अब साम्प्रदायिकता भडकाओं और वोट ठग ले जाओ नीति नहीं चलेगी - अरविन्द सिसौदिया

 



सबसे अजीब बात यह है कि कांग्रेस की तरफ से हिन्दुत्व की व्याख्या वे लोग कर रहे है। जो हिन्दू तत्व दर्शन को जानते ही नहीं है। जिन्होने कभी हिन्दू जीवन जिया ही नहीं। यदी हिन्दू वेद पुराण शास्त्र उपनिषद अनेकों महा भाष्यों आदि पर इनसे पूछा जाये, बहस की जाये तो ये कहीं टिक ही नहीं सकते। इस तरह के लोग हिन्दुत्व को चरित्र प्रमाणपत्र दे रहे है। क्या तमाशा बना दिया भारतीय संस्कृति को कांग्रेस के राजनैतिक पागलपन नें । भारत के अधिकांश नागरिक अचंभित है। आम अल्पसंख्यक भी सबसे ज्यादा यह सोचनें पर मजबूर है कि कांग्रेस क्या करना चाहती है ?

 जब संघ और भाजपा पैदा भी नहीं हुये थे तब भी कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करती थी इसका उदाहरण खिलाफत आंदोलन में कांग्रेस की अगुवाई थी। कांग्रेस ही वह पार्टी थी जिसने मुस्लिम लीग के साथ पैक्ट किये उसे मजबूत कर देश का विभाजन तक लेकर गये और उसकी मांग पर दस्तखत किये। पाकिसतान बनवाया । कांग्रेस को देश ने सौ साल से ज्यादा देखा है, भुगता है। अब वह समय  आ गया कि कांग्रेस के खेल को देश समझ गया है। उसकी साम्प्रदायिकता भडकाओं और वोट ठग ले जाओ नीति नहीं चलेगी।

 अभी हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठनेता एवं पूर्व केन्द्रीयमंत्री रहे सलमान खुर्शीद की नई किताब ’सनराइज ओवर अयोध्या’ में हिन्दुत्व की  बोको हरम और आईएसआईएस से तुलना को लेकर देश आक्रोशित था ही कि इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा और संघ पर निशाना साधते हुये सलमान खुर्शीद के निंदनीय एवं घ्रणित प्रस्तुति को बैकअप दिया है,कबर फायर की तरह समर्थन किया है। यह टाईमिंग बता रही है कि सब कुछ तय सुदा रणनीति के तहत हो रहा है।


कांग्रेस के डिजिटल कैंपेन के उद्घाटन कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि देश में इस वक्त दो विचारधाराएं हैं. एक आरएसएस की और दूसरा कांग्रेस की विचारधारा। आरएसएस की नफरत फैलाने की विचारधारा जबकि कांग्रेस की विचारधारा जोड़ने, भाईचारे और प्यार की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि आरएसएस के आइकॉन सावरकर हैं जबकि कांग्रेस के आइकॉन महात्मा गांधी हैं। उन्होंने हिंदुत्व और हिंदुइज्म दोनों को अलग-अलग बताया। उन्होंने कहा कि विचारधारा की अनिवार्य ट्रेनिंग होनी चाहिए; हम अपनी विचारधारा देशभर में फैलाएंगे।

उन्होंने कहा, ’हिंदू धर्म और हिंदुत्व में फर्क है; अगर आप हिंदू हैं तो आपको हिंदुत्व की क्या जरूरत है; कबीर, गुरु नानक, महात्मा गांधी, बहुत सारे लोगों ने इसे अपनाया और इसका प्रचार किया।

विचारधारा पर बवाल क्यों?
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील सलमान खुर्शीद ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर एक किताब लिखी है। खुर्शीद का कहना है कि वो देश को फैसले के कारण और मकसद समझाना चाहते हैं।

सलमान खुर्शीद की किताब को लेकर देश भर में आक्रोश है,भाजपा सहित तमाम राष्ट्रवादी एवं हिन्दू धर्म से जुडे लोग इसकी भर्त्सना कर रहे है। गुरुवार को बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पत्रकारवार्ता कर सलमान खुर्शीद पर कडे प्रहार करते हुये कहा है कि ’हिंदुत्व के खिलाफ कांग्रेस की यह बड़ी साजिश है और उनकी विचारधारा हिंदुओं के खिलाफ है। ये केवल हिंदुओं की भावनाओं की नहीं है। भारत की आत्मा को भी गहरी ठेस पहुंचाती हैं। कांग्रेस पार्टी एक मकड़ी की तरह  हिंदुओं के खिलाफ नफरत का जाल बुन रही है।’ इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सलमान खुर्शीद पर कार्रवाई करने की मांग की।
 
 कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ( salman khurshid ) के बाद अब राशिद अल्वी (raashid-alvi) ने हिंदुओं और भगवान श्रीराम (Shree Ram) को लेकर विवादित बयान दिया है. उत्तर प्रदेश के संभल में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने जय श्रीराम का नारा लगाने वालों को रामायण युग का कालनेमी राक्षस बताया है. राशिद अल्वी ने कहा कि रामराज्य का नारा लगाने वाले मुनि नहीं, बल्कि रामायण के कालनेमि राक्षस हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रामराज्य का नारा लगाने वाले समाज में नफरत फैला रहे हैं.

