धर्मान्तरण - षडयंत्रकारी पकडनें पर भी विपक्ष के पेट में दर्द अनुचित - अरविन्द सिसौदिया
भारत में सुनियोजित तरीके से धर्मान्तरण जारी है। धर्मान्तरण द्वारा ईसाई एवं इस्लाम में कन्वर्ट करने के लिये अनेकानेक हथकण्डों में प्रलोभन एक बडा हथियार है। इस तरह की लाखों श्रृंखलायें देश में सरकारों के अपरोक्ष संरक्षण में चल रहीं थी। जब से प्रधानमंत्री मोदी जी का एवं मुख्यमंत्री योगी जी का युग प्रारम्भ हुआ है। तब से इस पर काफी कसावट आई है। किन्तु विदेशी धन कई कई रास्तों से आता है। और अपना प्रभाव दिखाता है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी के सख्त रवैये के चलते । अब पुलिस इन पर हाथ डाल रही है। गिरफतार कर रही है। किन्तु दुर्भाग्य देखिये कि तमाम विपक्षी राजनैतिक दल धर्मान्तरण करवाने वालों के पक्ष में खडे है। आप पार्टी, सपा , बसपा और कुछ ही दिन पहले कांग्रेस के बयान आये जो कुल कमला कर अपराधियों के पक्ष में थे। धर्मान्तरण के षडयंत्रकारी पकडनें पर भी विपक्ष के पेट में दर्द अनुचित ।
सपा, बसपा के साथ आम आदमी पार्टी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।
1- आप नेता अमानतुल्लाह खान ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले अब मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी साहब को गिरफ्तार किया गया है, मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। इन मुद्दों पर सेक्यूलर पार्टियों की खामोशी बीजेपी को और मज़बूती दे रही है। यूपी चुनाव जीतने के लिए बीजेपी आखिर और कितना गिरेगी?'
2- समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बरक ने मौलाना की गिरफ्तारी को गलत बताया. उन्होंने कहा, बीजेपी सरकार के पास मुसलमानों को परेशान करने के अलावा कोई काम नहीं.
3-बहुजन समाज पार्टी के नेता और सहारनपुर लोकसभा सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीक़ी साहब की गिरफ्तारी भाजपा सरकार का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने का हथकंडा है। सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने कहा कि प्रदेश की जनता की नाराज़गी से परेशान भाजपा सरकार लोगों में डर खौफ दहशत का माहौल पैदा करके और समाज को बांटकर चुनाव जीतना चाहती है।
4-आपको बता दें राशिद अल्वी ने सवाल उठाते हुए कहा था कि चुनाव आने के पहले ही क्यों आतंकवादियों की गिरफ्तारी होती है और फिर चुनाव के बाद गिरफ्तार किए गए सभी आतंकवादी बरी हो जाते हैं।
योगी सरकार दे रही कड़ा संदेश- गौरव भाटिया
धर्म परिवर्तन मामले में इस्लामिक विद्वान की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि यूपी सरकार इस मामले में कड़ा संदेश दे रही है। उन्होंने कहा, "संदेश मजबूत और स्पष्ट है, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और योगी आदित्यनाथ सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।" भाजपा प्रवक्ता ने ऐसे मामलों में यूपी सरकार और पुलिस का समर्थन नहीं करने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा।
'किसी को भी अवैध धर्म परिवर्तन करने की अनुमति नहीं'
गौरव भाटिया ने कहा, “अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल ऐसी चीजों को समर्थन देते हैं। मुझे स्पष्ट रूप से याद है कि अखिलेश यादव ने अतीत में कहा था कि उन्हें कुछ कथित आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बारे में यूपी पुलिस पर भरोसा नहीं है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कानून का राज कायम रहेगा और किसी को भी हमारे देश के नागरिकों पर दबाव बनाने या अवैध रूप से धर्म परिवर्तन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
धर्मांतरण के 'खेल' में जुटे लोगों पर नकेल कस योगी सरकार ने जनता के बीच कड़ा संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धर्म परिवर्तन के मामलों पर लगातार सख्त रुख दिखा रहे हैं। राज्य में लगातार बढ़ते ऐसे मामलों को देखते हुए गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक-2020 पास कर कानून बनाया जा चुका है। इस साल जून में लखनऊ पुलिस ने देश भर में 1 हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करवा चुके दो मौलानाओं मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर को अरेस्ट किया। इन लोगों ने नौकरी, शादी और पैसे का लालच देकर अपने मंसूबे कामयाब किए। और अब मेरठ से एक और मौलाना कलीम सिद्दीकी को पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि इस्लामिक स्कॉलर सिद्दीकी को अवैध धर्मांतरण के लिए विदेश से करीब 3 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई थी।
अब तक की जांच से कुल 3 करोड़ रुपये की फंडिंग के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं. बीती रात लगभग 9 बजे मौलाना कलीम सिद्दिकी को उत्तर प्रदेश एटीएस ने मेरठ से गिरफ्तार किया है. को गिरफ्तार किया था. पुलिस का दावा है कि धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी के आपस में लिंक है.
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अवैध धर्मांतरण ( Illegal Religious Conversion) के मामले में उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (UP ATS) ने मेरठ से ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष कलीम सिद्दीकी ( Kaleem Siddiqui ) को उनके ड्राइवर और तीन अन्य मौलानाओं के साथ गिरफ्तार किया है। कलीम सिद्दीकी अवैध धर्मांतरण करवाने वाले पूर्व में पकडे गये धर्मान्तरण सरगना उमर गौतम के करीबी है। मौलाना कलीम जमीयत-ए- वलीउल्लाह का अध्यक्ष भी है। जानकारी के मुताबिक मौलाना कलीम को हवाला के जरिए विदेशों से फंडिंग/धन प्राप्ती होती है। यूपी एटीएस लंबे समय से उस पर नजर रखे हुए थी। मौलाना के ट्रस्ट के खाते में एकमुश्त 1.5 करोड़ रुपया बहरीन से आया है।
मौलाना कलीम सिद्दीकी पर आरोप है कि वह दिल्ली में कई शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण का काम करता है। वह गैर मुस्लिमों को पैसों और नौकरी का प्रलोभन देकर उन्हें धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता है। बाद में उन्हें भी इसी काम में लगा देता है। वे मजबूर लोगों को प्रलोभन देकर शरीयत व्यवस्था लागू करने और जनसंख्या अनुपात बदलने के लिए वृहद स्तर पर धर्मांतरण करवा रहे है।
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कुछ ही समय पहले धर्मांतरण रैकेट मामले में यूपी एटीएस ने 6 आरोपियों के खिलाफ किया था जो , भारत में जनसंख्या संतुलन को बदलने की साजिश में संलिप्त थे। उत्तर प्रदेश आतकंवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 19 अगस्त को बताया कि उसने अवैध धर्म परिवर्तन ( Illegal Religious Conversion) के आरोप में गिरफ्तार गिरोह के 6 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। एटीएस के अनुसार इन छह आरोपियों -उमर गौतम, जहांगीर आलम, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान ,राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, इरफान शेख और सलाहुद्दीन- के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। चार्जशीट में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 417, 120बी,153ए,153बी, 295ए, 298 और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धारा 3,5,8 के अंतर्गत आरोप तय किया गया है। तब भी यह तथ्य प्रमाणित हुआ है था कि इनके द्वारा आपराधिक षड्यंत्र के अंतर्गत देशव्यापी अवैध धर्मांतरण का गिरोह संचालित किया जा रहा है और इसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हुए हैं।
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा था, “20 जून को अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करने वाले लोग गिरफ्तार गिए गए थे। इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया था। उमर गौतम और इसके साथियों को ब्रिटिश आधारित संस्था से लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई थी। जिसके खर्च का ब्योरा अभियुक्त नहीं दे पाए। इस संबंध में आज के अभियुक्त को छोड़कर कुल 10 लोग गिरफ्तार हुए थे। जिसमें से 6 के खिलाफ विभिन्न तिथियों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, 4 के खिलाफ जांच चल रही है।“
पुलिस ने तब बताया था कि “इस धर्मांतरण के गिरोह द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, महिलाओं व दिव्यांगजनों, विशेषकर मूक बधिर लोगों को बहला-फुसलाकर अपनी मूल इच्छा के विरुद्ध द्वेषपूर्ण ढंग से धर्मांतरण कराया जा रहा है।“
भारत में जनसंख्या संतुलन को बदलने का प्रयास - एटीएस
एटीएस ने आरोपियों पर भारत में जनसंख्या संतुलन को बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि,
“उमर गौतम ,काजी जहांगीर द्वारा अपने गिरोह के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सदस्यों के साथ मिलकर एक सिंडिकेट बनाकर भारत में जनसंख्या संतुलन को बदलने हेतु काफी संख्या में लोगों को विभिन्न प्रकार के लालच देकर उनके मूल धर्म के प्रति भ्रम व घृणा पैदा कर ,भय व आतंकित कर,मनोवैज्ञानिक दबाव डालकर लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है।.“
ग्लोबल पीस सेंटर से भी संबंध
जांच में सामने आया है कि उमर गौतम का दिल्ली के ग्लोबल पीस सेंटर के साथ भी घनिष्ठ संबंध हैं। जिसे मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित किया जाता है। कलीम सिद्दीकी खास तौर पर मेवात क्षेत्र में धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल है। वह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में कार्यरत एक शख्स को जरूरतमंद मूक-बधिर युवाओं और महिलाओं की डिटेल मुहैया करवा रहा था जिन्हें आर्थिक मदद देकर धर्मांतरण के लिए टारगेट किया जाता था। इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) का कतर के सलाफी उपदेशक डॉ बिलाल फिलिप्स द्वारा स्थापित इस्लामिक ऑनलाइन विश्वविद्यालय के साथ संबंध हैं जो जाकिर नाइक का सहयोगी हैं।
कहां से होगी थी फंडिंग
सूत्रों के मुताबिक जांच में सामने आया है कि IDC को अमेरिका कतर कुवैत के NGO से विदेशी फंडिंग होती थी इस पैसे को दिल्ली के फातिमा चैरिटेबल फाउंडेशन, लखनऊ की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन, फरीदाबाद के मेवात ट्रस्ट फॉर एजुकेशनल वेलफेयर, मुम्बई के मरकजुल मारीफ, दिल्ली के ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन समेत कई भारत की FCRA registerd NGO के ज़रिए IDC में भेजा जाता था. उमर गौतम ने सांसद बदरुद्दीन अजमल के द्वारा फंडिंग होने का भी खुलासा किया है।
ऐसे लोगों को तो काल कोठरी में डाल देना चाहिए
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