hindu panchang हिंदू पंचांग और नववर्ष का महत्व

 

 
 
*🚩 हिंदू पंचांग के महत्व को समझिए 🚩*

जब बच्चा पैदा होता है तो पंडित जी द्वारा उसका नामकरण कैलेंडर से नहीं 
हिन्दू पंचांग से किया जाता है । 😊

  🚩 ग्रहदोष भी हिन्दू पंचाग से देखे जाते हैं और विवाह,जन्मकुंडली आदि का मिलान भी हिन्दू पंचाग से ही होता है । 
 
सभी व्रत, त्यौहार हिन्दू पंचाग से आते हैं। 

 🚩   मरने के बाद तेरहवाँ भी हिन्दू पंचाग^ से ही देखा जाता है।
 
 मकान का उद्घाटन, जन्मपत्री, स्वास्थ्य रोग और अन्य सभी समस्याओं का निराकरण भी 
हिन्दू कैलेंडर {पंचाग} से ही होता है।

🚩 आप जानते हैं ....
कि रामनवमी, जन्माष्टमी, होली, दीपावली, राखी, भाई दूज, करवा चौथ, एकादशी, शिवरात्री, नवरात्रि, दुर्गापूजा सभी विक्रमी संवत कैलेंडर से ही निर्धारित होते हैं  |
 इंग्लिश कैलेंडर में इनका कोई स्थान नहीं होता।

🚩 *सोचिये! आपके इस सनातन धर्म के जीवन में इंग्लिश नववर्ष या कैलेंडर का स्थान है कहाँ ?

🚩 भारतीय संस्कृति का नव संवत्  ही नया साल है.... जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की  दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तियां, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते हैं 

🚩अतः हिन्दू अपनी मानसिकता को बदले, विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने और नव संवत्सर  2079 चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा , 2 अप्रैल 2022 को, नूतन वर्ष  धूमधाम  से अवश्य मनायें ..
*🚩कम से कम इतना तो जरुर करें। *

*1. सब पीला या भगवा कपड़ा पहने *

*2.माथे पर तिलक अवश्य लगायें। *

*3.घर मे मिष्ठान्न(खीर आदि) बनायें *

*4. छत पर एक भगवा झंडा अवश्य लगायें। *

*5.कम से कम 11 लोगों को मिलकर या फोन पर नवबर्ष की शुभकामनाएं दें।संबधियों एवं मित्रों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें *

*गर्व से कहो हम हिन्दू हैं। *

*एक विशेष अनुरोध : हम अपने बच्चों का जन्म दिन हिंदू रीति रिवाज से ही मनाए..*

*बच्चे के लिए केक ना काटकर उत्सव के लिए पारंपरिक मिष्ठान भोजन पकवान आदि की व्यवस्था रखें. *

*घर परिवार के लोग कथा, पूजा अनुष्ठान, अभिषेक आदि की व्यवस्था करें *

*हैप्पी बर्थ डे की जगह तुम जियो हजारों साल और साल की उमर पचास हजार जैसे आशीर्वाद प्रदान करें.*

*🚩 सनातन धर्म की जय हो 🚩*

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🚩 ॐ * 2 अप्रैल नववर्ष के स्वागत के लिए तैयार हो जाईये* 🚩

*1. घर के आंगन को रंग पोत कर साफ करिये, आंगन में तुलसी का पौधा नहीं है तो अभी लगायें।*

*2. घर की छत या सबसे उपर के हिस्से पर एक मजबूत पोल या पाईप गडवा दीजिए, नये वर्ष पर केशरीया ध्वज जो लगाना है।*

*3. घर के बाहर लगाने के लिए ऊँ व स्वास्तिक के अच्छे स्टिकर इत्यादि ले आईये।*

*4. घर के आसपास नीम का पेड ढूंढ कर रखिए। नव वर्ष तक उसमें नई कोंपलें आ जायेंगी। नव वर्ष के दिन सुबह सुबह वे कोपलें मिश्री के साथ स्वयं भी खानी है और औरों को भी बांटनी है।*

*5. अच्छे शुभकामना संदेश ढूंढ कर रखिये, मित्रों को जो भेजने है।क्या कहा ? कार्ड भेजेगें । हां तो उसकी डिजाइन तैयार करने का समय आ गया है। सम्राट विक्रमादित्य, डाँ हेडगेवार आदि महापुरुषों के अच्छे चित्र ढूंढना प्रारंभ कर दीजिये। शुभकामनाएँ पोस्ट कार्ड पर भी भेजी जा सकती हैं। अपनापन लगता है।*

*6. नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आपके गाँव, शहर, मोहल्ले, प्रतिष्ठान में सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन की योजना भी बनायी जा सकती है।*

*7. नववर्ष के दिन घरों में, प्रतिष्ठानों में रोशनी करना नहीं भूलें।*

*8. उस दिन सुबह प्रभात फेरी भी निकाली जा सकती है।*

*9. हमारे यहाँ तो उस दिन मीठे व नमकीन बासंती चावल बनाने की परम्परा है।*

*हाँ जी, इतने सारे काम ?*

*घबराओ नहीं, हमारा नव वर्ष प्रतिपदा इस वर्ष दिनांक 2 अप्रैल 2022 को है।*

*तैयार रहो !*

*हिन्दू होने पर गर्व करो।*

🌹🙏🏻🚩👍🏻

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