चीन से ही सावधान रहना होगा ब्रिक्स देशों को - अरविन्द सिसौदिया
प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज BRICS देशों का सम्मेलन हुआ। वर्चुअल तरीके से हुए इस सम्मेलन में आतंकवाद पर चर्चा की गई है। BRICS देशों ने नई दिल्ली घोषणा पत्र को मंजूर किया है। इसके अलावा आतंकवाद के खिलाफ सहमति भी बनी है। इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया। “काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान ” (Counter Terrorism Action Plan) भी अडॉप्ट किया है ।
चीन से ही सावधान रहना होगा ब्रिक्स देशों को - अरविन्द सिसौदिया
चीन हमेशा से ही दोहरे वर्ताव का आदी रहा है। जिस जिसने उस पर विश्वास किया उस उससे उसने घात किया । भारत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रूप में चीन के छल कपट और पांखण्डपूर्ण धोके का पहले ही शिकार हो चुका है। उसकी लगातार खराब नियत से पूरी दुनिया को सावधान रहना होगा। एक तरफ वह ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में “काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान” स्विकार किये हुये है। वहीं इस बैठक के ठीक एक दिन पहले अफगानिस्तान की शुद्ध आतंकवादियों की सरकार को 310 लाख मिलियन अमेरिकी डालर की मदद की घोषणा कर चुका है। इस तरह से वह दोहरे खेल को खेल रहा है। तालिबान तो बहसीपन के आदी लोगों का संगठन है। सवाल उनका बेजा फायदा उठाने वालों को ही है। असल चिन्तायें उनके गलत इस्तेमान का ही है। जिसके लिये पहले से ही चीन - पाकिस्तान कटघरे में चिन्हित होते आ रहे है।
चीन की यह जानी समझी खुराफात है कि वह पहले मदद के नाम पर बडी राशी किसी भी कमजोर देश को देता है। तय है कि वह राशी उससे चुकनी नहीं है। फिर वह उस देश का नाजायज कामों में इस्तेमाल करता है। ऐशा उसने पहले भी पाकिस्तान सहित कई देशों में किया हुआ है।
हलांकी इस सम्मेलन की सबसे बडी सफलता यह है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के द्वारा अफगानिस्तान के मामले में खुल की बोलना और उसके बेजा इस्तेमाल पर चेताना है।
कुल मिला कर ब्रिक्स और तमाम दुनिया के चीन से ही सावधान रहना होगा। रूस की भाषा , अमेरिका एवं भारत की भाषा से मेल खा रही है। जो स्वागत योग्य बात भी है।
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ब्रिक्स में आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी पर चर्चा
पीएम मोदी बोले- हमारे पास गर्व करने के लिए बहुत कुछ, जानें उनके संबोधन की अहम बातें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Thu, 09 Sep 2021 सार
13th Brics Summit Today in Virtual Format:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते 15 सालों में ब्रिक्स देशों ने कई सफलताएं हासिल की हैं। इस सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए ब्रिक्स देशों से भारत को भरपूर सहयोग मिला है।
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन की अध्यक्षता करना खुशी की बात है। बीते 15 सालों में ब्रिक्स देशों ने कई सफलताएं हासिल की हैं। ब्रिक्स देशों से भरपूर सहयोग मिला। कोरोना के संकट के समय सभी साथ मिलकर काम किया। कंधे से कंधे मिलाकर महामारी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया। आइए जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें...
1. विकासशील देशों के लिए यह मंच अहम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक शानदार उदाहरण हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है। कि ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर इस सम्मेलन की अध्यक्षता करना मेरे और देश के लिए खुशी की बात है। आज की इस बैठक के लिए हमारे पास विस्तृत एजेंडा है।
2. भारत की थीम ब्रिक्स देशों की साझेदारी का आधार
उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और उपयोगी बनकर उभरे। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुनी है, वह इसी प्राथमिकता की ओरश इशारा करती है। हमारी थीम है- ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति के लिए अंतर-ब्रिक्स सहयोग'। कोऑपरेशन फॉर कंटीन्यूटी, कॉन्सॉलिडेशन एंड कंसेन्सस- यही चार सी (4C) ब्रिक्स देशों की साझेदारी का आधार है।
3. गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत कुछ
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक, एनर्जी रिसर्च कॉरपोरेशन जैसे प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं। गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। यह भी जरूरी है कि हम आत्मसंतुष्ट ना हों। हमें ये निश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 सालों के लिए उपयोगी हो।
4. कोरोना के बावजूद 150 से ज्यादा ब्रिक्स बैठकें हुईं
इस साल कोविड की अव्यवस्थाओं के बावजूद 150 से ज्यादा ब्रिक्स बैठकें और कार्यक्रम अयोजित किए गए। जिनमें 20 मंत्री स्तर के थे। परंपरागत क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के साथ हमने ब्रिक्स एजेंडे को बढ़ान का प्रयास किया। इस साल ब्रिक्स ने कई फर्स्ट हासिल किए, यान कई चीजें पहली बार हुईं।
5. नवंबर में जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे
पीएम मोदी ने कहा कि यह भी पहली बार हुआ कि ब्रिक्स ने मल्टीलिटरल सिस्टम्स की मजबूती और सुधार पर एक साझा स्टैंड लिया है। हमने ब्रिक्स काउंटर टेरिरज्म एक्शन प्लान को भी माना है। हाल ही में पहले ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन का आयोजन हुआ। तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए यह एक अहम कदम है। नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे।
गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत कुछ
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक, एनर्जी रिसर्च कॉरपोरेशन जैसे प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं। गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। यह भी जरूरी है कि हम आत्मसंतुष्ट ना हों। हमें ये निश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 सालों के लिए उपयोगी हो।
ब्रिक्स के भविष्य को मजबूत करेंगे : जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि यह ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ है। पिछले 15 साल में हमने राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है और कूटनीतिक बातचीत को आगे ले गए हैं। हमने एक-दूसरे से बातचीत का मजबूत रास्ता निकाला। हमने कई क्षेत्रों में प्रगति की है। हम अपने साझा विकास की यात्रा साथ-साथ कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत से हमारे सहयोगी देश महामारी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। ब्रिक्स के भविष्य के लिए हम मिलकर काम करेंगे। हम अपनी चुनौतियों से निपटने के लिए साझा संसाधनों के आधार पर रणनीति बनाएंगे। ब्रिक्स के भविष्य को मजबूत करेंगे।
पुतिन ने उठाया अफगानिस्तान का मुद्दा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका सेना और उसके सहयोगियों के वापस आने से नई चुनौतियां खड़ी हुई है। यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इससे वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा पर कैसा असर पड़ेगा। यह अच्छी बात है कि हमारे देशों ने इस मुद्दे पर खास नजर बना रखी है।
अफगानिस्तान अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा न बने : पुतिन
पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान को अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। इसकी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का स्रोत के रूप में नहीं होना चाहिए।
साथ मिलकर लक्ष्य हासिल कर सकते हैं: अफ्रीकी राष्ट्रपति
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि कोराना के खिलाफ हमारे साझा प्रयासों ने दिखाया है कि जब हम एक साथ काम करते हैं तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। ब्रिक्स देशों के रूप में हमें अपने लोगों के जीवन, आजीविका की रक्षा करना जारी रखना चाहिए। हमें वैश्विक आर्थिक सुधार का समर्थन करना चाहिए और सार्वजनिक प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ावा देना चाहिए। कोरोना के टीकों, निदान और चिकित्सा विज्ञान तक समान पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए। यह एकमात्र तरीका है जिससे हम दुनिया को घेरने वाली इस महामारी का जवाब दे सकते हैं।
सभी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्रुप फोटो ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजीलके राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्रुप फोटो ली।
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पीएम मोदी ने कहा कि यह भी पहली बार हुआ कि BRICS ने बहुपक्षीय प्रणाली की मजबूती और सुधार पर एक साझा पोजिशन ली है. हमने ब्रिक्स “काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान ” (Counter Terrorism Action Plan) भी अडॉप्ट किया है.
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