महंत नरेन्द्र गिरी के संदिग्ध निधन पर सपा की राजनीति,पाखण्ड की पराकाष्ठा - अरविन्द सिसौदिया

   

अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी का हुआ निधन, पीएम मोदी सहित इन नेताओं ने  दी श्रद्धांजलि


       हिंदुत्व को लगातार अपमानित करते रहे,अवरोधित करते रहे, उसके ऊपर कहर बरपाती रही, उत्तरप्रदेश की सत्ता में कई बार रही समाजवादी पार्टी के हाथ निदोर्ष हिन्दूओं के खून से सने हुये हैं। उनके द्वारा, उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुये,निरंजनी अखाड़े के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष परमपूज्य संत महंत नरेंद्र गिरि जी के दुःखद निधन प्रकरण को लेकर के राजनीति करना निंदनीय है ।

        यह हिंदुत्व पर सपा का तुच्छ राजनीति का बघार ही माना जायेगा । उनका बचकाना पन माना जायेगा। राजनैतिक स्वार्थ के लिये एक हिन्दू धर्माचार्य की संभावित हत्या / आत्महत्या को मजाक बनानें की नौटंकी माना जायेगा । पुलिस की जांच टीम पर सिर्फ इसलिये अविश्वास आरोपित करना कि समाजवादी पार्टी को सत्ता से बाहर करने वाली भाजपा वहां शासन में है। यह संवैधानिक व्यवस्था पर प्रश्न उठानें का बचकाना नमूना मात्र है। इसे मानसिक दिवालियापन ही इसे कहा जा सकता है। यह अत्यंत निंदनीय है और संपूर्ण हिंदू समाज को अपमानित करने वाला है ।
     
         हिन्दू समाज को पूरी तरह एक जुट होकर राजनीतिक स्वार्थी तत्वों को जवाब देना चाहिए । एक धर्म निष्ट महंत की जान चली गई है, इन्हे उसमें भी राजनीति सूझ रही है।  चाहे वह आत्महत्या हो या हत्या हो उसके पीछे जो रहस्य है, उसकी जांच पुलिस कर रही है। विशिष्ट पुलिस दल गठित किया हुआ है। फिर उस तरह का औचित्यहीन प्रश्न क्यों ? परिस्थितीजन्य साक्ष्य भी सामनें आ रहे हैं। कुछ तो इंतजार करना चाहिये था।


        उपरोक्त आत्महत्या अथवा हत्या के जो भी कारण रहे हो जरूरत इस बात की है कि उन कारणों का सत्य सामने आये। किंतु राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंदू समाज को भ्रमित करने की बयानबाजी पूरी तरह निंदनीय है। हिंदुओं में झूठ प्रेरित करने के लिए समाजवादी पार्टी ने जो प्रश्न उठाए हैं वे उनके पाखंडी स्वभाव का सबूत प्रस्तुत कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने एसआईटी गठित कर दी है और उसे जांच करने का अधिकार है, संवैधानिक तरीके से वह पूरी तरह वैध है, कानून सम्मत है। समाजवादी पार्टी का इस तरह हस्तक्षेप , संदेह पैदा करता है कि उनके मन में कौनसा चोर है जो योगी जी से वे डर रहे हैं।    

    आनंद गिरी एक बहुत ही धूर्त धर्म -आण्डम्बरी के रूप में प्रमाणित हो रहा है। उसका रहन सहन और फैशनपरस्ति, शान शौकत की आदत चीख चीख कर कह रहीं हैं। कि यह बिगडैल शहजादे जैसे है। इनके खर्च अनापशनाप व्यय आधारित है। जरूर कोई न कोई गलत तरीका ये अपनाये हुये है। हो सकतता है कि उनका हाथ इस प्रकरण में नहीं हो किन्तु उनके अन्य रहस्य भी  निकलेंगे। सपा बाताये कि जांच को प्रभावित करने का क्या कारण है अथवा उनका क्या हित है।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
महंत नरेंद्र गिरी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ''अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है. आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई. प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!.''

