भारतीय शिक्षक दिवस भारत रत्न डॉ राधाकृष्‍णन जी को समर्पित है।

 Dr Sarvepalli Radhakrishnan Quotes in Hindi डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के  अनमोल विचार - BehtarLife.com

 

 
भारतीय शिक्षक दिवस भारत रत्न डॉ राधाकृष्‍णन जी को समर्पित है।

हिन्दू जीवन पद्यती में तिथि के अनुसार दिन विशेष को मनाने की परम्परा अनादिकाल से रही है। व्रत , पर्व, त्यौहार आदि उत्सवों का मन्तव्य भी विशिष्टता के प्रति श्रृद्धा एवं अनुगमन का ही रहा है। जो कि हिन्दू जीवन शैली का अभिन्न अंग है।

गुरू ओं के प्रति , शिक्षकों के प्रति  श्रृद्धा , समर्पण का भाव भी अनादीकाल से ही व्याप्त है। भारतीय संसकृति में गुरूपूर्णिमा के दिन अपने गुरूओं का पूजन एवं अर्पण , समर्पण का विधान युगों - युगों से है।

विश्व को भारतीय संस्कृति की ही देन है कि वे विभिन्न दिनों का आयोजन करते है। यह एक सामान्य मानव प्रवृति है कि वह सब कुछ अपने हिसाब से, अपने देश काल परिस्थिती के अनुसार, अनुकूलन कर लेता है। इसी क्रम में पाश्चात्य जगत में आयोजित होंने वाले “ डे ” भी है, भारतीय संस्कृति के तिथियों से अरयोजित होने वाले विभिन्न दिवस विशेषों का अनुकूलन है।

भारतीय संस्कृति में उत्तम गुरू उसे माना गया है जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाये.....

इस उपनिषद् का प्रसिद्ध श्लोक निम्नलिखित है -
ॐ असतोमा सद्गमय। तमसोमा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय ॥
ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥ दृ बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28.

इसका अर्थ है कि मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो. मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो. मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो.
.......
गुरू पूर्णिमा
भारत में गुरूजन का पूजन अर्चन की परम्परा बहुत पुरानी है , इसे महाभारत के रचयिता आदिगुरु वेदव्यास के जन्मदिन को गुरू पूर्णिमा के रूप में, हिन्दू पंचांग से आषाढ़ माह की व्यास पूर्णिमा (जून-जुलाई) के दिन मनाया जाता है।

 भारतीय शिक्षक दिवस 5 सितम्बर
 भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया शिक्षक दिवस देश के पहले उप-राष्‍ट्रपति, भारत रत्न सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्‍णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। 1962 से हर साल देश के पहले उप-राष्‍ट्रपति डॉ राधाकृष्‍णन जी का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। डॉ राधाकृष्‍णन जी दर्शन के विशिष्ट विद्वान, महान विचारक और बहुत सम्मानित शिक्षक थे।  राधाकृष्णन का निधन चेन्नई में 17 अप्रैल 1975 को हुआ ।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रेरणात्मक विचार
https://arvindsisodiakota.blogspot.com

वेदांत ही एकमात्र धर्म है : सर्वपल्ली राधाकृष्णन
https://arvindsisodiakota.blogspot.com


   डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाले लोगों को ही शिक्षक बनना चाहिए। सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक वह नहीं जो विद्यार्थी के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें।

   विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्तूबर को मनाया जाता है। यूनेस्को ने 1994 में शिक्षकों के कार्य की सराहना के लिए 5 अक्तूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाने को लेकर मान्यता है।

   विश्व के अन्य देशों में भी शिक्षकों (गुरुओं) को विशेष सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। कुछ देशों में छुट्टी रहती है जबकि कुछ देश इस दिन कार्य करते हुए मनाते हैं। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

    सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले को देश की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा में अहम योगदान दिया था।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता Aarajktavad

‘फ्रीडम टु पब्लिश’ : सत्य पथ के बलिदानी महाशय राजपाल

सांसारिक सुख, मोह और मायाजाल ही दु:खों का मुख्य कारण Sukh Dukhah

जीवन मे कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो

ईश्वर की परमशक्ति पर हिंदुत्व का महाज्ञान - अरविन्द सिसोदिया Hinduism's great wisdom on divine supreme power

मोक्ष : ईश्वर के कार्य योग्य अपने आपको बनाओ Moksha Ishwar Ka Dham

भगवान की संपत्ति हैं जीवात्माएं हैं , उन्हें सहयोग करना ईश्वर की सेवा है - अरविन्द सिसोदिया Ishwar ki Seva

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश