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क्या कांग्रेस हाईकमान , गहलोत के विद्रोह से डर गया

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क्या कांग्रेस हाईकमान , गहलोत के विद्रोह से डर गया  सब जानते हैं कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है और कोई सलाह भी नहीं दे पाता। हाई कमान के नाम पर परिवार जो हुक्म कर दे वही सही है । सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी मूलतः इंदिरा गांधी के पति फिरोज खान  के वंशज हैं । यह परिवार कांग्रेस के लिये होली परिवार है । पंजाब में  कृषि कानूनों के विरोध की अगुवाई से कैप्टन अमरिंदर सिंह की जीत सुनिश्चित थी। मगर जीत से पहले ही परिवार में अचानक नवज्योत सिंह  सिधू प्रेम जाग्रत हुआ और सब तहस नहस हो गया, फायदा आप पार्टी को मिल गया । ठीक चुनाव से पहले यह प्रयोग कतई ठीक नहीं था । परिणाम भुगतना पड़ा मगर सीख नहीं ली । पंजाब का प्रयोग लालच में लपेट कर राजस्थान में दोहराया जानें लगा । अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट को बिठानें की बिसात बिछाई जानें लगी । गहलोत लालच में नहीं फंसे और विद्रोह कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे दिलवा दिये । परिणामस्वरूप कांग्रेस हाईकमान को पीछे हटना पड़ा । मगर कांग्रेस में चल रहा 4 साल का असन्तोष उच्चतम शिखर पर पहुँच गया। माना जा रहा ह...

खड़गे बनना तो तय, मगर चलना अनिश्चित - अरविन्द सिसोदिया

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खड़गे बनना तो तय, मगर चलना अनिश्चित - अरविन्द सिसोदिया यूं तो कांग्रेस की स्थापना भारतवासियों को अंग्रेज भक्त बनानें के लिये , ब्रिटिश अधिकारी ए ओ ह्यूम नें की थी। किंतु यह धीरे धीरे भारत के स्वतन्त्रता संग्राम की मुख्य पार्टी बन गई और 1885 से लेकर अभी तक यह भारत की महत्वपूर्ण पार्टी बनीं हुई है। 100 साल से अधिक आयु रखनें वाली यह एक मात्र सफल पार्टी भी है। कांग्रेस के गठन के बाद से कुल 61 लोगों ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है । मल्लिकार्जुन खड़गे 62 वे व्यक्ति होंगे जो कांग्रेस की कमान सँभालेंगे ।  सोनिया गांधी पार्टी की सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाली अध्यक्ष हैं, जिन्होंने 1998 से 2017 और 2019 से अभी तक,  बीस वर्षों से अधिक समय तक इस पद पर रहीं । अभी वे ही अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहीं हैं । पार्टी में अध्यक्ष हेतु चुनाव चल रहा है,अगला चुनाव 17 अक्टूबर 2022 के लिए निर्धारित है।  कांग्रेस पर नेहरू परिवार नें अपना स्वामित्व बनाये रखा है, महात्मा गांधी के द्वारा कांग्रेस की भंग करनें की सलाह भी प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नें नहीं मानीं थी ।...

राहुल गांधी ने हिटलर से अपने को क्यों जोड़ा ?

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क्या राहुलजी हिटलर बनना चाहते हैं ? ये शब्द कांग्रेस राजकुमार एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के हैं ...सुनें समझें वे क्या करनें वाले हैं । ' हिटलर भी चुनाव जीतकर आया था...जर्मनी का पूरा ढांचा उसके पास था, मुझे ढांचा दे दो, मैं दिखाऊंगा कि चुनाव कैसे जीता जाता है..' एक प्रश्न के उत्तर मैं राहुल ने कहा, 'हां हिटलर भी चुनाव जीत जाता था। हिटलर चुनाव कैसे जीतता था। हिटलर चुनाव ऐसे जीतता था कि जर्मनी के पूरे के पूरे इंस्टीट्यूशन उसके हाथ में थे। उसके पास SA थी। पैरामिलिटरी फोर्स थी। उसके पास पूरा का पूरा ढांचा था। मुझे पूरा ढांचा दे दो फिर मैं आपको दिखाऊंगा कि कैसे इलेक्शन जीता जा सकता है।' कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान पर आपकी क्या राय है? सवाल यही है कि सोनिया गांधी चाहती हैं कि राहुल जी प्रधानमंत्री बनें । हर माँ यही चाहती है कि उसका बेटा बहुत बड़ा बनें। मगर राहुल जी जैसे ही मुँह खोलते हैं बोलते हैं । तो वे जरूर कुछ इस तरह का होता है कि उनके नंबर कम हो जाते हैं । यही यह बयान भी बता रहा है। जहां तक हिटलर का सवाल है वह सिर्फ चुनाव जीता था,उसकी पार्टी चुनाव हा...

एक थी कांग्रेस पढाया जाया करेगा - अरविन्द सिसौदिया G 23

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आने वाले समय में एक थी कांग्रेस पढाया जाया करेगा - अरविन्द सिसौदिया     In the coming times, there was one Congress will be taught - Arvind Sisodia इटली की बेटी, भारत की बहू और ईसाई विचारधारा में विश्वास रखनें वाली श्रीमती सोनिया गांधी ने जबसे कांग्रेस पर कब्जा जमाया है । तब से इस पार्टी में कोई भी नेता यह विश्वास से नहीं कह सकता कि उसकी बात मान ली जायेगी। या उसके सुझाव पर कोई गौर किया जायेगा। क्यों कि तब से यह पार्टी तानाशाही वंशबाद में फंस गई। आज अचानक कांग्रेस जनता से ठुकरा दी हो येशा नहीं है, पिछले लम्बे समय से कांग्रेस हांसियें पर ही है। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से उपजी सहानुभूति में कांग्रेस ने 400 सीटें पार कीं थीं , तब से अब तक वह स्पष्ट बहूमत को तरस रही है। कुछ समय तक सीताराम केसरी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, उनकी दुर्गती को सबने देखा , उस कार्यकाल को छोड दिया जाये, तो लगभग यह पूरा कार्यकाल सोनिया गांधी एवं उनकी संतानों के पास ही रहा है। इस दौरान दो कार्यकाल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रहे और एक कार्यकाल प्रधानमंत्री नरसिंह राव रहे। कुल मिला कर कां...

