कांग्रेस, चीन एवं पाकिस्तान से सम्बंध रखती है यह तो सर्व विदित है - अरविन्द सिसौदिया
कैप्टन,कांग्रेस चीन एवं पाकिस्तान से सम्बंध रखती है यह तो सर्व विदित है - अरविन्द सिसौदिया
एक देश भक्त फौजी के रूप में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार अमरिंदर सिंह ने नवज्योतसिंह सिद्धू के पाकिस्तान से पर्सलन सम्बंधों को लेकर सही प्रश्न उठाये है। किन्तु यह तो कांग्रेस का चरित्र है। कांग्रेस में कैप्टन के इस तथ्य को नहीं माना जायेगा । क्यों कि वे इस तथ्य को मानते है, तो उनका हाई कमान यथा सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी एंव अन्य अनेकों दिग्गज नेता जैसे मणीशंकर अय्यैर, सलमान खुर्शीद,अधीर रंजन चौधरी,सैम पित्रोदा सहित लम्बी फौज कटघरे में खडी हो जायेगी। किन्तु कैप्टन यदि सिद्धू को देश की सुरक्षा के लिये खतरा मानते है, तो कांग्रेस भी देश की सुरक्षा के लिये खतरा ही मानी जायेगी। इसी कारण कैप्टन के आरोपों को कांग्रेस स्विकार नहीं करेगी। कुल मिला कर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जो आरोप सिद्धू पर लगायें हैं उससे पूरी कांग्रेस घायल हुई है।कांग्रेस देश से इतर जा कर चीन एवं पाकिस्तान से सम्बंध रखती है यह तो सर्व विदित है।
प्रश्न यही है कि कांग्रेस का चरित्र पद पर रहते हुये ध्यान क्यों नहीं आया, पद से बाहर आते ही यह सत्य क्यों समझ में आया। चलो देर सबेर ही सही मगर सच बोलने के लिये देश पूर्व मुख्यमंत्री सरदार अमरिंदर सिंह को धन्यवाद भी देता है।
------------//-------
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा सिद्धू इमारान खान और बाजवा के दोस्त उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता
सरदार के निशाने पर सिद्धू: कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को बताया देश की सुरक्षा के लिए खतरा, कहा- पाकिस्तान से इनके रिश्ते
September 18th, 2021
डिजिटल डेस्क, अमृतसर। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से शनिवार को इस्तीफा दे दिया। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, नवजोत सिंह सिद्धू का लक्ष्य पंजाब का अगला मुख्यमंत्री बनना है। सिद्धू मेरी सरकार में मंत्री थे,उन्हें निकालना पड़ा। 7 महीने तक अपनी फाइलें क्लियर नहीं की। क्या इस तरह के व्यक्ति जो एक विभाग नहीं संभाल सकता वो एक राज्य संभाल सकता है ? कैप्टन ने आरोप लगाते हुए कहा, सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ हैं, जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ हैं। रोज़ कश्मीर में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। आपको लगता है, मैं नवजोत सिंह सिद्धू के नाम को स्वीकार करूंगा।
अमरिंदर सिंह ने कहा, मैं जानता हूं पाकिस्तान के साथ नवजोत सिंह सिद्धू के कैसे संबंध है। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री इनका दोस्त है, जनरल बाजवा के साथ इनकी दोस्ती है।नवजोत सिंह सिद्धू कुछ नहीं संभाल सकता, मैं उसे अच्छी तरह जानता हूं। वो पंजाब के लिए भयानक होने वाला है। अब ये कांग्रेस पार्टी का फैसला है अगर नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब मुख्यमंत्री का चेहरा बनाते हैं तो मैं इसका विरोध करूंगा क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है।
-------------//--------
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने NDTV से कहा-
सिद्धू पाकिस्तान समर्थक, उन पर भरोसा नहीं किया जा सकताPunjab Congress Crisis: बीजेपी या अकाली दल में जाने के सवाल पर अमरिंदर ने कहा- लोगों को जो कहना है, कहते हैं. जो मर्जी कहें, पर मुझे भी सोचना पड़ेगा कि मैं क्या करूं
Reported by सौरभ शुक्ला, Written by सूर्यकांत पाठक, Updated: 18 सितम्बर, 2021
नई दिल्ली:
Punjab Congress Crisis:
पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Amarinder Singh Resigns:) देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने NDTV से बातचीत में नवजोत सिंह सिद्धू की जमकर आलोचना की. उन्होंने सिद्धू को विश्वास के नाकाबिल बताया. अमरिंदर सिंह से जब नवजोत सिंह सिद्धू को प्रो पाकिस्तानी बोलने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ''अभी नहीं, कई बार बोला है. हमारे फौजी तो रोज मर रहे हैं और यह जाता है और उनके जनरल से मिलता है. इमरान खान का भी दोस्त है. करतारपुर कॉरीडोर में ऐसी तकरीर कर रहा था जैसा मैंने कभी सुना ही नहीं. जब वह उनकी तारीफ कर रहा था तो मैं तो उठकर साइड से निकल गया था.''
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि ''पार्टी को चलाना मिसेज गांधी का काम है. सिद्धू को सीएम बनाने का मैं विरोध करूंगा. हमारे यहां पठानकोट से फाजिल्का 600 किलोमीटर की बॉर्डर है. मेरी बॉर्डर नेशनल बॉर्डर है. रोज वैपन आ रही हैं, सब कुछ आ रहा है और उनके साथ इसकी दोस्ती है. मैं इस पर ट्रस्ट नहीं करता.''
अमरिंदर सिंह ने कहा कि ''आज सुबह सोनिया गांधी का फोन आया था. मैंने मिस्ड कॉल्स में देखा और फिर उनको फोन किया. मैंने उनसे कहा कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं. उन्होंने सिर्फ सॉरी कहा, बस इतना ही कहा. उन्होंने रुकने के लिए नहीं कहा.''
--------//-------
नेताओं का 'पाकिस्तान प्रेम' कांग्रेस के चरित्र का पूरा इतिहास
आज हर कोई कांग्रेस पार्टी से यही सवाल कर रहा है कि वो कैसे ये करामात, ये जुर्रत, ये हिम्मत कर पाती है कि हर मामले में उसे अपनी मजहब की दुकान खोलनी होती है. और अब तो कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय सुरक्षा की अहम खबर पर एक बार फिर सियासत शुरू कर दी है. ऐसे में आपको कांग्रेस के चरित्र का पूरा इतिहास समझाते हैं.
कांग्रेस ने पुलवामा पर पाक को दी क्लीन चिट!
जम्मू-कश्मीर के डीएसपी देवेंद्र सिंह की गद्दारी पर सवाल उठाते उठाते कांग्रेस ने पुलवामा हमले पर पाकिस्तान को ही क्लीन चिट दे दी. और ये कांग्रेस की आज की आदत नहीं है कि वो आतंक के खिलाफ और देश के खिलाफ खड़ी नजर आ रही है.
पुलवामा पर पाकिस्तान को कांग्रेस की 'क्लीन चिट'?
पुलवामा हमला
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'पुलवामा हमले की फिर से जांच हो'
बालाकोट एयर स्ट्राइक
नवजोत सिद्धू ने कहा, 'आतंकी मरे या सिर्फ पेड़ गिरे'
सर्जिकल स्ट्राइक
संजय निरुपम ने कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक नहीं फर्जिकल स्ट्राइक थी'
26/11 मुंबई हमला
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मुंबई हमले में RSS का हाथ'
बाटला हाउस
सलमान खुर्शीद ने कहा, 'आतंकियों के मरने पर सोनिया गांधी रोईं'
कांग्रेस-पाकिस्तान का महागठबंधन?
ये सवाल इस लिए उठ रहा है क्योंकि जो कांग्रेस कहती है वहीं पाकिस्तान बोलने लगती है.
कांग्रेस के सैम पित्रोदा ने कहा था कि पुलवामा हमले में पूरे पाकिस्तान का हाथ नहीं है. इस पर पाकिस्तान ने उस वक्त बोला था कि पुलवामा हमला भारत ने खुद कराया है.
राहुल गांधी ने सेना-सरकार से बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे तो पाक ने बालाकोट एयर स्ट्राइक का दावा झूठा करार दे दिया.
कांग्रेस के संजय निरुपम ने सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जीकल स्ट्राइक कह दिया था. पाकिस्तान भी कुछ ऐसी ही भाषा बोलता दिखा था.
कांग्रेस नेताओं का 'पाकिस्तान प्रेम'
कांग्रेस नेताओं में सबसे पहले राहुल गांधी की बात बताते हैं. उन्होंने आतंकी मसूद अजहर को 'मसूद अजहर जी' कहा था.
वहीं उनके चहेते नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को 'फरिश्ता' बता दिया था.
दिग्विजय सिंह ने तो आतंकी हाफिज को 'हाफिज साहब' तक कह दिया था.
इसके अलावा कांग्रेस नेता बी के हरिप्रसाद ने ये आरोप लगाया था कि 'पुलवामा हमला मोदी और पाकिस्तान के बीच 'मैच फिक्सिंग' है.'
वहीं मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि भारत-पाक के बीच बातचीत तभी आगे बढ़ेगी जब मोदी 'पीएम पद से हटेंगे'
--------//--------
देशों के बीच तो आपने एमओयू यानी मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग तो कई बार सुने और पढ़े होंगे। लेकिन आपने दो राजनीतिक पार्टियों के बीच एमओयू जैसी चीजों के बारे में नहीं सुना होगा। दरअसल, ये समझौता ज्ञापन कांग्रेस और चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुआ है।
सोनिया गांधी (MoU) चीन
1- 2008 में कांग्रेस के तत्कालीन जनरल सेक्रेटरी राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर साइन किए थे। इंडिया टुडे में 7 अगस्त 2008 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस समझौते के बारे में लिखा है, “कांग्रेस और चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के बीच नियमित उच्च स्तरीय लेन-देन में मदद करने वाला मेकेनिज़्म” रिपोर्ट में आगे कहा गया कि “इससे एकदूसरे को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास को बढ़ाने का मौका मिलेगा।”
2- बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने भी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajeev Gandhi Foundation) को चीनी दूतावास और चीन की ओर से 3 लाख डॉलर बतौर चंदे के रूप में मिले थे. यह कांग्रेस और चीन के बीच गुप्त रिश्ता है.'
3- बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि 2017 में डोकलाम विवाद के समय राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ गुपचुप मुलाकात करते हैं और उनकी पार्टी ने देश को गुमराह किया.
अमूमन राहुल गांधी चीन को लेकर अलग रुख़ रखते रहे हैं। जब डोकलाम में भारत और चीन की सेनाएं आंखों में आंखे डालकर एक-दूसरे के सैनिकों की सेहत का अंदाज़ा लगा रही थी, तो राहुल गांधी ने चीन के राजदूत से मिलकर राजनीतिक हड़कंप मचा दिया था। तब की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राहुल गांधी पर चीन के साथ गुपचुप बातचीत करके भारत का पक्ष कमज़ोर करने का आरोप लगाया था। लोकसभा चुनाव 2019 के वक्त राहुल गांधी जब मानसरोवर यात्रा पर गए थे, तो चीनी दूतावास ने भारतीय विदेश मंत्रालय से आग्रह किया था, कि उन्हें प्रोटोकॉल देते हुए औपचारिक रुप से विदा करने की अनुमति दी जाए। ऐसे में राहुल के चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी से कथित संबंधों को लेकर लगातार सवाल उठते हैं।
---------//--------
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें