परिवार व्यवस्था में विश्वास ही वास्तविक धन
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*धन की परिभाषा*
परिवार व्यवस्था में सबसे बड़ा धन रिश्तों का विश्वास होता है । रिश्तो से जुड़े कर्तव्यों को पूरा किया जाना होता है, अपेक्षा पर खरा उतरना होता है। यही एक वह बंधन है जो बिना डोरी के बंधा रहता है । इसे हम सबसे बड़ी लक्ष्मी है सबसे बड़ा धन कह सकते हैं । इसकी पूजा ही सबसे बड़ी पूजा है । जैसा कि :-
🙏🏼जब कोई बेटा या बेटी ये कहे कि मेरे माँ बाप ही मेरे भगवान् है….
*ये "धन" है*
🙏🏼जब कोई माँ बाप अपने बच्चों के लिए ये कहे कि ये हमारे कलेजे की कोर हैं….इन पर हमें नाज है ....
*ये "धन" है*
🙏🏼शादी के 20 साल बाद भी अगर पति पत्नी एक दूसरे से कहें । ..... I Love you…
*ये "धन" है*
🙏🏼कोई सास अपनी बहु के लिए कहे कि ये मेरी बहु नहीं बेटी है और कोई बहु अपनी सास के लिए कहे कि ये मेरी सास नहीं मेरी माँ है……
*ये "धन" है*
🙏🏼जब कोई भाई अपनी बहन से कहे कि वह मुझे जान से भी बड कर है । …. होली दिवाली राखी पर सम्मान से बुलाये .......
*ये "धन" है*
🙏🏼जिस घर में बड़ो को मान और छोटो को प्यार भरी नज़रो से देखा जाता है……
*ये "धन" है*
🙏🏼जब कोई अतिथि कुछ दिन आपके घर रहने के पशचात् जाते समय दिल से कहे की आपका घर …घर नहीं मंदिर है….
*ये "धन" है*
दीपावली के इस शुभ अवसर पर आपको इस तरह के *"परम धन"* की प्राप्ति हो। यही सबसे बड़ी लक्ष्मी है ।
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