पंजाब , फिलहाल कांग्रेस हाई कमान फैल हुआ - अरविन्द सिसौदिया

- अरविन्द सिसौदिया

   9414180151

पंजाब में पूर्व भाजपा सांसद नवज्योजसिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बन कर मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। राहुल - प्रियंका के चलते वे सफलता के बहुत नजदीक पहुंच गये । नाईटवाच मेन के तौर पर चन्नी का मुख्यमंत्री बनना उन्ही की सहमती से हुआ था, हलांकि वे अंतिम समय में वे स्वयं मुख्यमंत्री की दौड में सम्मिलित हो गये थे किन्तु बडबोलेपन के कारण वे बेहद विवादास्पद भी हो गये थे। किन्तु मुख्यमंत्री बनते ही चन्नी ने ज्यों ही मंत्रालयों का वितरण किया, तो उसमें संभवतः सिद्धू की कतई नहीं चली । इसी से नाराज होकर सिद्धू ने त्यागपत्र दे दिया है। कुल मिला कर एक दलित मुख्यमंत्री को सिद्धू ही नहीं पचा पा रहे। उसे काम नहीं करने दे रहे है। यह सारा ड्रामा चन्नी को जेब में रखनें का है और उसे फेल करने का है। यह समय ही बतायेगा कि सिद्धू फैल होते हैं या चन्नी फैल होते है फिलहाल कांग्रेस हाई कमान फैल हो चुका है।

               पंजाब में मुख्यमंत्री चननी के द्वारा मंत्रियों को विभाग वितरित किए जाने के कुछ मिनटों बाद ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अध्यक्ष पद त्यागने की घोषणा कर दी तथा उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पत्र लिख कर कहा कि वो कांग्रेस की ‘सेवा’ करना जारी रखेंगे। 

punjab congress crisis captain sidhu channi bjp aap who is biggest gainer and looser 

 

             पंजाब में चल रहे सियासी ड्रामे में रहस्य, रोमांच, सस्पेंस, ट्विस्ट सब मसाला है। कांग्रेस हाई कमान अपने एक बेहद मजबूत क्षत्रप को सीएम पद से हटा देता है। लेकिन जिसकी जिद पर यह किया जाता है। वह खुद प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा दे देता है। उसके समर्थक मंत्री भी नई सरकार से इस्तीफा दे देते हैं। कांग्रेस के लिए मामला सुलझने के बजाय और ज्यादा उलझता दिख रहा है। आइए देखते हैं इस सियासी ड्रामे में कौन-कौन से किरदार फायदे में रहे, कौन नुकसान में।

                  नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ उनकी कही गईं बातें सच होती नजर आ रही हैं। कैप्टन ने सिद्धू को ’अस्थिर’ बताया था और उनके प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद यह बात सच भी दिखने लगी है। वक्त आने पर भविष्य के लिए कदम उठाने की बात कह चुके कैप्टन अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे। वह भाजपा के संपर्क में हैं लेकिन सिद्धू के इस्तीफे के बाद अब सियासी ड्रामे में फिर बड़ा ट्विस्ट आ चुका है। हो सकता है कि कांग्रेस आलाकमान कैप्टन को सीएम पद से हटाने के अपने फैसले पर पछता रहा हो। अगर अब आलाकमान सिद्धू को किनारे करता है तो कांग्रेस में कैप्टन की अहमियत फिर बढ़ सकती है। लेकिन इसके लिए उन्हें अपने ’अपमान का घूंट’ भूलना होगा।

      सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष बनने के 2 महीने के भीतर कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा। यह टीम इंडिया के इस पूर्व ओपनर के लिए बहुत बड़ी जीत थी। सिद्धू की निगाह हमेशा से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रही है। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ। हालांकि, वह अपनी पंसद का नया मुख्यमंत्री भी बनवाने में कामयाब हुए। लेकिन अब प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पार्टी हाईकमान के लिए असहजता और शर्मिंदगी का बायस बनते दिख रहे हैं। पंजाब में चल रहे सियासी ड्रामे में निश्चित तौर पर सिद्धू की ताकत तो बढ़ी लेकिन उनकी विश्वसनीयता ही दांव पर है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनमें जो भरोसा जताया था, वह डगमगाने लगा है। सीएम पद के लिए चेहरा घोषित करवाना चाहते थे लेकिन आलाकमान ने उनके साथ चन्नी को भी चेहरा बताया। इसलिए सिद्धू के लिए अबतक की स्थिति 'कभी खुशी कभी गम' वाली है।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता Aarajktavad

‘फ्रीडम टु पब्लिश’ : सत्य पथ के बलिदानी महाशय राजपाल

सांसारिक सुख, मोह और मायाजाल ही दु:खों का मुख्य कारण Sukh Dukhah

जीवन मे कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो

ईश्वर की परमशक्ति पर हिंदुत्व का महाज्ञान - अरविन्द सिसोदिया Hinduism's great wisdom on divine supreme power

मोक्ष : ईश्वर के कार्य योग्य अपने आपको बनाओ Moksha Ishwar Ka Dham

भगवान की संपत्ति हैं जीवात्माएं हैं , उन्हें सहयोग करना ईश्वर की सेवा है - अरविन्द सिसोदिया Ishwar ki Seva

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश