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भारत जगे, श्रीराम बनें, रामराज्य फिर आये..!

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घर- घर उजियारा हो ,  जीवन में सबके दूर अंधियारा हो... - अरविन्द सीसोदिया 9414180151    आप एवं आपके परिवार को दीपावली की  हार्दिक बधाई और बहुत बहुत शुभकामनाएं ...!! दीपावली का पवन पर्व बहुत पुराने समय से मनाया जा रहा हर .., यह पौराणिक पर्व है .., इससे अनेक कथाएं और घटनाएँ जुड़ी हुई हैं.., प्रमुख रूप से इस दिन राम के अयोध्या लोटने से जुड़ा हुआ माना जाता है.., उनके स्वागत में नगर वासियों ने जो दीपक जलाये थे .., वही परंपरा पूरे देश में फेल गई...!! अनादिकाल से जो दीपावली का पांच दिवसीय पर्व है उससे हमें सन्देश मिलता है कि .., यह धन की पूजा का पर्व है.., जो हमें धन के महत्व को , उसके संशाधनों को और उसकी व्यवस्था को , प्रतिवर्ष स्मरण करवाता है !  १- पहला दिन - धन तेरश - पूजा आयुर्वेद के संस्थापक धन्वन्तरी भगवान की..!     अर्थात स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है...! २- दूसरा दिन - रूप चौदस - अर्थात सोंदर्य या सुन्दर स्वरूप  भी एक धन है ..!!    इसी दिन हनुमान जी की भी पूजा होती है.., यह मित्र धन से संबध है..!!  ३- तीसरा...

हिन्दू जीवन पद्धति की नींव महाराज जनक की बेटियां

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कर्म फल का एक उदाहरण मिलता है कि कैकई को अपने दुष्कर्मों की सजा , कृष्ण युग में मिला जब कैकई का जन्म देबकी के रूप में हुआ और कष्ट को प्राप्त हुआ और माता कौशल्या जी को पुण्य फल भी इसी समय मिला जब वे यशोदा के रूपमें जन्मी और ईश्वर नें उनके साथ बाल लीलाएं कर वात्सल्य की अनुपम छटा बिखेरी ।  रामचरितमानस और हिन्दू जीवन पद्धति का मूल आधार त्याग और कर्तव्यनिष्ठा है । इसी का एक वृतांत यहाँ प्रस्तुत है । --------- "रामायण" क्या है??  'रामायण सतकोटि अपारा'   और  'हरि अनंत हरिकथा अनंता' अगर कभी पढ़ो और समझो तो आंसुओ पे काबू रखना....... रामायण का एक छोटा सा वृतांत है, उसी से शायद कुछ समझा सकूँ... एक रात की बात हैं, माता कौशल्या जी को सोते में अपने महल की छत पर किसी के चलने की आहट सुनाई दी।  नींद खुल गई, पूछा कौन हैं ? मालूम पड़ा श्रुतकीर्ति जी (सबसे छोटी बहु, शत्रुघ्न जी की पत्नी)हैं । माता कौशल्या जी ने उन्हें नीचे बुलाया | श्रुतकीर्ति जी आईं, चरणों में प्रणाम कर खड़ी रह गईं माता कौशिल्या जी ने पूछा, श्रुति ! इतनी रात को अकेली छत पर क्या कर रही हो बेटी ?  क्या नींद...

पुष्कर सिंह धामी की,रामराज्य जैसी कार्यवाही , सभी प्रदेशों में जरूरी है - अरविन्द सिसोदिया

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 - अरविन्द सिसौदिया 9414180151 उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी की तरह ही सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रीयों, मंत्रियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को रामराज्य की तरह औचक निरिक्षण एवं परिक्षण करना ही चाहिये , ताकि कार्य की गुणवत्ता बहाल की जा सके और समयबद्ध कार्य सम्पन्न हों। धामी की तरह जनता के बीच जा कर शासकीय कार्यों के सच को जानना ही चाहिये ताकि विसंगतियों को दूर किया जा सके ,जनता को राहत दी जा सके।    मेरा मानना है कि शासन के प्रत्येक कार्य क्षैत्र में सम्पादित कार्यों का भी 2 प्रतिशत आडिट होनी चाहिये ताकि कानून एवं व्यवस्था का राज बना रहे और उसमें जबावदेही पूरी तरह से निभाई जाये। कार्य को सामान्यतौर अटकानें की प्रवृति समाप्त हो और करने की प्रवृती बनें। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रियों के जो ऑन लाईन समस्या निवारण पोर्टल हैं, उनकी कार्यवाहियों की आडिट और निर्णयों की समीक्षा होनी चाहिये। इसी तरह न्यायालयों के 2 प्रतिशत निर्णयों की पुर्न समीक्षा के द्वारा आडिट होनी चाहिये । आपके कार्य को राज देख रहा है, इस तरह का भय होना। न्याय एवं लोक कल्याण के हित में है। इसलिये औचक ...

अब साम्प्रदायिकता भडकाओं और वोट ठग ले जाओ नीति नहीं चलेगी - अरविन्द सिसौदिया

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  सबसे अजीब बात यह है कि कांग्रेस की तरफ से हिन्दुत्व की व्याख्या वे लोग कर रहे है। जो हिन्दू तत्व दर्शन को जानते ही नहीं है। जिन्होने कभी हिन्दू जीवन जिया ही नहीं। यदी हिन्दू वेद पुराण शास्त्र उपनिषद अनेकों महा भाष्यों आदि पर इनसे पूछा जाये, बहस की जाये तो ये कहीं टिक ही नहीं सकते। इस तरह के लोग हिन्दुत्व को चरित्र प्रमाणपत्र दे रहे है। क्या तमाशा बना दिया भारतीय संस्कृति को कांग्रेस के राजनैतिक पागलपन नें । भारत के अधिकांश नागरिक अचंभित है। आम अल्पसंख्यक भी सबसे ज्यादा यह सोचनें पर मजबूर है कि कांग्रेस क्या करना चाहती है ?  जब संघ और भाजपा पैदा भी नहीं हुये थे तब भी कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करती थी इसका उदाहरण खिलाफत आंदोलन में कांग्रेस की अगुवाई थी। कांग्रेस ही वह पार्टी थी जिसने मुस्लिम लीग के साथ पैक्ट किये उसे मजबूत कर देश का विभाजन तक लेकर गये और उसकी मांग पर दस्तखत किये। पाकिसतान बनवाया । कांग्रेस को देश ने सौ साल से ज्यादा देखा है, भुगता है। अब वह समय  आ गया कि कांग्रेस के खेल को देश समझ गया है। उसकी साम्प्रदायिकता भडकाओं और वोट ठग ले जाओ नीति नहीं च...