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी  ने बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आजकल कुछ लोग जय श्री राम का नारा लगाकर देश के लोगों को गुमराह करते हैं, ऐसे लोगों से होशियार रहना चाहिए. आज जो जय श्री राम बोलते हैं, वे बिना नहाए बोलते हैं. आज भी बहुत लोग जय श्री राम का नारा लगाते हैं, वे सब मुनि नहीं हैं.’

यूं तो कांग्रेस के खिलाफ हिन्दू विरोधी होनें के अनेको उदाहरण भरे पडे है। 101 हिन्दू विरोधी कारनामें करके किताब भी लिखी जा सकती है। देश को समझना होगा कि : - 


1- सलमान खुर्शीद की किताब को जारी करने के लिये हिन्दूओं के खिलाफ टिप्पणीयां करने के लिये मशहूर कांग्रेस महासचिव रहे दिग्विजय सिंह और केन्द्रीय मंत्री रहे चिदम्बरम मौजूद थे। इससे ही तय है कि यह पूर्व नियोजित था। दिशा भी क्या देनीं थी।
2- सलमान की किताब में यह विवादित अंश हैं, मीडिया को तुरन्त किसने बताया ? ताकि विवादस्पद तथ्य तुरंत सामनें आयें और उसके तत्काल बाद दूसरे ही दिन राहुल गांधी जी का समर्थन करता हुआ उदबोधन आ गया । इतना ही नहीं कांग्रेस के ही एक वरिष्ठनेता राशिद अल्वी ने रामभक्तों की तुलना राक्षस से करदी। क्या ये सब तयसुदा टूलकिट की तरह नहीं है ?
3 - याद रहे कि यह वही कांग्रेस है जिसकी राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में हिन्दू विरोधी कानून “साम्प्रदायिक हिंसा” आया था।
(सांप्रदायिक और लक्ष्यित हिंसा निवारण विधेयक भारत का 2011 में कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया एक विधेयक था जो की पूरी होने की प्रक्रिया में थी। इस अधिनियम का प्रारूप संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् के द्वारा तैयार किया गया)
4- याद रहे कि यह वही कांग्रेस है जिसके महासचिव राहुल गांधी के बारे में केबल लीक से खुलाशा हुआ था कि उन्होने अमरीकी राजनीयिक को हिन्दू आतंकवाद को खतरनाक बताया था।
(‘‘मुंबई आतंकवादी हमले (26/11) के दो वर्ष बाद 2010 में अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भारत के दौरे पर थीं। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए आयोजित दोपहर के भोज में अमेरिका के राजदूत टिमोथी रोमर, राहुल गांधी के पास बैठे थे और उन्होंने कांग्रेस नेता से पूछा कि वह लश्कर ए तैयबा के बारे में क्या सोचते हैं।’’
 ‘‘राहुल ने रोमर से कहा कि एलईटी को भूल जाइए, इस देश का हिंदू आतंकवाद ज्यादा बड़ा खतरा है। अमेरिकी राजदूत रोमर ने इस बातचीत को केबल के रूप में अपने देश भेज दिया। बाद में यह केबल लीक हो गया और लंदन के अखबार द गार्जियन ने इसे प्रकाशित किया।’’ कथित संवाद का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा कि अमेरिका के राजदूत ने लिखा कि कांग्रेस महासचिव (राहुल गांधी) भाजपा में ज्यादा ध्रुवीकरण करने वाले कुछ नेताओं द्वारा तनाव पैदा करने का जिक्र कर रहे थे। इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल थे।)
5- यह वही कांग्रेस है जिसकी प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के शासन में 7 नवंबर 1966 गौ भक्त हिन्दुओं पर गोलीबारी हुई थी।
6- यह वही कांग्रेस है जिसकी यूथ इकाई ने केरल में गाय के बछडे का वध कर पका कर सडक पर खाया और खिलाया था।
7- यह वही कांग्रेस है जिसके प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संसद में गौ वध रोकने से साफ इंकार कर दिया था।

8- याद रहे प्रधानमंत्री राजीव गांधी का कार्यकाल जब सिख बंधुओं के गले में टायर डाल डाल कर जलाया गया था। हिन्दू सिखों का नर संहार हुआ था। 

9- याद रहे यह वही कांग्रेस है जिसके प्रधानमंत्री घोषणा करते थे कि भारत के खजानें पर पहला अधिकार विशेषकर मुसलमानों का है।
( समाज के सभी पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों विशेषकर मुसलमानों को विकास के लाभ में बराबर की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए उनका सशक्तिकरण किए जाने की ज़रूरत है. देश के संसाधनों पर पहला हक़ उन्हीं का है - प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह) 

10- याद रहे गुजरात में दंगे भडकानें हेतु, गोधराकाण्ड जिसमें रामभक्तों की रेल बोगी को पैट्रौल डाल कर जलाया गया था के मुख्य कर्ताधर्ता कांग्रेस के ही पदाधिकारी थे।

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