एक थी कांग्रेस पढाया जाया करेगा - अरविन्द सिसौदिया G 23

आने वाले समय में एक थी कांग्रेस पढाया जाया करेगा - अरविन्द सिसौदिया
 
अरविन्द सिसौदिया

 

In the coming times, there was one
Congress will be taught - Arvind Sisodia

इटली की बेटी, भारत की बहू और ईसाई विचारधारा में विश्वास रखनें वाली श्रीमती सोनिया गांधी ने जबसे कांग्रेस पर कब्जा जमाया है । तब से इस पार्टी में कोई भी नेता यह विश्वास से नहीं कह सकता कि उसकी बात मान ली जायेगी। या उसके सुझाव पर कोई गौर किया जायेगा। क्यों कि तब से यह पार्टी तानाशाही वंशबाद में फंस गई।

आज अचानक कांग्रेस जनता से ठुकरा दी हो येशा नहीं है, पिछले लम्बे समय से कांग्रेस हांसियें पर ही है। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से उपजी सहानुभूति में कांग्रेस ने 400 सीटें पार कीं थीं , तब से अब तक वह स्पष्ट बहूमत को तरस रही है। कुछ समय तक सीताराम केसरी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, उनकी दुर्गती को सबने देखा , उस कार्यकाल को छोड दिया जाये, तो लगभग यह पूरा कार्यकाल सोनिया गांधी एवं उनकी संतानों के पास ही रहा है। इस दौरान दो कार्यकाल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रहे और एक कार्यकाल प्रधानमंत्री नरसिंह राव रहे। कुल मिला कर कांग्रेस एक दम अचानक कमजोर नहीं हुई है। वह कमजोर एक अर्से से लगातार हिन्दू और भारत विरोधी निर्णयों के कारण होती रही है। जैसे जैसे जनता की समझ में आता गया , वह अस्विकार्य होती चली गई और इस दुर्गती को प्राप्त हुई।

इस दौरान कांग्रेस में जो सक्षम नेता थे वे कांग्रेस से बाहर गये और उन्होनें अपना दल खडा कर लिया। शरद पंवार, जगन और ममता बनर्जी कांग्रेसी ही हैं । इससे पहले वी पी सिंह भी कांग्रेस के ही नेता थे जिन्होनें गांधी खानदान के अभी तक के अंतिम प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार को सिंहासन से बाहर कर दिया था। कई कांग्रेसी अलग होकर प्रांतों में सरकार चला रहे है। अर्थात कहीं तो गलती थी ही कि सक्षम कांग्रेसीयों को कांग्रेस त्यागनी पढ़ी है।

जहां तक जी - 23 समूह के उम्र दराज हो चुके अस्विकार्य कांग्रेसीयों की बात है, ये मात्र गीदड भपकी है। इनमें से किसी पर दो लोकसभा क्षेत्र जीतानें की क्षमता नहीं है। न ही ये कांग्रेस के वोट बडा सकते न कटा सकते । मात्र कुछ अखवारी नौटंकी के इनसे कुछ नहीं हो सकता। कांग्रेस को आज भी जो वोट मिलता है वह उसके गांधी खानदान के कारण मिलता है।

जहां तक निर्णयों का सवाल है वह स्वयं सोनिया गांधी के कारण ही गलती प्रारम्भ हुई । इससे पहले कांग्रेस मुसलमानों के वोट लेती थी मगर वह व्यापक आधार पर और रोज व रोज हिन्दू विरोधी कभी नहीं हुई थी। जो भ्रष्टता कांग्रेस की सरकारों में इस दौरान सामनें आईं वे इससे पहले कभी नहीं थी।

भारत ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय परमाणु क्षमता प्राप्त की और दो दिनों में पांच परमाणु विस्फोट किये, इस दौरान सोनिया जी और कांग्रेस इस उपलब्धि के विरोध में खडे हुये, जबकि केन्द्र सरकार के साथ खडा होना चाहिये था। संदेश यह गया कि ये तो भारत विरोधी होनें तक से नहीं चूक रहे।

मुम्बई आतंकी हमले में भारतीयों सहित कई विदेशी नागरिक भी मारे गये थे, पाकिस्तान और उसमें बैठे दाऊद एण्ड कम्पनी के विरूद्ध में बडी कार्यवाही होनी चाहिये थी। मगर अमरीकी राजनायिक को कांग्रेस राजकुमार हिन्दूओं के आतंकवाद का भय बता रहे थे। यह बात जब लीक होकर बाहर आई तो भारत में कांग्रेस को हिन्दू विरोधी ही नहीं आतंकवादियों की हिमायती पार्टी मान लिया गया।

