मोदी - योगी और भाजपा ही राम राज्य का सपना साकार कर रहे हैं - अरविन्द सिसोदिया

 मोदी - योगी और भाजपा ही राम राज का सपना साकार कर रहे हैं 

- अरविन्द सिसोदिया


Modi - Yogi and BJP are making the dream of Ram Raj come true - Arvind Sisodia

modee - yogee aur bhaajapa hee raam raaj ka sapana saakaar kar rahe hain - aravind sisodiya

 Modi - Yogi - Arvind Sisodia 2

 मोदी - योगी और भाजपा ही राम राज का सपना साकार कर रहे हैं - अरविन्द सिसोदिया

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने लोक कल्याणकारी  शासन व्यवस्था देकर अपनी पहचान बनाई है। राम राज के सभी न सही तो भी अनेकों प्रमुख नीतियों एवं सिद्धांतों की पालना में मोदी सरकार एवं योगी सरकार सहित ज्यादातर भाजपा सरकारें चल  रहीं है।

रामराज का अर्थ है भारतीय संस्कृति के आदर्शों एवं मूल्यों का शासन! जिस में इस देश की संस्कृति एवं आध्यात्मिक अनुसंधान सहित धर्म, मर्म एवं नीति व ज्ञान का सम्मान हो। आम जन की सुरक्षा सुव्यवस्था हो । सभी की बात सुनी जाए और सभी को समान न्याय दिया जाये। विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों की चिंता की जाये। कानून व्यवस्था एवं राष्ट्र रक्षा का चिंतन हो। हम श्रीराम से तुलना न भी करें तो भी उनके मार्ग पर चलने की कोशिश करते हुये भाजपा के अनेकों नेताओं को देख रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी रोल मॉडल बन कर उभरे है। अनेकों मुख्यमंत्री एवं मंत्री उनका अनुसरण कर रहे है।

सबका साथ , सबका विकास, सबका विश्वास ।
भाजपा का यही तो मूल मंत्र है। जबकि इससे पहले हम तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति ही देखते थे। भेद भाव और छल के साथ साथ झूठ भी परोसा जाता था। मीना बाजार चला कर भारतीय स्त्रियों पर बुरी दृष्टि डालने वाले अकबर को महान और महिलाओं को इज्जत सहित अनके परिजनों को सौंपनें वाले महाराणा प्रताप को ना कुछ पढ़ाया जाता था।
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शुक्र नीति के अनुसार राजा ही काल का कारण होता है। सत् और असत् गुणों का प्रवर्तक राजा ही होता है। राजा ही प्रजा को धर्म में प्रतिष्ठित करता है। राम राज्य इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। वास्तव में नीति, प्रीति, परमार्थ एवं स्वार्थ के परम रहस्य को राम ही जानते थे।

लोकतंत्रात्मक शासन में शासन की सम्पूर्ण गतिविधि जनसमूह की इच्छा का अनुसरण करने वाली होनी चाहिए। उसमें अपने या भाई-भतीजों के स्वार्थवश शासन कभी जनसामान्य की इच्छा को नहीं ठुकरा सकता। धर्म नियंत्रित प्रजातंत्र में भी लोकतंत्र के ये गुण बहुत उत्कृष्ट रूप में व्यक्त होते हैं। राम ने अपनी प्रतिज्ञा में इन्हीं भावों को व्यक्त किया था। स्नेह, दया, सुख यहां तक कि अपनी हृदयेश्वरी जनक नन्दिनी को भी त्यागना पड़ा तो उन्हें संकोच नहीं हुआ। आदर्श लोकतंत्र के सभी गुण राम राज्य व्यवस्था में दिखाई देते हैं। राम राज्य में समाज के कमजोर से भी कमजोर व्यक्ति की सुनवाई होती है।

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