ममता बनर्जी, कश्मीरी पण्डितों की तरह बंगाल से निकाल रहीं हैं भाजपा कार्यकर्ताओं को - अरविन्द सिसौदियाbjp workers
24 मार्च 2022
ममता बनर्जी, कश्मीरी पण्डितों की तरह भाजपा कार्यकर्ताओं को बंगाल से निकाल रहीं हैं - अरविन्द सिसौदिया
Mamata Banerjee is evicting BJP workers from Bengal like Kashmiri Pandits - Arvind Sisodia
ममता बनर्जी,लोकतंत्र की हत्या कर रहीं है - अरविन्द सिसौदिया
Mamata Banerjee is killing democracy - Arvind Sisodia
बंगाल में संविधान विरोधी कृत्यों को कब तक सहन किया जायेगा - अरविन्द सिसौदिया
How long will anti-constitutional acts be tolerated in Bengal - Arvind Sisodia
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस से बगावत करके अपनी पार्टी बनाने वाली ममता बनर्जी की तृण मूल कांग्रेस लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता में है। इससे पहले लगातार कई दसकों तक कम्युनिष्ट पार्टी की सरकारें प्रदेश की सत्ता में रहीं है। कांग्रेस का वहां बर्चस्व तो था किन्तु इस चुनाव में वह प्रदेश से पूरी तरह साफ हो गई । वहां अब भाजपा की स्थिती काफी मजबूत हुई है। वह 3 विधायक से 77 विधायक तक पहुंच गई वहीं नम्बर दो की पोजीशन पर भी वह 200 से ज्यादा विधानसभा क्षैत्रों में है। इस तरह अब टीएमसी के सामनें मुख्य तौर पर भाजपा ही प्रमुख विपक्षी पार्टी है। ममता बनर्जी भी जानतीं हैं कि उन्हे बंगाल की राजनीति से भाजपा अब उखाड फेंकनें की स्थिती में आ गई है। इसलिये वह दमन के रास्ते पर आ खडी हुई है।
हाल ही में वीरभूमि में एक टीएमसी नेता की हत्या हो गई उसके बाद बदले की कार्यवाही में विपक्ष के कम से कम 9 लोगों को जिन्दा जला दिया गया है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये अपराधियों पर कडी कार्यवाही की मांग प्रदेश की सरकार से की है।
भारत में 2014 से विपक्ष की राजनीति का तरीका बदल गया है, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की कृछ पार्टियां पूरी तरह से आराजकता फैला कर अपना बजूद बचानें के रास्त पर उत्तर आईं है। जब सीएए लागू किया जा रहा था जब कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने स्वयं उकसानें वाली भाषण वाजी करते हुये कहा था कि घरों से बाहर निकलें परिणाम स्वरूप पूरे देश में शाहीन बाग जैस असंवैधानिक आन्दोनल खडे किये गये और भाजपा से लेकर संबिधान और न्याय व्यवस्था को जमक र कोसा गया , मनचाही झूठ परोसा गया। जिन्हे कांग्रेस सहित कई दलों ने परोक्ष अपरोक्ष सहयोग दिया , प्रबंध किये, फंडिंग की ।
इसी संदर्भ में 23 मार्च 2022 को न्यूज इण्डिया पर सायंकालीन बहस में पार्टीयों के प्रवक्ता एवं स्वतंत्र विचारकों के बीच स्वतंत्र विचारक रिजवान अहमद ने दो महत्वपूर्ण बहुतें कईं :-
1- भाजपा केन्द्र की सरकार ने धारा 370 को हटानें में जो ताकत दिखाई थी वह बाद में कहीं नहीं दिखी जैस कि शाहीन बाग, किसान आन्दोलन एवं बंगाल चुनाव हिंसा में , वह कठोर कार्यवाही करती नजर नहीं आई।
2- उत्तरप्रदेश में योगी सरकार कानून व्यवस्था बनाने में सफल रही जब कि पश्चिम बंगाल सरकार पूरी तरह फैल रही । यूपी में चुनाव के पूर्व, चुनाव के दौश्रान और चुनाव के बाद एक भी नृशंस घटना नहीं हुई है। जब कि बंगाल में चुनाव के लगभग एक साल बाद भी नृशंस घटनायें एवं पलायन हो रहा है। यह कानून व्यवस्था की विफलता है, संवैधानिक शासन व्यवस्था का फैल्यिर है। बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो रही है।
यह तथ्य सही है कि पश्चिम बंगाल में लगातार लोकतंत्र की हत्या ही हो रही है। पहले साम्यवादियों ने लगातार लोकतंत्र की हत्या की थी। अब वही तरीका ममता बनर्जि ने अपना लिया है। कांग्रेस ने भी पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान लोकतंत्र एवं सविधान की हत्या की है। सवाल यही है कि संबिधान ने बहुत सारे अधिकार केन्द्र को मजबूत बनानें के लिये दिये है, तो उनका उपयोग प्रयोग क्यों नहीं किया जाता है। बंगाल में भाजपा के लोगों को चुन - चुन कर मारा जा रहा है वे पलायन को मजबूर किये जा रहे है।
आप राष्ट्रपति शासन मत लगाईये मगर प्रदेश का गृह विभाग केन्द्र के पास ले लीजिये । सब ठीक हो जायेगा। वहां राष्ट्रपति शासन की जरूरत है, क्यों कि ममता बनर्जी राज्यपाल का निरंतर अपमान कर रहीं हैं, संविधान का निरंतर अपमान कर रहीं है। लोकतंत्र की निरंतर हत्या कर रहीं है, फिर डर क्यों । पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र चुनाव नहीं हुये हैं। वहां टीएमसी और प्रशासन ने मिल कर भय और हिंसा का वातावरण बना कर चुनाव जीता है। इस संदर्भ में एक याचिका सुप्रिम कोर्ट में विचाराधीन भी है। न्यायालय ने नोटिश भी जारी किया हुआ है।
केन्द्र सरकार को अपने संबैधानिक अधिकारों का उपयोग कर बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी और टीएमसी सरकार प्रायोजित हिंसा और अत्याचार रोकनें चाहिये । वहां भी कश्मीरी पण्डितों की तरह भाजपा कार्यकर्ताओं को खदेडा जा रहा है।
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