आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की ||
Aao Bachho Tumhe Dikhaye Jhanki Hindustan ki
Desh Bhakti Geet Hindi Lyrics By Kavi Pradeep
आओ बच्चों तुम्हे दिखाये झांकी हिन्दुस्तान की
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम…
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है
बाट-बाट में हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से…
ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की
इस मिट्टी से…
देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था
घेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से…
जलियाँवाला बाग ये देखो यहीं चली थी गोलियाँ
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ
एक तरफ़ बंदूकें दन दन, एक तरफ़ थी टोलियाँ
मरनेवाले बोल रहे थे इनक़लाब की बोलियाँ
यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से…
ये देखो बंगाल, यहाँ का हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने, भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से…
पंण्डित प्रदीप भारतीय शौर्य को प्रगट करने वाले वीर रस के महान कवि थे। भारत में जब भी स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस आता है। या कोई राजनैतिक आयोजन होता है अथवा कोई देश भक्ति से जुडा विषय होता है तो वातावरण निर्माण हेतु उनके लिखे कुछ गीत हमेशा गूंजते है और लम्बे समय तक गूंजते रहेंगे।
उनका सर्वोच्च सुप्रशिद्ध देशभक्तिपूर्ण गीत है :-
ऐ मेरे वतन के लोगों,ज़रा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुर्बानी
आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है।
दूर हटो- दूर हटो ऐ दुनियावालों हिंदोस्तान हमारा है॥
आओ बच्चो! तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदोस्तान की।
इस मिट्टी से तिलक करो यह धरती है बलिदान की॥’
हम लाये हैं तूफान से किश्ती निकाल के
इस देया को रखना मेरे बच्चों संभाल के
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