अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुये थे 50 से ज्यादा देश ...
अंग्रेजो के गुलाम तमाम (62) देशों के स्वतंत्रता की कहानी हम भारतीयों को कभी किताब में नहीं पढ़ाई गई ताकि हम इन गांधी और नेहरू की जोड़ी को महान समझते रहे
अफगानिस्तान भी अंग्रेजों का गुलाम था और उसका नाम नार्दन परसिया था
अफगानिस्तान के लोगों ने अपनी आजादी के लिए अंग्रेजों से तीन बार सेना बनाकर भीषण लड़ाई लड़ी ठीक उसी तरह से जिस तरह की आजादी नेताजी सुभाष चंद्र बोस लेना चाहते थे
तीसरा एंग्लो अफगान युद्ध के बाद जो 1919 में हुआ उसके बाद अंग्रेज समझ गए कि अफगानिस्तान को गुलाम बनाने में उनका बहुत नुकसान है क्योंकि हजारों सैनिक मारे गए कई अंग्रेज अधिकारी भी मारे गए थे फिर 1919 में ट्रीटी आफ रावलपिंडी या फिर एंगलो अफगान ट्रीटी आफ 1919 समझौता हुआ और इस समझौते में अंग्रेजों ने यह स्वीकार कर लिया कि वह ब्रिटिश इंडिया को खैबर पास से आगे नहीं बढ़ाएंगे और फिर एक लाइन खींची गई जिसे डूरंड लाइन कहते हैं और वह डूरंड लाइन ब्रिटिश इंडिया और अफगानिस्तान की सीमा रेखा होगी और इस तरह से अफगानिस्तान ने लड़कर अंग्रेजों से 1919 में ही आजादी ले लिया
क्योंकि वहां गांधी और नेहरू नहीं थे इसीलिए अफगानिस्तान का विभाजन नहीं हुआ जबकि अफगानिस्तान में लाखों कबीले थे सोचिए अगर अफगानी भी धरना प्रदर्शन असहयोग आंदोलन जेल भरो आंदोलन करते तो क्या वो 1919 में आजाद हो सकते थे ? और इतना ही नहीं अंग्रेजों ने अफगानिस्तान को दो टुकड़ों में बांटने की हिम्मत भी नहीं किया
एक और देश के आजादी की कहानी बड़ी रोचक है और वह है इजिप्ट यानी मिश्र जितने भी अंग्रेजों से 1922 में ही आजादी ले लिया.
लेकिन स्वेज कैनाल जिसे फ्रांस ब्रिटेन और कुछ यूरोपियन देशों ने मिलकर बनाया था उस पर 1956 तक अधिकार अंग्रेजों का ही रहा वहां पर ब्रिटिश सेना तैनात रहती थी जो इस बात का निर्णय करती थी कि कौन सा जहाज स्वेज कैनाल से होकर जाएगा और कौन सा जहाज नहीं जाएगा और स्वेज कैनाल से जो टोल वसूला जाता था वह ब्रिटिश सरकार ही टोल वसूलती थी. इजिप्ट ने कई बार स्वेज कैनाल पर अपना हक जताया लेकिन अंग्रेजों ने उन्हें नही दिया.फिर बाद में अंग्रेजों ने 1950 में इजिप्ट से एक समझौता किया कि 99 साल के पट्टे के बाद स्वेज कैनाल पर इजिप्ट का अधिकार हो जाएगा
फिर 1956 में सेना के कर्नल अब्दुल नासिर तख्ता पलटकर इजिप्ट के राष्ट्रपति बने और उन्होंने कहा कि हम 99 साल इंतजार नहीं कर सकते और उन्होंने स्वेज कैनाल का राष्ट्रीयकरण कर दिया और स्वेज कैनाल के पास जितनी भी अंग्रेजों की सेना थी उन पर हमला करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया और ब्रिटेन और फ्रांस इजिप्ट का कुछ नहीं बिगाड़ सकी और तब से आज तक स्वेज कैनाल इजिप्ट का है और इजिप्ट की रेवेन्यू में 30% हिस्सा स्वेज कैनाल से आता है
सोचिए अगर कर्नल नासिर अंग्रेजों की सेना के सामने धरना देते प्रदर्शन देते अनशन करते तो क्या स्वेज कैनाल पर इजिप्ट का कभी अधिकार हो सकता था ??