गोधरा में साबरमति ट्रेन के कोचों में अयोध्या से लौट रहे राम भक्तों को पैट्रोल डाल कर जिन्दा जला दिया गया, इसमें कांग्रेस के घोषित नेता भी सम्मिलित थे। इसके बाद गुजरात जल उठा । कांग्रेस के नेतृत्व को इस हिंसक घटना से अपने आपको दूर रखना चाहिये था और निंदा तो करनी ही चाहिये थी । मगर वह मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर हुई और हिंसा और असत्य के साथ खडा होनें से गुजरात ही नहीं देश की नजर से उतरती चली गई।

लगातार हिन्दू विरोधी और भारत विरोधी बनती गई कांग्रेस का यही हाल होना ही था। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, भाजपा की लगातार जीतों का कारण स्वयं कांग्रेस की नीतियां हीं है। भारत पर राज करनें के लिये भारत का हित चिन्तक तो होना ही पडेगा ! इट इज मस्ट !! पाकिस्तान में जाकर मोदी सरकार को हटानें के लिये मदद मांगना , भाजपा को ही मजबूती देना होता है। कांग्रेस इस तरह के बेसिरपैर के अनेकानेक बयान देकर स्वयं को ही भारत के लोगों की घ्रणा का पा़त्र बनाती जा रही है। इसी कारण वह हार रही है। उसी ने आम आदमी पार्टी को आगे बढाया था अब वही कांग्रेस का विकल्प बनने में लगी हुई है। यदि कांग्रेस ने अब भी अपनी नीतियां नहीं बदलीं तो आप पार्टी कांग्रेस का स्थान ले लेगी।

चुनावी मौसम में छदम हिन्दुत्व के सहारे कांग्रेस अब हिन्दूओं को भी ठग नहीं सकती। उसे भाजपा के प्रखर हिन्दुत्व और राष्ट्र सर्वोपरी के भाव के सामने खुद को भी साबित करना ही होगा। अन्यथा आने वाले समय में “एक थी कांग्रेस पढाया जाया करेगा।  ”
.....
कांग्रेस की कलह : अधीर रंजन ने जी-23 समूह के नेताओं को फटकार लगाई


कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी के जी-23 समूह के नेताओं को फटकार लगाई है. चौधरी का कहना है कि पार्टी में उतार चढ़ाव आते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बगावत शुरू कर दी जाए.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”सोनिया गांधी का दरवाजा सभी कांग्रेस नेताओं के लिए खुला है. ऐसे समय में जब कांग्रेस को एक साथ लड़ने की ज़रूरत है, कुछ चुनिंदा नेता (जी-23 के नेता) गांधी परिवार और कांग्रेस आलाकमान के ख़लिफ बयानबाज़ी करते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, ”अगर उनका (जी23 के नेता) इरादा सही है और नीयत साफ़ है तो ये लोग सोनिया गांधी के साथ बैठकर साफ़ बात क्यों नहीं करते हैं?”

अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि जी-23 के नेताओं को जब कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री बनाया जा रहा था या पद दिए जा रहे थे तब वो अलग तरीक़े का व्यवहार रखते थे.

चौधरी ने कहा, ”जब ये लोग मंत्री बने थे, राज्यसभा गए थे तब कौन सा लोकतंत्र का रास्ता अपनाकर ऐसा किया गया था. आज आप लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे हैं, कांग्रेस में लोकतंत्र की बात कर रहे हैं, समावेश की बात कर रहे हैं. आपको सत्ता के समय सबकुछ सुनहरा लग रहा था. हम जानते हैं कि कौन लोकतंत्र को कैसे मान्यता देता है.”
दरअसल, पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए निराशाजनक नतीजे सामने आए थे. नतीजों के बाद कांग्रेस नेतृत्व को लेकर मतभेद की बात सामने आ रही थी.

जी-23 समूह के नेताओं की एक बैठक भी वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद के घर पर हुई. इस बैठक में आज़ाद के अलावा शशि थरूर, कपिल सिब्बल, मणिशंकर अय्यर, मनीष तिवारी और दूसरे नेता शामिल थे.

बैठक के बाद जी-23 समूह के नेताओं ने बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर टिप्पणी भी की थी, समावेशी नेतृत्व और सभी स्तरों पर फ़ैसले लेना का मॉडल अपनाने का सुझाव दिया था.


 

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमें वीर केशव मिले आप जबसे : संघ गीत

सर्व हिंदू समाज की " हिंदू नववर्ष शोभायात्रा " अद्भुत और दिव्यस्वरूप में होगी Hindu Nav Varsh Kota

हिन्दू नववर्ष शोभायात्रा, हिन्दू समाज का विराट प्रगटीकरण होगा, प्रत्येक हिन्दू परिवार इसमें सम्मिलित होगा Hindu Nav Varsh

स्वदेशी मेला हिंदू संस्कृति के विविध रंगारंग कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न Hindu Nav Varsh Kota

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

आज होगा विराट हिंदू संगम, लघु कुंभ जैसा दृश्य बनेगा कोटा महानगर में Hindu Nav Varsh

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

हिन्दू नव वर्ष 2082 के आगमन पर मेटा AI से बनाये कुछ चित्र Hindu Nav Varsh AI Meta