" द कश्मीर फाइल्स " - फिर ऐसा न हो, इस तरह के कठोर कदम उठाए केंद्र सरकार - अरविन्द सिसोदिया

 
द कश्मीर फाइल्स

 
The Kashmir Files
" द कश्मीर फाइल्स " -  फिर ऐसा न हो, इस तरह के कठोर कदम उठाए केंद्र सरकार - अरविन्द सिसोदिया

एक नई फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. इसका निर्देशन भी नेशनल अवॉर्ड विजेता निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने किया है. इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार और अतुल श्रीवास्तव जैसे दिग्गज अभिनेता अहम किरदारों में हैं.

फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन की ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. कहा जाता है कि कश्मीर से पंडितों को हटाने के लिए उनका वहां नरसंहार किया गया था. 

कश्‍मीरी पंडित संघर्ष समिति के अनुसार, साल 1990 में घाटी के भीतर 75,343 कश्मीरी पंडित परिवार थे. लेकिन साल 1990 और 1992 के बीच आतंकियों के डर से 70 हजार से ज्‍यादा परिवारों ने घाटी को छोड़ दिया. साल 1990 से 2011 के बीच आतंकियों ने 399 कश्‍मीरी पंडितों की हत्‍या की है. पिछले 30 सालों के दौरान घाटी में बमुश्किल 800 हिंदू परिवार ही बचे हैं. 

साल 1941 में कश्‍मीरी हिंदुओं का आबादी में हिस्‍सा 15 फीसदी था. लेकिन साल 1991 तक उनकी हिस्‍सेदारी सिर्फ 0.1 फीसदी ही रह गई. अपनी मातृभूमि और कर्मभूमि से विस्थापित होने के कश्मीरी पंडितों के इस दर्द को व्यापक रिसर्च के बाद रूपहले पर्दे पर पेश किया जा रहा है.

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जिंदगी और रहस्यमयी मौत पर प्रकाश डालती एक फिल्म 'द ताशकंद फाइल्स' साल 2019 में रिलीज हुई थी. विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी इस फिल्म के जरिए शास्त्री जी की मौत पर नए सिरे से बहस की गई थी कि आखिर उनकी मौत कैसे हुई थी? उसके लिए जिम्मेदार कौन था? आखिर उनकी मौत के रहस्य से आज तक पर्दा क्यों नहीं उठाया गया? क्या उसमें भारत के किसी राजनीतिक दल का भी हाथा था? इन्हीं सवालों के जवाब खोजती इस फिल्म को लेकर काफी चर्चा हुई थी. 

उनकी कुछ इसी तरह के मिजाज की फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स उन्होनें बनाई । यह रिसर्च के आधार पर प्रमाणित तथ्यों पर आधारित है ।

अब भारत सरकार और जम्मू और कश्मीर सरकार को यह सिद्ध करना है कि कश्मीरी पंडितों को फिर सुरक्षित कैसे बसाया जाए , संपत्तियों को वापस कैसे लौटाया जाए और जिन्होनें उन्हें भगाया था उन्हें कैसा सबक दिया जाए कि दुबारा येसा न हो ...। यह एक सम्प्रदाय विशेष की कुवृत्ति है। ऐश कमोवेश देश में अन्य कई जगह भी हुआ है । इसे कठोरतम कार्यवाही के द्वारा ही रोका जा सकता है ।

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