इराक भी अंग्रेजों का गुलाम था और इराक में भी भारत की तरह कई धर्मों के लोग रहते थे फिर भी इराक ने लड़कर 1932 में ही आजादी ले लिया हालांकि अंग्रेज चाहते थे कि इराक को दो भाग में तोड़कर एक कुर्दिस्तान बना दिया जाए लेकिन इराक में कोई नेहरू नहीं था इसीलिए इराक का विभाजन नहीं हुआ
अफसोस भारत के इतिहास के सबसे बड़े विलेन को हमें भारत के इतिहास का महान व्यक्ति और स्वतंत्र भारत का निर्माता बताया जाता है
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ब्रिट्रिस उपनिवेश देशों की सूची
राष्ट्रमंडल क्या है?
राष्ट्रमंडल देशों (पूर्व में ब्रिटिश राष्ट्रमंडल), के संगठन को केवल राष्ट्रमंडल के रूप में भी जाना जाता है. राष्ट्रमंडल 53 सदस्य देशों का एक अंतरसरकारी संगठन है. यह संगठन उन देशों का समूह है जो कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थे. हालाँकि रवांडा और मोज़ाम्बिक कभी भी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन नही रहे हैं फिर भी वे राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं, इसके उलट संयुक्त राज्य अमेरिका जो कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था परन्तु वह राष्ट्रमंडल का सदस्य नही है.
राष्ट्रमंडल की स्थापना कब हुई थी?
28 अप्रैल 1949 को आठ देशों ने मिलकर आधुनिक कॉमनवेल्थ की स्थापना की थी. ये देश थे; यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, श्रीलंका, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान.
राष्ट्रमंडल का क्या काम है?
राष्ट्रमंडल का मुख्य लक्ष्य सभी राष्ट्रमंडल नागरिकों के हितों की रक्षा करना, उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के प्रयास करना और उनके मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाना.
यहाँ पर रोचक बात बताना जरूरी है कि जिन देशों में भारत के दूतावास नही हैं और वहां किसी भारतीय नागरिक को किसी प्रकार की मदद की जरूरत है तो वह (भारत के राष्ट्रमंडल का सदस्य होने के कारण) उस देश में मौजूद ब्रिटेन के दूतावास से मदद मांगने के लिए अधिकृत है.
राष्ट्रमंडल की कुल जनसंख्या लगभग 2.4 बिलियन है, जिसमें विकसित और विकासशील दोनों प्रकार के देश शामिल हैं. राष्ट्रमंडल के तीस सदस्य छोटे देश हैं, जिनमें से कई द्वीप राष्ट्र हैं.
सभी राष्ट्रमंडल सदस्य देशों की सूची इस प्रकार है;
एशियाई देश देश का नाम
1. भारत
2. बांग्लादेश
3. ब्रुनेई दारुस्सलाम
4. मलेशिया
5. पाकिस्तान
6. सिंगापुर
7. श्रीलंका
अफ्रीकी देश
1. बोत्सवाना
2. कैमरून
3. गाम्बिया
4. घाना
5. केन्या
6. लेसोथो
7. मलावी
8. मॉरीशस
9. मोजाम्बिक
10. नामीबिया
11. नाइजीरिया
12. रवांडा
13. सेशेल्स
14. सियरा लिओन
15. दक्षिण अफ्रीका
16. स्वाजीलैंड
17. युगांडा
18. संयुक्त गणराज्य तंजानिया
19. जाम्बिया
अमेरिकी देश
1. अंतिगुया और बार्बूडा
2. बहामास
3. बारबाडोस
4. बेलीज
5. कनाडा
6. डोमिनिका
7. ग्रेनेडा
8. गुयाना
9. जमैका
10. सेंट किट्ट्स & नेविस
11. सेंट लूसिया
12. संत विंसेंट & डी ग्रेनडीनेस
13. त्रिनिदाद और टोबैगो
यूरोपीय देश
1. साइप्रस
2. माल्टा
3. यूनाइटेड किंगडम
पैसिफिक देश
1. ऑस्ट्रेलिया
2. फ़िजी आइलैंड्स
3. किरिबाती
4. नाउरू
5. न्यूजीलैंड
6. पापुआ न्यू गिनी
7. समोआ
8. सोलोमन आइलैंड्स
9. टोंगा
10. तुवालु
11. वानुअतु
कुल देश - 53
ऊपर दी गयी सारिणी में सबसे अधिक 19 देश अफ्रीका महाद्वीप से हैं इसके बाद 13 देश उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप से हैं,11 देश प्रशांत क्षेत्र से, 7 देश एशिया महाद्वीप से और सबसे कम केवल 3 देश यूरोप महाद्वीप से हैं.