 Akhara Parishad Adhyaksh Mahant Narendra Giri suicide updates CM Yogi to reach Baghambari Math

 

 (पूरे घटनाक्रम को समझनें के लिये नीचे दिये गये दो समाचार सब कुछ बयां कर रहे है।)

नरेंद्र गिरि मामला: अब एसआईटी सुलझाएगी हत्या-आत्महत्या की गुत्थी, 

शासन ने दिए आदेश
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: प्राची प्रियम Updated Tue, 21 Sep 2021

महंत नरेंद्र गिरी को श्रद्धांजलि देते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। - फोटो : prayagraj

खास बातें

निरंजनी अखाड़े के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद मामला लगातार उलझता ही जा रहा है। पुलिस ने महंत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में उनके शिष्य योगगुरु आनंद गिरि, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, अब महंत के अंतिम संस्कार की भी तैयारियां की जा रही हैं। उनके पार्थिव शरीर को मंगलवार यानी आज बाघंबरी गद्दी मठ में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। सीएम योगी और अखिलेश यादव सहित कई लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

लाइव अपडेट

04:17 PM, 21-SEP-2021
महंत नरेंद्र गिरी महाराज के निधन से मुस्लिम समुदाय दुखी

महंत नरेंद्र गिरि महाराज के आकस्मिक निधन पर अल्पसंख्यक समुदाय ने भी दुख प्रकट किया। बहादुरगंज में नरेंद्र गिरी महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया। कांग्रेस नेता इरशाद उल्ला ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि, उनकी मृत्यु से आध्यात्मिक जगत को गहरी ठेस पहुंची है। उनकी पूर्ति असंभव है। श्रद्धांजलि व माला अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से कांग्रेस सेवा दल के पूर्व नगर अध्यक्ष लालबाबू साहू, मोहम्मद रऊफ, आफताब अहमद, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद आमिर, फहद खान, मोहम्मद अमान, मोहम्मद अमन, ननकू सरदार, राजू जायसवाल आदि लोग उपस्थित रहे।

03:13 PM, 21-SEP-2021
महंत धर्मदास ने कहा वो आत्महत्या नहीं कर सकते

निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते हैं। किसी साजिश के तहत इनकी हत्या की गई है। 
 
02:56 PM, 21-SEP-2021
एसआईटी करेगी मामले की जांच

महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले की जांच अब स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम करेगी। शासन ने इस हत्या और आत्महत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दिया है।

02:40 PM, 21-SEP-2021
एक पुलिस अफसर और महंत नरेंद्र गिरि के बीच हुई वित्तीय लेनदेन

स्वामी योगी सत्यम ने प्रयागराज में तैनात एक बड़े पुलिस अफसर और महंत नरेंद्र गिरि के बीच बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनदेन को लेकर सवाल खड़ा किया है। स्वामी योगी सत्यम का मानना है कि अगर किसी सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जज से न्यायिक जांच कराई जाए, जिससे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

02:35 PM, 21-SEP-2021
भाजपा और सपा नेताओं से हो सकती है पूछताछ

बताया जाता है कि गुरु-शिष्य विवाद के समझौते के दौरान तीन अन्य लोग भी मौजूद थे, जिसमें भाजपा नेता सुशील मिश्रा, सपा नेता और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री इंदू प्रकाश मिश्रा और वर्तमान में मुरादाबाद में बतौर अपर पुलिस अधीक्षक तैनात रहे ओपी पांडेय भी मौजूद रहे। अब पुलिस इन तीनों से पूछताछ कर सकती है।

02:15 PM, 21-SEP-2021
आनंद गिरी को लेकर प्रयागराज पहुंची पुलिस

योग गुरु आनंद गिरी को यूपी पुलिस हरिद्वार से लेकर प्रयागराज पहुंच गई है। पुलिस सिविल लाइन थाने में ले जाकर उनसे पूछताछ कर रही है।
 

01:26 PM, 21-SEP-2021
अखिलेश यादव ने दी श्रद्धांजलि

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ पहुंचे।
 

01:09 PM, 21-SEP-2021
सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर

महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की सीबीआई जांच के लिए अधिवक्ता सुनील चौधरी की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका डाली गई है। याचिका के माध्यम से जिले के डीएम और एसएसपी को तत्काल बर्खास्त कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को सुपुर्द करने की मांग की गई है। अधिवक्ता की ओर से कुछ अधिकारियों पर भी इस मामले में मिलीभगत होने का आरोप लगाया है। कहा कि बिनी सीबीआई के पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच नहीं की जा सकती। स्थानीय पुलिस अधिकारी मामले में लीपापोती कर सकते हैं।

