कांग्रेस के पंजाब प्रभारी की सिद्धू एण्ड कम्पनी को "पंज प्यारे " उपमा, प्रथम दृष्टया ही गलत थी - अरविन्द सिसौदिया

 

 


  

कांग्रेस का यूं तो मुख्य लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ सत्ता प्राप्ती ही रहा है। इसके लिये उन्होने धर्म , पंथ और जाती की राजनीति को पूरी - पूरी तरह इस्तेमाल किया है। कांग्रेस राजकुमार राहुल गांधी के द्वारा जनेऊ और गौत्र का उल्लेख इस बात का गवाह है।

कांग्रेस के पंजाब प्रभारी,वरिष्ठ और उम्र दराज नेता हरीश रावत के द्वारा कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवज्योत सिंह सिद्धू और उनके 4 कार्यकारी अध्यक्षों को सिख गुरू गोविन्द सिंह जी को अपना सिर अर्पण करने वाले बेहद पवित्र और सम्मानीय
"पंज प्यारे" की समकक्षता से सम्बोधित किया जाना पूरी तरह गलत ही था। क्यों कि "पंज प्यारे" वे हैं जिनका अनंतकाल तक अत्यंत सम्मान जनक, पूज्यनीय एवं परम आदरणीय स्थान है। जब खालसा पंथ की स्थापना गुरु गोबिन्द सिंह जी ने 1699  में बैसाखी वाले दिन आनंदपुर साहिब में की। इस दिन उन्होंने सर्वप्रथम पाँच प्यारों को अमृतपान करवा कर खालसा बनाया तथा तत्पश्चात् उन पाँच प्यारों के हाथों से स्वयं भी अमृतपान किया।
दूसरी तरफ सत्ता की कुर्सी के लिये आपस में लड रहे राजनैतिक लोग है। यह तुलना प्रथम दृष्टया ही गलत थी । रावत ने क्षमा भले ही मांग ली हो मगर उन्होने कांग्रेस का कल्चर वे अवश्य उजागर कर दिया है।

   पवित्र धर्म, पंथों और जातीयों के प्रति कांग्रेस के हल्के दृष्टिकोंण को उनके पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने उजागर कर दिया है। यही कांग्रेस की असलियत हे।

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पंजाब में कांग्रेस पार्टी के अंदर पिछले कुछ समय से जारी आपसी घमासान अब खत्म हो गया है। काफी दिनों से नाराज चल रहे पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब कांग्रेस की कमान सौंप दी है। बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले सिद्धू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया गया है।
इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संगत सिंह गिजियान, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।

 

पंजाब में कांग्रेस का एक अध्यक्ष एवं 4 कार्यकारी अध्यक्ष
यूं तो यह घोषणा कांग्रेस के पंजाब प्रदेश के मुख्यमंत्री अमिरिन्दर सिंह के सिधे सिधे विरूद्ध है, इसलिये दो ध्रुव तो बन ही गये । वहीं सिद्धू पर भी पूरा विश्वास नहीं किया गया है। उनके साथ 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये हे। संभवतः यह भी पहली बार हो रहा है कि एक अध्यक्ष की टांग खिचाई के लिये चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये हों। इसलिये पंजाब का प्रयोग कांग्रेस कर पराजय का कारण न बन जाये।
 

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 कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने मांगी माफी, प्रायश्चित के लिए करेंगे गुरुद्वारे में सफाई

हरीश रावत पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हैं। रावत ने मंगलवार को चंड़ीगढ़ में पंजाब कांग्रेस भवन में एक मीटिंग की थी। मीटिंग के बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और उनके चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का इस्तेमाल किया था।

Asianet News Hindi
Chandigarh, First Published Sep 1, 2021

चंड़ीगढ़।

    कांग्रेस अपने नेताओं की गलत बयानी से परेशान है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों ने गलत पोस्ट कर पार्टी को बैकफुट पर ला दिया था | अब यहां के राज्य प्रभारी हरीश रावत के बयान ने बवाल मचाया हुआ है। हालांकि, बयान देकर घिरे हरीश रावत ने माफी मांग ली है। रावत ने पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व को ‘पंज प्यारे’ कहकर संबोधित कर दिया था। अब रावत माफी मांगने के अतिरिक्त गुरुद्वारे में सफाई भी करेंगे।

सिख परंपरा में पंज प्यारे का संबोधन बेहद पवित्र

    सिख परंपरा में ‘पंज प्यारे संबोधन गुरु के पांच प्यारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह और उनके पांच अनुयायियों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी।

रावत ने दिया था यह बयान

    हरीश रावत पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हैं। रावत ने मंगलवार को चंड़ीगढ़ में पंजाब कांग्रेस भवन में एक मीटिंग की थी। मीटिंग के बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और उनके चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का इस्तेमाल किया था।

मांग ली सार्वजनिक माफी और प्रायश्चित में करेंगे गुरुद्वारे की सफाई

      बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर हरीश रावत ने ‘पंज प्यारे‘ शब्द का इस्तेमाल कांग्रेस प्रदेश टीम के लिए करने पर अपनी गलती को स्वीकार किया। रावत ने लिखा, ‘कभी कभी सम्मान जाहिर करने के लिए आप ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर जाते हैं जिन पर आपत्ति उठ सकती है। मैंने भी अपने माननीय अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल कर गलती की है।‘

     उन्होंने कहा कि वह इतिहास के छात्र रहे हैं और जानते हैं कि पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘मुझसे यह गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं।‘ रावत ने कहा कि सिख धर्म और इसकी महान परंपराओं के प्रति उनमें हमेशा समर्पण और सम्मान की भावना रही है।

शिरोमणि अकाली दल ने की थी माफी की मांग

     शिरोमणि अकाली दल ने कांग्रेस प्रभारी रावत की टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी। अकालियों ने इसके लिए माफी की मांग की थी। अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने आलोचना करते हुए कहा कि लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए राज्य सरकार को उनके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए।


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