संत शब्द से बाहर किये जायें आनन्द गिरी - अरविन्द सिसौदिया
Arvind Sissodia |
सभी धर्मों में एवं धर्माचारियों में विकृत प्रकृति के मनुष्य उत्पन्न होते रहे है। इसलिये आनन्द गिरी कोई आश्चर्य नहीं है। किन्तु उनकी जीवन शैली में आपराधिक प्रवृति और अनैतिक प्रकृति को देखते हुये वे धर्माचार्य नहीं कहे जा सकते । उन्हे धर्म संसद या संत समाज अविलम्ब धर्मद्रोही घोषित करे। ताकि वे धर्म के नाम पर ठगी और उससे गुलछर्रे उडाने की अनैतिकता से बाहर किये जा सकें। समाज को सर्तक करने हेतु । उन्हे सार्वजनिक रूप से संत समाज के बाहर किया जाना चाहियें।
कांग्रेस के वरिष्ठनेता दिग्विजय सिंह का बयान द्विअर्थी है। उन्होने कांग्रेस के ईसाई नेतृत्व को ,खुश करने हेतु आनन्द गिरी के बहानें भगवा शब्द के द्वारा हिन्दुत्व को कटघरे में खडा करने का प्रयास किया है। जो कि गलत है। धर्म के मर्म पर भी हल्की राजनिति पूरी तरह अनुचित है। करोडों करोडों संतों में कोई एकाध गलत निकलता ही है। सभी जगह यह स्थिती है। राजनैतिक क्षैत्र कौनसा दूध से धुला है। स्वयं सिंह अर्न्तमन को टटोललें।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एबीपी न्यूज़ की एक वीडियो रिट्वीट करते हुए लिखा है, ‘’आनंद गिरि आधुनिक हिंदुत्व के प्रतीक हैं. मठों पर क़ब्ज़ा, मंदिरों पर चढोत्तरी का दुरुपयोग, मंदिरों की भूमि ख़रीद फ़रोख़्त में धांधली. भगवा हिंदू धर्म की पहचान है. उसे अपमानित ना करें.’’
आनंद गिरि (Anand Giri)
आनंद गिरि (Anand Giri) पर साल 2019 में दो विदेशी महिलाओं ने छेड़खानी का केस दर्ज करवाया था। महिलाओं ने ऑस्ट्रेलिया में योग सिखाने के बहाने छेड़खानी की शिकायत की थी। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया था और कोर्ट में पेश किए जाने के बाद कुछ दिनों तक सिडनी की जेल में रहना पड़ा था। हालांकि कोर्ट ने बाद में आनंद गिरि को आरोप मुक्त करते हुए बरी कर दिया था और भारत लौटने की इजाजत दे दी थी।
सुसाइड नोट में आनंद गिरी का नाम!
महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को अपने मठ के एक कमरे में मृत पाये गए थे. पुलिस के मुताबिक, गिरि ने कथित तौर पर पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने कहा कि एक कथित सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें महंत ने लिखा है कि वह मानसिक रूप से परेशान हैं और अपने एक शिष्य से व्यथित हैं. महंत के शव का पोस्टमार्टम आज किया जाएगा.
लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया है. कुमार ने कहा कि सुसाइड नोट में तीन लोगों के नाम थे और प्राथमिकी के आधार पर आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया.
मामले की जांच के लिए 18 सदस्यीय एसआईटी गठित
उत्तर प्रदेश पुलिस ने नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच के लिए 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महंत की मृत्यु से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
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