01:06 PM, 21-SEP-2021
गुरु-शिष्य के बीच समझौता कराने वाले अधिकारी से भी हो सकती है पूछताछ

महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य योग गुरु आनंद गिरि के बीच लंबे समय तक विवाद चला था, जिसके बाद दोनों के बीच समझौता हो गया था। अब महंत की मौत के बाद गुरु-शिष्य के बीच समझौता कराने वाले एक अधिकारी का नाम चर्चा में है। भावना जाहिर की जा रही है कि इस अधिकारी को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

11:25 AM, 21-SEP-2021
मामले से जुड़ी हर घटना का होगा पर्दाफाश: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतिम दर्शन के बाद कहा कि महंत नरेंद्र गिरि से जुड़े हर घटना का पर्दाफाश होगा। बुधवार को उनका पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में बेवजह की बयानबाजी से परहेज करने को कहा है।

10:53 AM, 21-SEP-2021
योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाघंबरी मठ पहुंचकर महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह भी मौजूद रहे।

10:52 AM, 21-SEP-2021
साधु संत चाहेंगे तो सीबीआई जांच होगी: मौर्य
श्रद्धांजलि देने पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य ने अंतिम दर्शन के बाद कहा कि साधु संत चाहेंगे तो इस मामले की सीबीआई जांच होगी। कांग्रेस को हर चीज में राजनीति दिखती है। वहीं, मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा।

10:52 AM, 21-SEP-2021
महंत को फंदे से उतारने वाला शिष्य पूछताछ के दौरान बेहोश
महंत नरेंद्र गिरी के मामले में पुलिस लगातार जांच को आगे बढ़ा रही है। इसी क्रम में उनके उस शिष्य से पूछताछ की जा रही थी जिसने सबसे पहले उन्हें फंदे से लटका पाया था और शव को उतारा था। इस पूछताछ के दौरान शिष्य की अचानक तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया।

10:52 AM, 21-SEP-2021
अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मठ पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक और प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने भी महंत को श्रद्धांजलि दी।
 
10:52 AM, 21-SEP-2021
अंतिम दर्शन के लिए पहुंचेंगे अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दोपहर 12 बजे प्रयागराज पहुंचकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष दिवंगत महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करेंगे।

आनंद गिरि के खिलाफ एफआईआर दर्ज 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। महंत के एक अन्य शिष्य अमर गिरी पवन महाराज की शिकायत के आधार पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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नायलॉन की रस्‍सी, वीडियो से ब्‍लैकमेलिंग... महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर शक क्‍यों गहरा रहा है?
Curated by दीपक वर्मा |  Navbharat Times | Updated: Sep 21, 2021,

Mahant Narendra Giri Death News:
 देश में साधुओं के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) प्रयागराज स्थित बाघम्बरी मठ (Baghambari Math) में सोमवार को मृत पाए गए। पुलिस ने एक 'सूइसाइड नोट' बरामद किया है।
 
mahant narendra giri suicide note leaves 7 unanswered questions

नायलॉन की रस्‍सी, वीडियो से ब्‍लैकमेलिंग... महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर शक क्‍यों गहरा रहा है?
अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्‍ध मौत सवालों के घेरे में है। पुलिस एक 'सूइसाइड नोट' मिलने की बात कह रही है। यह नोट सात-आठ पन्‍नों का बताया जा रहा है। किसी वसीयतनामे की तरह लिखे गए 'सूइसाइड नोट' में कुछ शिष्‍यों के नाम हैं। गिरी ने कथित रूप से लिखा है कि कुछ लोगों ने उन्‍हें झूठे आरोप लगाकर अपमानित किया। वह कौन सी बात थी जो महंत को इतना परेशान कर रही थी? 'सूइसाइड नोट' में विस्‍तार से लिखा गया है कि महंत के न रहने पर मठ, अखाड़े और हनुमान मंदिर का क्‍या होगा। पुलिस नोट की फोरेंसिंक जांच करा रही है। समूचा घटनाक्रम इतना संदेहास्‍पद है कि सवालों का अंबार लग गया है।


Narendra Giri Death Mystery: क्राइम सीन से छेड़छाड़? नरेंद्र गिरि की मौत के अनसुलझे राज, बाघंबरी मठ से ग्राउंड रिपोर्ट

पुलिस के आने से पहले क्‍यों हटाया शव?

स्‍थानीय मीडिया के अनुसार, दोपहर 1 बजे महंत ने शिष्‍यों के साथ भोजन किया। फिर दोपहर साढ़े तीन बजे तक वह रोज आराम करते थे। शाम 5 बजे तक महंत अपने कमरे से बाहर नहीं आए तो शिष्‍यों का माथा ठनका। दावा है कि चिंता होने पर दरवाजा तोड़ा गया।
भीतर महंत का शव पंखे से झूल रहा था। इसी वक्‍त (शाम करीब 5.20 बजे) एक शिष्‍य बबलू ने पुलिस को महंत नरेंद्र गिरि के आत्‍महत्‍या करने की सूचना दी।
बाघम्‍बरी मठ तक पुलिस के पहुंचने से पहले ही महंत के शव को पंखे से उतारकर बिस्‍तर पर रखा गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, महंत के विश्राम पर जाने से पहले किसी शिष्‍य ने उनको परेशान हालत में नहीं देखा।
पुलिस ने मठ का मेन गेट बंद कर तलाशी शुरू की। शव के पास से ही सूइसाइड नोट बरामद हुआ।

सूइसाइड नोट में क्‍या लिखा है?
महंत नरेंद्र गिरी के शव के पास से मिले कथित 'सूइसाइड नोट' में योग गुरु स्‍वामी आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के मुख्‍य पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को वजह बताया गया है। नोट में लिखी ज्‍यादातर बातें मठ, मंदिर और गद्दी के उत्‍तराधिकार से जुड़ी हैं। अपने उत्‍तराधिकारी के रूप में महंत ने किसी बलवीर नाम के शिष्‍य का जिक्र किया है। चिट्ठी में लिखा है कि 'मैं सम्‍मान के बिना नहीं रह सकता। डिप्रेशन में हूं। मैं क्‍या करूं, कैसे रहूं। आनंद गिरि के कारण मेरी बहुत बदनामी हुई। किस किस को सफाई दें। इससे अच्‍छा है कि दुनिया से चले जाएं। चंद शिष्‍यों को छोड़कर सभी ने मेरा बहुत ध्‍यान रखेगा। मेरे शिष्‍यों का ध्‍यान रखिएगा।'

कैसे लिख डाला इतना लंबा सूइसाइड नोट?
पुलिस लाश के पास से कई पन्‍नों का सूइसाइड नोट मिलने की बात कह रही है। हालांकि सेवादार और नरेंद्र गिरी के शिष्‍यों का कहना है कि महाराज (महंत) दो लाइन भी खुद से नहीं लिखते थे। जब भी उन्‍हें कुछ लिखवाना होता तो किसी शिष्‍य को बुला लेते थे। ऐसे में सात-आठ पन्‍नों का सूइसाइड नोट उन्‍होंने कब और कैसे लिखा, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा। महंत को लिखते हुए भी काफी कम लोगों ने लिखा। कुछ सेवादारों ने कहा कि सूइसाडइ नोट की पूरी जांच होनी चाहिए। पुलिस फोरेंसिक एक्‍सपर्ट्स से जांच कराने को कह रही है।

आनंद गिरि कौन हैं? शक के दायरे में क्‍यों?
महंत नरेंद्र गिरी के सबसे चहेते शिष्‍य हुआ करते थे आनंद गिरि। अगस्‍त, 2000 से आनंद गिरि महंत के संरक्षण में थे। गुरु के पास रहकर मठ और मंदिर का काम संभालने लगे।
2014 में आनंद गिरि ने खुद को महंत नरेंद्र गिरी का उत्‍तराधिकारी बताना शुरू किया। तब महंत ने खुद कहा कि आनंद उनके उत्‍तराधिकारी नहीं, बल्कि शिष्‍य हैं।
2021 आया और विवाद चरम पर पहुंच गया। मई में निरंजनी अखाड़ा ने परिवार से संपर्क रखने और गुरु के खिलाफ साजिश के आरोप में आनंद गिरि को निकाल दिया। महंत ने उन्‍हें बाघम्‍बरी मठ और बड़े हनुमान मंदिर की व्‍यवस्‍था से भी दूर कर दिया।
आनंद गिरि ने आरोप लगाया कि गुरु के भी परिवार से संबंध हैं। शिष्‍य का कहना था कि महंत ने अपने भाइयों, गनर और चहेते शिष्‍यों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी है।
26 मई 2021 को गुरु और शिष्‍य की लखनऊ में मुलाकात हुई। आनंद गिरि ने बिना शर्त माफी मांगी और महंत ने उन्‍हें मठ आने की अनुमति दे दी। आनंद गिरि ने ताजा घटनाक्रम के बाद कहा है कि उनका महंत नरेंद्र गिरी से कोई विवाद नहीं था।
आनंद गिरि ने कहा कि माफी मांगने के बाद गुरु से उनके संबंध ठीक हो गए थे। उन्‍होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों की मठ की संपत्ति पर नजर है। मुझे रास्‍ते से हटाने के लिए गुरु से विवाद करवाया गया था।
नायलॉन की रस्‍सी क्‍यों मंगाई थी?