अब साम्प्रदायिकता भडकाओं और वोट ठग ले जाओ नीति नहीं चलेगी - अरविन्द सिसौदिया

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  सबसे अजीब बात यह है कि कांग्रेस की तरफ से हिन्दुत्व की व्याख्या वे लोग कर रहे है। जो हिन्दू तत्व दर्शन को जानते ही नहीं है। जिन्होने कभी हिन्दू जीवन जिया ही नहीं। यदी हिन्दू वेद पुराण शास्त्र उपनिषद अनेकों महा भाष्यों आदि पर इनसे पूछा जाये, बहस की जाये तो ये कहीं टिक ही नहीं सकते। इस तरह के लोग हिन्दुत्व को चरित्र प्रमाणपत्र दे रहे है। क्या तमाशा बना दिया भारतीय संस्कृति को कांग्रेस के राजनैतिक पागलपन नें । भारत के अधिकांश नागरिक अचंभित है। आम अल्पसंख्यक भी सबसे ज्यादा यह सोचनें पर मजबूर है कि कांग्रेस क्या करना चाहती है ?  जब संघ और भाजपा पैदा भी नहीं हुये थे तब भी कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करती थी इसका उदाहरण खिलाफत आंदोलन में कांग्रेस की अगुवाई थी। कांग्रेस ही वह पार्टी थी जिसने मुस्लिम लीग के साथ पैक्ट किये उसे मजबूत कर देश का विभाजन तक लेकर गये और उसकी मांग पर दस्तखत किये। पाकिसतान बनवाया । कांग्रेस को देश ने सौ साल से ज्यादा देखा है, भुगता है। अब वह समय  आ गया कि कांग्रेस के खेल को देश समझ गया है। उसकी साम्प्रदायिकता भडकाओं और वोट ठग ले जाओ नीति नहीं च...

पंजाब , फिलहाल कांग्रेस हाई कमान फैल हुआ - अरविन्द सिसौदिया

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- अरविन्द सिसौदिया    9414180151 पंजाब में पूर्व भाजपा सांसद नवज्योजसिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बन कर मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। राहुल - प्रियंका के चलते वे सफलता के बहुत नजदीक पहुंच गये । नाईटवाच मेन के तौर पर चन्नी का मुख्यमंत्री बनना उन्ही की सहमती से हुआ था, हलांकि वे अंतिम समय में वे स्वयं मुख्यमंत्री की दौड में सम्मिलित हो गये थे किन्तु बडबोलेपन के कारण वे बेहद विवादास्पद भी हो गये थे। किन्तु मुख्यमंत्री बनते ही चन्नी ने ज्यों ही मंत्रालयों का वितरण किया, तो उसमें संभवतः सिद्धू की कतई नहीं चली । इसी से नाराज होकर सिद्धू ने त्यागपत्र दे दिया है। कुल मिला कर एक दलित मुख्यमंत्री को सिद्धू ही नहीं पचा पा रहे। उसे काम नहीं करने दे रहे है। यह सारा ड्रामा चन्नी को जेब में रखनें का है और उसे फेल करने का है। यह समय ही बतायेगा कि सिद्धू फैल होते हैं या चन्नी फैल होते है फिलहाल कांग्रेस हाई कमान फैल हो चुका है।                पंजाब में मुख्यमंत्री चननी के द्वारा मंत्रियों को विभाग वितरित किए जाने...

सोनिया :दुनिया की चौथी सबसे अमीर राजनेता : अमेरिकी वेबसाइट बिजनेस इनसाइडर

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दुनिया की चौथी सबसे अमीर राजनेता सोनिया! Tue,13 Mar २०१२ http://www.jagran.com/news  नई दिल्ली। कोई भी व्यक्ति देश और समाजसेवा की बात कहकर राजनीति में आता है। कोई अमीर बनने के लिए राजनीति में नहीं आता, लेकिन पता नहीं क्यों राजनेता दिनोंदिन अमीर हो रहे हैं। ऐसे ही राजनेताओं की एक फेहरिस्त जारी हुई है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दुनिया की चौथी सबसे अमीर राजनेता बताया गया है। अमेरिकी वेबसाइट बिजनेस इनसाइडर ने यह दावा किया है। साइट के मुताबिक सोनिया के पास दो से 19 अरब डॉलर [करीब 99 अरब से लेकर 948 अरब रुपये] की संपत्ति है। सूची में हरियाणा की विधायक और जिंदल समूह की प्रमुख सावित्री जिंदल का नाम भी है। उनकी संपत्ति 13.2 अरब डॉलर [करीब 658 अरब रुपये] आंकी गई है। दरअसल सबसे पहले यह खबर जर्मनी के अखबार 'डी वेल्ट' में प्रकाशित हुई थी। इस अखबार के व‌र्ल्ड लग्जरी गाइड सेक्शन में दुनिया के सबसे रईस 23 नेताओं की सूची प्रकाशित की गई थी। इसमें सोनिया गांधी चौथे स्थान पर हैं। बिजनेस इनसाइडर ने अखबार का हवाला देते हुए यह सूची प्रकाशित की है। लेख में कहा गया है पूर्व प्रधा...