राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,जियो और जीने दो में विश्वास करने वाला एक अहिंसक, मानवतावादी, लोक कल्याणकारी और चरित्र निर्माण वाला महान संगठन है । - अरविंद सिसोदिया


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चरित्र निर्माण  की सबसे बड़ी पाठशाला है  - अरविंद सिसोदिया

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हाल ही में एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा था कि तालिबान बर्बर हैं, उनकी हरकतें निंदनीय हैं, मगर आरएसएस, विहिप और बजरंग दल का समर्थन करने वाले सभी एक जैसे हैं। जावेद अख्तर की ये टिप्पणि उनकी कुंठित मानसिंकता का परिचायक है। उससे पहले भी उन्होने कई कुठित बयान दिये है। जिनकी निंदा हुई है। जिन्हे विवादित माना गया। 

 “ जावेद अख्तर की तालिबान वाले बयान से प्रत्येक राष्ट्रभक्त की भावनाओं को चोट पहुंची है। उनकी टिप्पणी मनोविकार से पीड़ित है। भारत एक शांति एवं सद्भाव पूर्ण देश है जिसने हमेशा ही दूसरे देशों के पीड़ितों को अपने यहां शरण दी और कभी पंथ परिवर्तन को नहीं कहा हे उसमें वे तालिबान खोज रहे हे। जावेद अख्तर की ये टिप्पणी उनकी कुंठित मानसिकता का परिचायक है। 

 

  “एक देशभक्त, राष्ट्रवादी, देश के लिए व्यक्ति निर्माण में लगे ,  त्याग, तपस्या और बलिदान की प्रतिमूर्ति वाले स्वयंसेवकों के महान संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ,जो इस देश के अंदर राष्ट्रवाद की ज्योति को प्रज्वलित कर रहा है, जो राष्ट्रवाद की सबसे बडी पाठशाला है। उसे जावेद अख्तर तालिबानी कह रहे हैं तो ये उनके मानसिक दिवालियापन का सबूत है। “ 

        जहां तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है उसे किसी जावेद अख्तर से प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बडा स्वयंसेवी संगठन है, उसके अनुशासन एवं शिक्षण की साख विश्व प्रसिद्ध है। संघ हमेशा ही जियो और जीने दो हिन्दू शास्वत मूल्यों पर चलता है। संघ अहिंसक, मानवतावादी , लोक कल्याणकारी और चरित्र निर्माण का महान संगठन है । उसके स्वंयसेवकों ने समाज जीवन के प्रत्येक क्षैत्र में अपने कौशल से सफलता के कीर्तिमान स्थापित किये है। राजनैतिक क्षेत्र में भी संघ के स्वयंसेवकों को पूरे देश ने स्विकार किया है। उसके स्वयंसेवक भारत के सर्वोच्च पर गरिमा वाले पदों पर यथा महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम उपराष्ट्रपति,आदरणीय प्रधानमंत्री अनकों प्रांतों के महामहिम राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय एवं प्रांतीय मंत्री परिषदों के सदस्य है। जिन्हे इस देश की जनता अपने मताधिकार से चुना है।

 देश पर जब भी कोई संकट आता है तब सबसे पहले सहयोग के लिये संघ अपने आपको प्रस्तुत करता है। जम्मू और कश्मीर के भारत विलय में हो रहे विलंब के अवसर पर भी तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के आग्रह पर संघ के तत्कालीन सरसंघचालक माननीय गुरूजी ने कश्मीर पहुंच कर महाराजा हरीसिंह जी को विलय के लिये तैयार किया था।

 पाकिस्तान के जम्मू और कश्मीर में कबाईली हमले के दौरान स्वयंसेवकों ने क्षतीग्रस्त हबाई पट्टी को ठीक करवाना एवं सेना को शस्त्र पहुचानें में मदद करने का जोखिमपूर्ण काम भी किया ।

 भारत चीन युद्ध के समय संघ के स्वयंसेवकों के द्वारा किये गये राष्ट्रहित के विभिन्न कार्यो से प्रशन्न होकर , भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संघ के स्वयंसेवकों को गणतंत्र दिवस की परेड में सम्मिलित होने के लिये आमंत्रित किया था । युद्ध एवं आपदाओं में संघ के स्वयंसेवक सबसे पहले आम जन के बीच सहायता के लिये उपलब्ध होते हैं। संघ प्रखर राष्ट्रवादी एवं सेवा माध्यमों से जन कल्याणकारी संगठन है।  

 
   जहां तक जावेद अख्तर का सवाल है वे हमेशा ही सस्ती लोकप्रियता के लिये कुठित बयान देते रहे है। उनके इस बयान से निश्चित ही राष्ट्रवादी नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। लगता है अख्तर का मानसिक सन्तुलन ठीक नहीं है, ऐसा प्रतीत होता है। 


पहले भी : -
1- जावेद अख्तर ने सीएए के विरोध में मोदी सरकार को घेरते हुए कहा था कि, ‘भारत अगर सभी पीड़ितों को नागरिकता दे रहा है तो फिर पाक में रहने वाले शियाओं को भी नागरिकता देनी चाहिए।’


2-दिल्ली दंगों के दौरान जावेद अख्तर ने आरोपी ताहिर के खिलाफ हुई कार्रवाई को धर्म से जोड़कर देखा था. इस मामले में उनके खिलाफ रिपोर्ट् भी दर्ज की गई थी.


3-जावेद अख्तर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत से टकराव के कारण भी सुर्खि़यों में आ चुके हैं. कंगना ने जावेद अख्तर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि, ‘ऋतिक रोशन के साथ विवाद के दौरान जावेद अख्तर ने उन पर चिल्लाते हुए ऋतिक के परिवार से माफी मांगने के लिए कहा था.’


-  अरविन्द सिसौदिया  9414180151

 

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