पुलिस की शुरुआती जांच में दो प्रमुख सेवादारों की गवाही अहम होगी। बबलू और सुमित की भूमिका पुलिस को अब तक संदिग्‍ध ही लगी है। अन्‍य शिष्‍यों से उनके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। पूछताछ में पता चला कि महंत ने रविवार को ही रस्‍सी मंगाइ थी। स्‍थानीय मीडिया के अनुसार, महंत ने बबलू से कहा था कि कपड़ा सुखाने के लिए नायलॉन की रस्‍सी चाहिए।

बबलू बाजार से रस्‍सी लेकर आया मगर यह साफ नहीं कि किस दुकान से और कितने में। यह भी पता चला है कि जब सोमवार शाम तक महंत अपने कमरे से बाहर नहीं आए तो सबसे पहले बबलू और सुमित ही भीतर गए। इन्हीं दोनों ने दरवाजा खोला और महंत के शव को फंदे से उतारा।

वीडियो के जरिए किया जा रहा था ब्‍लैकमेल?
एक रिपोर्ट के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि को ब्‍लैकमेल किया जा रहा था। एक कथित सीडी का जिक्र हो रहा है। इस प्रकरण में सपा सरकार में राज्‍य मंत्री रहे एक शख्‍स का नाम सामने आ रहा है। पुलिस ने कॉल डीटेल्‍स के आधार पर जांच शुरू कर दी है।

मठ की अकूत संपत्ति तो नहीं बनी वजह?
बाघम्‍बरी मठ और निरंजनी अखाड़े की संपत्तियों को लेकर विवाद पुराना है। सैकड़ों बीघा जमीन बेचने, सेवादारों और उनके परिवार के नाम पर मकान खरीदने को लेकर बार-बार आरोप लगे। मठ के जरिए बड़े हनुमान मंदिर की देखरेख होती थी। कानूनी लड़ाई के बाद महंत नरेंद्र गिरी ने निरंजनी अखाड़े से मठ को अलग करवा लिया। इसके बाद वह मठ और बड़े हनुमान मंदिर के पीठाधीश्‍वर बन गए।

मई में महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरि के बीच जो विवाद हुआ, ताजा घटनाक्रम पर उसके प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता। मांडा और रायबरेली में निरंजनी अखाड़े की करोड़ों रुपये की भूमि बेचने पर भी विवाद हुआ। निरंजनी अखाड़े के मठ में दो महंत पहले भी संदिग्‍ध हालात में मृत पाए गए थे।

ऑस्‍ट्रेलिया कांड क्‍या है? सच सामने आने का डर तो नहीं
महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद इस प्रकरण पर चर्चा शुरू हुई है। दो साल पहले, ऑस्‍ट्रेलिया में आनंद गिरि को गिरफ्तार किया गया था। सिडनी पुलिस ने आनंद गिरि को शिष्‍याओं से अमर्यादित व्‍यवहार के आरोप में अरेस्‍ट किया था। उन्‍हें रिहा कराने के लिए महंत नरेंद्र गिरी ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया। जितने मुंह, उतनी बातें... मगर सच नरेंद्र गिरी को पता था। इसी साल जब दोनों में विवाद हुआ, तब नरेंद्र गिरी ने एक अखबार से बातचीत में कहा‍ कि 'आनंद गिरि का व्‍यवहार संत परंपरा से बदल गया है। ऑस्‍ट्रेलिया में उनका चरित्र ठीक नहीं था। लड़कियों ने बयान कैसे बदला, यह राज कोई मुझसे पूछे।'
 

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