खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाला हाल है सपा का - अरविन्द सिसौदिया
खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाला हाल है सपा का - अरविन्द सिसौदिया
The gloomy cat's pillar is the condition of the SP - Arvind Sisodia
7 मार्च 2022 को अंतिम चरण का मतदान उत्तरप्रदेश में होते ही पांच राज्यों के चुनावों के संभावित परिणामों को लेकर एग्जिट पोलों में अनेकों चैनलों ने एजेंसियों ने यूपी में योगी सरकार की पुनःताज पोशी की संभावना जताई है। योगी सरकार अपने काम के दम पर आती नजर आ रही है।
As soon as the last phase of voting is held in Uttar Pradesh on 7th March 2022, many channels in the exit polls have expressed the possibility of reinstatement of Yogi government in UP. Yogi government seems to be coming on the strength of its work.
किन्तु सपा के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह से जिस तरह जबरदस्ती मुख्यमंत्री पद अखिलेश ने हडपा था , उसी तरह वह यूपी की जनता से अब मुख्यमंत्री पद हडपना चाहते है। जबकि यूपी की जनता ने ही उन्हे कान पकड कर पहले भी गद्दी से उतारा था। दो लोकसभा आम चुनावों में भी सपा को धूल चटाई थी। लगातार तीन बडे चुनाव इनके नेतृत्व में सपा हार चुकी है। मगर गुण्डागर्दी की भाषा और व्यवहार ने अखिलेश यादव को गुण्डों को सरदार बना कर रख दिया है।
But the way Akhilesh had forcibly grabbed the chief minister's post from SP founder and former chief minister Mulayam Singh, in the same way he now wants to grab the chief minister's post from the people of UP. Whereas the people of UP had taken him by ear and removed him from the throne earlier also. Even in the two Lok Sabha general elections, the SP had dust. The SP has lost three consecutive big elections under his leadership. But the language and behavior of hooliganism has made Akhilesh Yadav a chieftain of the goons.
जहां तक ईव्हीएम का सवाल है, वे एक विषेश स्थान पर स्टोर करके रखी जाती है। चुनाव में उपयोग में लानें से पहले उन्हे पूरी तरह से तकनीकी कर्मचारियों के द्वारा उन्हे तैयार किया जाता है। प्रत्येक बूथ हेतु जो मशीनें भेजी जाती है। उनके अतिरिक्त कुछ रिर्जब मशीनें भी रखीं जाती है। जो खराब मशीनों की जगह भेजी जाती है। तथा एक बडी संख्या में मशीनें प्रशिक्षण हेतु भी अलग से रखी जाती है।
As far as EVMs are concerned, they are stored in a special place. They are completely prepared by technical staff before use in elections. The machines that are sent for each booth. Apart from them, some reserve machines are also kept. Which is sent in place of defective machines. And a large number of machines are also kept separately for training.
मतगणना का प्रशिक्षण मतगणना कर्मचारियों को दिया ही जायेगा । इसके लिये कोई मशीन लाई लेजाई जाती है तो उसमें गलत कुछ नहीं है। मशीने वे जो मतदान की हुई है और उन्हे जहां मतगणना होनी उस मतगणना स्थल पर स्टोर की हुई है/ वहां एकत्र किया हुआ है। उन्हे सील बंद करके कक्षों में बंद किया जाता है और उन्हे राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही खोला जाता है। इस तरह की ईव्हीएम मशीनों से छेडछाड का एक भी मामला कहीं भी नहीं है। सपा हार के भय से सिर्फ नौटंकी कर रही है।
Vote counting training will be given to the counting staff. If a machine is brought for this, then there is nothing wrong in that. Machines that have been polled and stored/collected at the counting place where the votes are to be counted. They are kept in sealed chambers and opened only in the presence of representatives of political parties. There is not a single case of tampering with such EVM machines anywhere. SP is only doing gimmicks out of fear of defeat.
