राष्ट्रधर्म की बात है, हम मोदी जी के साथ हैं,भारत का विश्वास हैं !
- अरविन्द सिसैदिया
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी का आज जन्मदिन है । हम सभी लोग उनके जन्मदिन को धूमधाम से मना रहे हैं । कहीं सेवा कार्य हो रहे हैं कहीं धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं कहीं संकल्प लिया जा रहा है कहीं वैक्सिनेश कैंप लगाये जा रहे है । कुल मिलाकर के सेवा और समर्पण के कार्यों के द्वारा हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जन्म दिवस अत्यंत उत्साह पूर्वक मना रहे हैं । तथा आने वाले 20 दिन उन्हीं के लिए समर्पित हैं कर सेवा और समर्पण के अनेकानेक कार्यक्रम करते हुए यशवी प्रधानमंत्री जी का जन्मोत्सव मनायेंगे।
इस दौरान आने वाली पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती 25 सितंबर एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को भी विशेष रूप से मनाएंगे और मोदी जी के जन्मदिन को जोड़ते हुए यह विशेष दिन इन महापुरुषों को समर्पित करेंगे ।
प्रधानमंत्री बनते ही मोदीजी ने सबसे अधिक ध्यान गरीबों पर , महिलाओं पर, किसानों पर एवं उत्पादन आत्मनिर्भरता पर केन्द्रित किया है। जनधन योजना से एक गरीब को सीधे बैंक से जोड दिया, स्वच्छता, शौचालय निर्माण, उज्जवल्ला गैस सिलेण्डर योजना एवं तीन तलाक नियंत्रण कानून महिलाओं के उद्धारक ही है। किसानों को तीन कानूनों के द्वारा आत्म सम्मान देना एवं विभिन्न योजनाओं के द्वारा उनकी आय वृद्धि की चिन्ता सच्चेमन से की गई है। तकनीकी क्षैत्र में सुधार एवं औ़द्यौगिक उत्पादन में वृद्धि हेतु आत्म निर्भर भारत अभियान देशहित के सच्चे और अच्छे कार्यक्रम है। उनमें अवरोध उत्पन्न करने की शातिराना साजिसें हो रहीं है। ताकि देश की उन्नति रोकी जा सके और शत्रु देश का लाभान्वित किया जा सके।
निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी विचारधारा के नागरिकों के द्वारा यह जन्मदिन एक पर्व के रूप में मनाया जा रहा है, किंतु कुछ और अधिक करने की जरूरत महसूस हो रही है । इस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को अनेकानेक षडयंत्रों के द्वारा चक्रव्यूह में फंसाया जा रहा है । कुछ स्वार्थ प्रेरित और कुछ विदेशी हितों से प्रेरित षड्यंत्र कर्ता पिछले कुछ माह से लगातार षड्यंत्रपूर्वक अभियान सा चलाये हुये हैं ।
गंभीर चिंता की बात यह है कि ये लगभग हर बात में भ्रम उतपन्न करते हैं । बड़ी बेशर्मी से झूठ बोलते हैं । लगातार लगातार झूठ फैला कर सत्य को असत्य साबित करनें की कोशिस करते हैं । कुल मिला कर आपराधिक षड्यंत्र रचना रोज रोज का खेल बना लिया गया है ।
देश में लगातार गलत से गलत प्रेरणा देना और उस हेतु कार्य भी करना समस्याओं को उतपन्न करना । कुल मिला कर सरकार के कामकाज में अवरोध खड़ा करना ।ये दुष्कृत कृत्य भारत के विकास को रोकनें के लिये खड़े किये जा रहे हैं ।
समस्या समाधान और विकास को गति को देने वाले महापुरुष प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी को किसी तरह रोका जा सके और इस हेतु जो षड्यंत्र चल रहे हैं । वे नकाब पहनकर के अलग-अलग नामों से अलग-अलग व्यक्तियों के द्वारा राजनीतिक और गैर राजनीतिक दोनों ही तरीके से झूठ ओर भ्रम फैला रहे हैं । कार्यक्रमों के द्वारा झूठ परोसा जा रहा है। तयसुदा टुलकिटों से, मीडिया और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म उपयोग कर सच को झूठ से ढकने के कुप्रयास हो रहे हैं । जो कि भारत सरकार या प्रधानमंत्री मोदीजी के साथ साथ देश का भी बुरा करने वाला अपरोक्ष अपराध ही है।
इस समय भारत ही नहीं पूरी दुनिया संकटग्रस्त है कोरोना ने पूरी दुनिया में तबाही मचायी । अर्थव्यवस्थाओं को चौपट कर दिया । मानव जीवन को निगल जाने वाला एक महा दानव रूपी महामारी है । अभी भी इसका प्रकोप जारी है ।
इसने लगातार दो साल से पूरे विश्व और भारत को आर्थिक रूप से स्वास्थ्य के रूप से और अनेकों प्रकार की अव्यवस्थाओं के रूप से क्षति पहुचाई है ।
इन संकटों के बीच भारत को एक अच्छे तरीके से निकाल कर ले जाने की कौशिश, साहस और प्रशासनिक क्षमता का परिचय नरेंद्र मोदी जी ने दिया है और इससे उनकी संपूर्ण विश्व में प्रशंसा हुई है । जो लोग भारत के प्रति जलन रखते हैं, भारत के लोगों के प्रति जलन रखते हैं , भारत का बुरा सोचते हैं , भारत को रोकना चाहते हैं , उन्हें निश्चित रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक शत्रु की तरह नजर आ रहे हैं ।
क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 24 घंटे में से 17 से 19 घंटे लगातार जागते हुये, विमर्श करते हुए, सलाह मशवरा करते हुए , प्रशासनिक क्षेत्र के लोगों से समस्याएं और उनके निदान ओं पर व्यापक योजना बनाते हुए , देश को भली भांति एक अच्छी दिशा में ले जाने का काम कर रहे हैं । उन विदेशी ताकतों को विशेष रूप से बुरा लग रहा है , जो भारत की अवरुद्धता का फायदा उठा कर अपना विकास और अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं ।
कोरोना संकट के बाद जैसे तैसे दुनिया इससे बाहर निकलने की कोशिश में है कि एक नई समस्या के रूप में या आने वाली बड़ी समस्या के रूप में "अफगानिस्तान ' का मसला खड़ा हो गया है । अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के बनने का मतलब सीधा सीधा आतंकवादियों की सरकार बनना है । इसे पाकिस्तान से परोक्ष गठबंधन सरकार माना जा सकता है । इसे चीन के षड़यंत्रों की कार्यवाही आगे बढ़ाने वाली सरकार भी माना जा सकता है ।
मानसिक रूप से आतंकी स्वभाव और हिंसा में लिप्त व्यक्तियों की सरकार कल क्या देगी, कल किस तरह का व्यवहार करेगी ,उसको लेकर के अनेकानेक शंकाएं है ।क्योंकि जब आतंकवाद के पास सीधा कोई हवाई जहाज नहीं था , कोई हवाई पट्टी नहीं थी, पेट्रोल नहीं था , तब भी, इन्हीं लोगों ने अमेरिका पर चार हवाई जहाज अपहरण करके हमले किए और तबाही मचाई थी । आज तालिबान सरकार के रूप में हवाई अड्डे भी अफगानिस्तान में है, हवाई जहाज भी अफगानिस्तान में है , कुछ ऐसे देश जो दुनिया की तबाही से अपना फायदा मानते हैं वे उनके साथ हैं । इसलिए एक बहुत ही कठिन परिस्थिति संपूर्ण विश्व एवं भारत के सामनें आ चुकी है।
वर्तमान में प्रत्येक भारतवासी को भारत की हित चिंतक राजनीतिक दलों को सामाजिक संस्थाओं को और एक आम व्यक्ति के रूप में हम सभी को यह चिंता करनी ही होगी कि अगले कुछ साल भारत के लिए विशेष रुप से कठिन है, समस्या ग्रस्त हैं , चुनौतियों वाले हैं , षड्यंत्र वाले हैं , साजिश कर्ताओं के हैं और उनसे लोहा लेने की शक्ति , क्षमता हमारे सामने स्पष्ट रूप से किसी में है तो वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में ही है।
लेकिन हमने पिछले दिनों संसद में भारत के विपक्षी दलों का जो तमाशा देखा, अमर्यादित स्थितियां देखी , जो उनके अन्य सभाओं कार्यक्रमों एवं वक्तव्य में, बयान बाजी में देख रहे हैं। वह सब कहीं ना कहीं भारत की आंतरिक एकजुटता को फूट के रूप में प्रस्तुत कर रही है। दुनिया भर के तमाम देश इसमें भारत की फूट और भारत की आंतरिक असहजता स्थिती के रूप में देख रहे है ।
इसलिए विघ्नकर्ता राजनीतिक दलों से अथवा षड्यंत्र कार्यों में लिप्त अन्य से कोई विशेष सकारात्मक सहायता देश को मिलेगी ऐसा अपेक्षा नहीं की जा सकती । इन परिस्थितियों में भारत के नागरिक को ही आगे आना होगा और अपने संपूर्ण वर्चस्व, संपूर्ण सामर्थ और संपूर्ण ताकत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा होना पड़ेगा। उनके हाथ मजबूत करने पड़ेंगे, उनके विचारों को मजबूत करना पड़ेगा, उनके कार्यक्रमों को सहयोग देना पड़ेगा । अर्थात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुलकर सहयोग करना होगा । सोशल मीडिया माध्यमों माध्यम से उन्हें आश्वस्त करना होगा उन्हें समर्थन देना होगा और स्पष्ट रूप से यह कहना होगा कि
" मोदी जी चले चलो हम आपके साथ हैं ।
मोदी जी आगे बढ़ते रहो हम आपके साथ हैं ।
मोदीजी शत्रुओं को परास्त करो हम आपके साथ हैं ।
मोदीजी देश को आत्मनिर्भर बनाओ हम आपके साथ हैं ।"
अर्थात .... मोदी जी के हर कार्यक्रम को सपोर्ट करना और उनको सोशल मीडिया पर पोस्ट करना । इस तरह के समर्थन के द्वारा हम भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी को ही समर्थन नहीं देंगे बल्कि यह समर्थन भारत को होगा और भारत की ताकत को होगा । और इससे भारत के प्रति शत्रुता पूर्ण विचार रखने वाले लोग, षड्यंत्र करने वाले लोग, भी कहीं ना कहीं पीछे हटेंगे उन पर लगाम लगेगी, उन्हें रोका जा सकेगा ।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मोत्सव को मनाने का एक सबसे अच्छा तरीका यही है कि हमको संकल्प लेना होगा कि हम प्रधानमंत्री मोदी जी को कदम-कदम पर ताकत देंगे, सहयोग देंगे । और हम ही मोदी हैं इस तरह के भाव के साथ उनके साथ एकाकार करते हुये खड़े होकर देश को मजबूती देंगे ।
हमारा मजबूत मोदी ही मजबूत भारत है।
हम हैं मोदी, मोदी जी के साथ है।
मोदी जी के साथ हैं,भारत का विश्वास हे।
जय भारत जय हिंद।
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