राष्ट्रमंडल क्या है?
राष्ट्रमंडल देशों (पूर्व में ब्रिटिश राष्ट्रमंडल), के संगठन को केवल राष्ट्रमंडल के रूप में भी जाना जाता है. राष्ट्रमंडल 53 सदस्य देशों का एक अंतरसरकारी संगठन है. यह संगठन उन देशों का समूह है जो कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थे. हालाँकि रवांडा और मोज़ाम्बिक कभी भी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन नही रहे हैं फिर भी वे राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं, इसके उलट संयुक्त राज्य अमेरिका जो कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था परन्तु वह राष्ट्रमंडल का सदस्य नही है.
राष्ट्रमंडल की स्थापना कब हुई थी?
28 अप्रैल 1949 को आठ देशों ने मिलकर आधुनिक कॉमनवेल्थ की स्थापना की थी. ये देश थे; यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, श्रीलंका, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान.
राष्ट्रमंडल का क्या काम है?
राष्ट्रमंडल का मुख्य लक्ष्य सभी राष्ट्रमंडल नागरिकों के हितों की रक्षा करना, उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के प्रयास करना और उनके मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाना.
यहाँ पर रोचक बात बताना जरूरी है कि जिन देशों में भारत के दूतावास नही हैं और वहां किसी भारतीय नागरिक को किसी प्रकार की मदद की जरूरत है तो वह (भारत के राष्ट्रमंडल का सदस्य होने के कारण) उस देश में मौजूद ब्रिटेन के दूतावास से मदद मांगने के लिए अधिकृत है.
राष्ट्रमंडल की कुल जनसंख्या लगभग 2.4 बिलियन है, जिसमें विकसित और विकासशील दोनों प्रकार के देश शामिल हैं. राष्ट्रमंडल के तीस सदस्य छोटे देश हैं, जिनमें से कई द्वीप राष्ट्र हैं.
सभी राष्ट्रमंडल सदस्य देशों की सूची इस प्रकार है;
एशियाई देश देश का नाम
1. भारत
2. बांग्लादेश
3. ब्रुनेई दारुस्सलाम
4. मलेशिया
5. पाकिस्तान
6. सिंगापुर
7. श्रीलंका
अफ्रीकी देश
1. बोत्सवाना
2. कैमरून
3. गाम्बिया
4. घाना
5. केन्या
6. लेसोथो
7. मलावी
8. मॉरीशस
9. मोजाम्बिक
10. नामीबिया
11. नाइजीरिया
12. रवांडा
13. सेशेल्स
14. सियरा लिओन
15. दक्षिण अफ्रीका
16. स्वाजीलैंड
17. युगांडा
18. संयुक्त गणराज्य तंजानिया
19. जाम्बिया
अमेरिकी देश
1. अंतिगुया और बार्बूडा
2. बहामास
3. बारबाडोस
4. बेलीज
5. कनाडा
6. डोमिनिका
7. ग्रेनेडा
8. गुयाना
9. जमैका
10. सेंट किट्ट्स & नेविस
11. सेंट लूसिया
12. संत विंसेंट & डी ग्रेनडीनेस
13. त्रिनिदाद और टोबैगो
यूरोपीय देश
1. साइप्रस
2. माल्टा
3. यूनाइटेड किंगडम
पैसिफिक देश
1. ऑस्ट्रेलिया
2. फ़िजी आइलैंड्स
3. किरिबाती
4. नाउरू
5. न्यूजीलैंड
6. पापुआ न्यू गिनी
7. समोआ
8. सोलोमन आइलैंड्स
9. टोंगा
10. तुवालु
11. वानुअतु
कुल देश - 53
ऊपर दी गयी सारिणी में सबसे अधिक 19 देश अफ्रीका महाद्वीप से हैं इसके बाद 13 देश उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप से हैं,11 देश प्रशांत क्षेत्र से, 7 देश एशिया महाद्वीप से और सबसे कम केवल 3 देश यूरोप महाद्वीप से हैं.
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