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कोरोना पर राजनीति न करे कांग्रेस, उनका पॉजिटिव मुख्यमंत्री सुक्खु सबूत है - अरविन्द सिसौदिया

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 कोरोना पर राजनीति न करे कांग्रेस, उनका पॉजिटिव मुख्यमंत्री सुक्खु सबूत है - अरविन्द सिसौदिया चीन से जब सबसे पहले कोविड - 19 दुनिया के अन्य देशों में पहुंचा तब किसी को यह आभाष नहीं था कि वह पूरी कि पूरी अर्थ व्यवस्था को चौपट कर देगा। विज्ञान की तमाम महारत का दावा करने वाले देश औंधे मुंह गिरे होंगे। स्वयं इस पर काबू पानें का दंभ पालने वाला चीन भी उल्टी परिस्थिती में फंसा हुआ होगा ! आज यही हालात कमोवेश फिर से दुनिया के सामनें हैं । कोरोना का नया वेरियंट चीन को तवाह कर रहा है, उसके पास कोई इलाज नाम की चीज नहीं है। शवों के अंबार लगे हुये हैं। 24 / 24 घंटे का इंजार अंतिम संस्कार करने में लग रहे हैं। यह हमें शिकार करे इससे पहले हमारा जागना और उसे परास्त करने  के सभी उपायों पर काम करना अनिवार्य एवं उचित कार्य है। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पहले भी कोरोना के दोनों हमलों से बहुत अच्छे से मुकाबला किया था। तब कई राज्य सरकारों ने पार्टी लाईन के चक्कर में मानवता के प्रति गैर जिम्मेवारी दिखाई थी। केन्द्र से भेजे गये उपकरणों को पैकेज में से खोला तक नहीं था। वै...

भारत हड़पो यात्रा - अरविन्द सिसौदिया

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  भारत हड़पो यात्रा - अरविन्द सिसौदिया एक विश्लेषण कांग्रेस के राजकुमार भारत जोडो यात्रा पर हैं। यह यात्रा उनके लिये सबसे अहम है क्यों कि इस यात्रा के बाद भी कांग्रेस विफल रही, लोकसभा 2024 के चुनावों में खास कुछ नहीं कर पाई ,तो कांग्रेस के लिये अंत होगा और आगे चल कर वह कई क्षेत्रीय पार्टियों में विभक्त हो जायेगी। जैसा कि 1996 में नरसिंह राव के नेतृत्व में हुये आम चुनावों के समय हुआ था। कांग्रेस को इस यात्रा की सफलता को लेकर हमेशा ही संदेह रहा है क्यों कि वह इस यात्रा में धुर विरोधी लोगों को साथ लेकर चली और प्रत्येक प्रदेश के लिये उसने अलग अलग रणनीतियां बनाईं । जैसे केरल में वह गौ हत्यारों के नजदीक भी दिखी वह चर्च के साथ भी दिखी । वहीं वह उत्तर भारत में हिन्दूवादी दिखनें की अधिकतम कोशिश कर रही है। महाकाल के मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नकल करते राहुल जी दिखे। इस यात्रा को लेकर जनता में कांग्रेस नें हमेशा भ्रम फैलाया कि यात्रा राजनीति से परे है। मगर कोई भी राजनैतिक देल राजनीति से परे तो हो ही नहीं सकता, वह कार्य को किसी भी तरह करे उसका मूल मकसद तो वोट बटोरना ही रहता है। ...