10 मार्च को मतगणना से पहले ही सपा ने अपने कार्यकर्ताओं को आराजकता, उपद्रव और हुडदंगबाजी के लिये उकसाना प्रारम्भ कर दिया है। में हार रहा हूं तो मतगणना नहीं करने दूंगा , यह किस तरह की गुण्डागर्दी । लोकतंत्र पर परिवारवादी आराजकता तंत्र का कैसा प्रहार है, इस तरह के आक्रमण करने वाले दल की मान्यता चुनाव आयोग को समाप्त कर देनी चाहिये। कुल मिला कर इसे खिसियानी बिल्ली खंभा नोचें वाली कहावत ही कहा जायेगा।
Even before the counting of votes on March 10, SP has started inciting its workers for chaos, disturbance and rioting. If I am losing, I will not allow counting of votes, what kind of hooliganism. What is the attack of the family anarchy system on democracy, the recognition of such attacking party should be abolished by the Election Commission. Overall, it will be called the proverb of the gleeful cat pulling the pole.
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यूपी में EVM पर बवाल,
अखिलेश के आरोपों पर चुनाव आयोग ने दी सफाई;
कहा-ट्रेनिंग के लिए बाहर ले जाई गई EVM
यूपी विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर बवाल शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ की जा रही है.
यूपी में EVM पर बवाल, अखिलेश के आरोपों पर चुनाव आयोग ने दी सफाई; कहा-ट्रेनिंग के लिए बाहर ले जाई गई EVM
Up Assembly Election 2022
यूपी विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर बवाल शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ की जा रही है और वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट स्थानीय उम्मीदवारों को सूचित किए बिना इसे ले जा रहे हैं. अखिलेश यादव के आरोपों पर उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने साफ तौर पर इनकार किया है. चुनाव आयोग ने कहा है कि एक वीडियो में दिखाए गए ईवीएम ट्रेनिंग के लिए ले जाए जा रहे थे.
इससे पहले अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ईवीएम से छेड़छाड़ कर रहे हैं और वाराणसी के जिलाधिकारी स्थानीय उम्मीदवारों को बिना बताए उन्हें ले जा रहे हैं.समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के आरोपों पर जवाब देते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ने अपने एक बयान में कहा, “कुछ राजनीतिक दलों की ओर से हमारे संज्ञान में लाया गया वाराणसी जिले में कुछ ईवीएम को एक वाहन में ले जाया जा रहा था. जांच करने पर पता चला कि ये ईवीएम ट्रेनिंग के उद्देश्य से ले जाई जा रहीं थी. मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि इन ईवीएम को 9 मार्च, 2022 को राज्य के एक कॉलेज में प्रशिक्षण स्थानों पर ले जाया जा रहा था और एक खाद्यान्न गोदाम में रखा गया था”
डीएम ने कहा, ट्रेनिंग के लिए ले जाई जा रही थी 20 EVM मशीन
राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ने आगे कहा, “इन ईवीएम को स्ट्रॅांग रूम में ले जाने के दौरान एक राजनीतिक दल के कुछ सदस्यों ने वाहन को रोक दिया और अफवाह फैलाना शुरू कर दिया कि वाहन में वोटों की गिनती के लिए ईवीएम हैं.” आरोपों के बाद वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मंगलवार को कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. शर्मा ने कहा, “लगभग 20 ईवीएम को प्रशिक्षण के लिए यूपी कॉलेज ले जाया जा रहा था. कुछ राजनीतिक लोगों ने वाहन रोक दिया और यह कहकर अफवाह फैला दी कि इन ईवीएम का इस्तेमाल चुनाव में किया गया था. जबकि स्ट्रांग रूम अलग है और कल पकड़ी गई यह ईवीएम मशीन अलग है. मतगणना ड्यूटी के लिए नियुक्त कर्मचारियों का यह दूसरा प्रशिक्षण है और इन मशीनों का प्रयोग प्रशिक्षण में हमेशा व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए किया जाता है.” उन्होंने कहा कि उपर्युक्त 20 ईवीएम का मतदान में उपयोग नहीं किया गया था और उन्हें प्रशिक्षण के उद्देश्य से भेजा जा रहा था.
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ईवीएम के मामले पर बवाल के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने पथराव भी किया था। बताया जा रहा है कि सपा कार्यकर्ताओं ने एडीजी जोन की गाड़ी पर पथराव भी किया था। जिससे उनकी गाड़ी को नुकसान हुआ था और उनका चालक घायल हो गया था। चालक की शिकायत पर लपुर पांडेयपुर थाने में पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में 300 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।
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