है कि असली मुद्दा तो करप्शन का है। इस बीच, अपोजिशन के हमलों का जवाब देने के लिए मनोहर पर्रिकर ने खास टीम बनाई है। यह टीम 40 फाइलों को खंगाल कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि 'फेवर' लिए गए या 'वेवर' दिए गए ? और क्या कहा गया है स्टेटमेंट में....
- शुक्रवार रात जारी स्टेटमेंट में सरकार ने कहा- जो लोग प्रधानमंत्री को कामयाब होते नहीं देख पा रहे हैं वो ही उन पर सौदे की तरफ इशारा कर रहे हैं। लेकिन इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि प्रधानमंत्री ने कोई सौदा या डील की ही नहीं है।
डोभाल और मिश्रा का नाम आने पर भी सफाई
- बयान में एनएसए अजीत डोभाल और पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी का नाम एक आरोपी से जोड़े जाने को लेकर भी सफाई दी गई है। इसमें कहा गया है कि इन दोनों पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो पूरी तरह गलत हैं।
- ''पॉलिटिक्स का एक छोटा सा तबका इस मामले से ध्यान भटकाने और शांत करने की नाकाम कोशिश कर रहा है। कुछ लोग जांच की रफ्तार पर सवाल कर रहे हैं लेकिन वे ये नहीं बताते कि कुछ करप्ट लोगों ने कैसे पर्चेसिंग प्रॉसेस पर असर डाला और इससे देश को नुकसान हुआ।''
आरोपियों को नहीं बख्शा जाएगा
- सरकार ने कहा, ''हमने सच्चाई को सामने लाने के लिए सही कदम उठाए हैं और इस मामले में जो भी दोषी हैं उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा। इस मामले में कोई भी कसर बाकी नहीं रखी जाएगी और न ही किसी को बख्शा जाएगा।''
- ''आरोपी चाहे देश के हों या बाहर के, जांच एजेंसियां उन्हें कानून के हवाले जरूर करेंगी।''
40 फाइलें खंगाल रहे मनोहर पर्रिकर
- डिफेंस मिनिस्ट्री की एक खास टीम 40 फाइलों को खंगाल कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि 'फेवर' लिए गए या 'वेवर' दिए गए ताकि सरकार अपोजिशन पर हमले तेज कर सके।
- यह टीम हजारों पन्नों को खंगालने में जुटी है। खास बात यह है कि यही टीम सीबीआई और ईडी को डिफेंस डील प्रोसीजर के मुश्किल सवालों के जवाब मुहैया करा रही है।
- डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को दो घंटे तक टॉप अफसरों के साथ मीटिंग की। पर्रिकर संसद में इस मामले पर बयान देने वाले हैं।
- जानकारी के मुताबिक, डिफेंस मिनिस्टर खुद हर फाइल को बारीकी से देख रहे हैं। मनोहर ने इटालियन हाईकोर्ट के ऑर्डर को भी काफी गौर से पढ़ा है।
- पर्रिकर यह जानने की कोशिश कर रहे हैं खरीदी के दौरान हेलिकॉप्टर्स के कम ऊंचाई पर उड़ने को लेकर समझौता क्यों किया गया? इसके लिए ऑर्डर किसने दिए? टेंडर की शर्तों को अगस्ता वेस्टलैंड के फेवर में किसके कहने पर तैयार किया गया?
क्या है मामला?
- यूपीए-1 सरकार के वक्त 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद की डील हुई थी। डील के तहत मिले 3 हेलिकॉप्टर आज भी दिल्ली के पालम एयरबेस पर खड़े हैं।
- डील 3,600 करोड़ रुपए की थी। टाेटल डील का 10% हिस्सा रिश्वत में देने की बात सामने आई थी। इसके बाद यूपीए सरकार ने फरवरी 2013 में डील रद्द कर दी थी।
- तब एयरफोर्स चीफ रहे एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था।
- जिस मीटिंग में हेलिकाॅप्टर की कीमत तय की गई थी, उसमें यूपीए सरकार के कुछ मंत्री भी मौजूद थे। इस वजह से कांग्रेस पर भी सवाल उठे थे।
अब क्यों चर्चा में आया?
- मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स ने सोमवार को दिए फैसले में माना कि इस हेलिकॉप्टर डील में करप्शन हुआ और इसमें इंडियन एयरफोर्स के पूर्व चीफ एसपी. त्यागी भी शामिल थे।
- 90 से 225 करोड़ रुपए की रिश्वत भारतीय अफसरों को दी गई।
- कोर्ट ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर देने वाली कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के चीफ जी. ओरसी को दोषी ठहराया है। उन्हें साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई गई है।
- कोर्ट के जजमेंट में चार बार 'सिग्नोरा' (सोनिया) गांधी और दो बार मनमोहन सिंह का जिक्र है। इसलिए कांग्रेस बीजेपी के निशाने पर है।
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