क्या यह कांग्रेस का हिन्दुत्व विरोधी टूलकिट toolkit : अरविन्द सिसौदिया


 

 क्या यह कांग्रेस का हिन्दुत्व विरोधी टूलकिट toolkit : अरविन्द सिसौदिया


अब यह बहुत स्पष्ट तरीके से सामने आने लगा है कि कांग्रेस का गैर हिन्दू नेतृत्व मात्र वोट ठगने के लिये हिन्दुओं जैसे आचरण का ढोंग करता है। जैसे जनेऊ पहनना, मंदिरों में जाना, गौत्र बताना ! जबकि इनकी मूल मानसिकता हिन्दुत्व विरोधी है। ये उसे समाप्त कर देना चाहते है। क्योंकि ये बार बार हिन्दू हित संरक्षण को प्रतिबद्ध संगठनों को , लोगों को निशाना बना रहे है। ये हिन्दुत्व की वर्तमान प्रतिरक्षा पंक्ति को ध्वस्त कर रहे है, उस पर परोक्ष आक्रमण कर रहे है। यह कार्य आज से नहीं बल्कि लगभग सौ वर्षो से कांग्रेस के बैनर वाले नेतागण कर रहे है। कभी कोई तो कभी कोई हिन्दूओं से धोका करता रहा है। अन्ततः सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के द्वारा कई तरह से यह सामनें आ गया है कि वे हिन्दुत्व विरोधी है।  

एक तय समय के अनुसार श्रीराम जन्म भूमि के फैसले की तिथि पर कांग्रेस के पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे सलमान खुर्शीद की पुस्तक का आना, उनके द्वारा हिन्दुत्व की तुलना आतंकी संगठन बोका हरम और आईएसआईएस से करना । उसको बैकअप देनें स्वयं राहुल गांधी का आना भाजपा और संघ पर निशाना साधते और हिन्दू और हिन्दुत्व को अलग अलग बताते हुये, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि क्या हिंन्दु धर्म किसी सिख या ​मुस्लिम को पीटने का नाम है? उन्होंने कहा कि आज हम माने या न माने आरएसएस और बीजेपी की नफरत भरी विचारधारा ने कांग्रेस पार्टी की प्रेममयी, स्नेही और राष्ट्रवादी विचारधारा पर भारी पड़ गया है, हमें इसे स्वीकार करना ही होगा. हमारी विचारधारा जिंदा है, जीवंत है लेकिन उस पर भारी पड़ गया है ।

 फिर रासिद अल्वी का आना और राम भक्तों की तुलना राक्षसों से करना है। 

मणीशंकर अयैयर को तो आना ही था वे पाक्रिसतान परसती के मसहूर किरदार है। उन्होने कहा मुगलों ने कभी कोई अत्याचार ही नहीं किये। 

   सब कुछ एक तय सुदा नीति, की इस देश में आक्रमणकारी इस्लामी तो अच्छे थे, उनके सारे काम भी अच्छे थे, ये तो हिन्दू ही गलत है, एक जुट क्यों हो रहे है। इनमें फूट डालना जरूरी है। 

 कांग्रेस के दिग्विजय सिंह कह रहे है कि में सबसे अच्छा हिन्दू हूं। लोगों की हंसी नहीं रूक रही है। कांग्रेस जब सिख हित चिन्तक दिखनें की कोशिश करती है तो 1984 का सिख नर संहार आकर खडा हो जाता, बच भी नहीं सकते। 

 क्या हास्य कलाकारों की तरह कांगेस ने हिन्दू मुस्लिम लडाओं के लिये नौटंकी खडी की हुई है। देश का मुस्लमान भी खौफजदा है कि कांग्रेस क्यों शांती भंग करने पर तुली हुई है।


 जिन्होने हिन्दूत्व को जिया ही नहीं , उसके नीति सिद्धांत और जीवन पद्यती अनुभव ही नहीं है। उन्हे फिर हिन्दुत्व पर इन्हे बोलने या चरित्रप्रमाण. बांटनें का अधिकार किसने दे दिया। ये कब से हिन्दू और हिन्दुत्व को समक्षनें लगे। है एक भी हिन्दू धर्म ग्रंथ पर संवाद करनें की ।

हिन्दू तीन हजार वर्षों से संघर्ष कर रहा है। विदेशी संस्कृति के लोग इसे निगल जाना चाहते है। बहुत बडा हिस्सा और बहुत बडी जनसंख्या निंगल भी चुके है। अफगानिस्तान से लेकर इन्डोनेशिया -बाली तक हिन्दू ही थे जिन्हे इस्लाम के जबरिया धर्मानतरण ने निंगला है। पाकिस्तान और बांगला देश के अधिकांश मुस्लमानों के पूर्वज हिन्दू ही है। हजारों वर्षों से आक्रमण छेल रहे हिन्दूओं को अपनी प्रतिरक्षा का अधिकार भी है और उस पर आक्रमण करने वालों को परास्त करने का कर्त्तव्य भी है। वह करना भी चाहिये । दुनिया की तमाम सभ्यतायें संस्कृतियां एवं देश अपनी प्रतिरक्षा का अधिकार रखते एवं कर्त्तव्य स्वरूप सुरक्षा करते है। यह अधिकार एवं कर्त्तव्य हिन्दुत्व को भी है। और यदि कोई उसे खत्म करना चाहता है तो वो हिन्दुत्व का  विरोधी है। सच यह है कि हिन्दू और हिन्दुत्व एक ही है। जो हिन्दू है ही नहीं वे हिन्दूओं में फूट डालने और भ्रमित कर झूठ फैलानें के लिये इस तरह की बेसिरपैर की बातें कर रह है।

यूं तो कांग्रेस के खिलाफ हिन्दू विरोधी होनें के अनेको उदाहरण भरे पडे है। 101 हिन्दू विरोधी कारनामें करके किताब भी लिखी जा सकती है। देश को समझना होगा कि : - 


1- सलमान खुर्शीद की किताब को जारी करने के लिये हिन्दूओं के खिलाफ टिप्पणीयां करने के लिये मशहूर कांग्रेस महासचिव रहे दिग्विजय सिंह और केन्द्रीय मंत्री रहे चिदम्बरम मौजूद थे। इससे ही तय है कि यह पूर्व नियोजित था। दिशा भी क्या देनीं थी।
2- सलमान की किताब में यह विवादित अंश हैं, मीडिया को तुरन्त किसने बताया ? ताकि विवादस्पद तथ्य तुरंत सामनें आयें और उसके तत्काल बाद दूसरे ही दिन राहुल गांधी जी का समर्थन करता हुआ उदबोधन आ गया । इतना ही नहीं कांग्रेस के ही एक वरिष्ठनेता राशिद अल्वी ने रामभक्तों की तुलना राक्षस से करदी। क्या ये सब तयसुदा टूलकिट की तरह नहीं है ?
3 - याद रहे कि यह वही कांग्रेस है जिसकी राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में हिन्दू विरोधी कानून “साम्प्रदायिक हिंसा” आया था।
(सांप्रदायिक और लक्ष्यित हिंसा निवारण विधेयक भारत का 2011 में कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया एक विधेयक था जो की पूरी होने की प्रक्रिया में थी। इस अधिनियम का प्रारूप संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् के द्वारा तैयार किया गया)
4- याद रहे कि यह वही कांग्रेस है जिसके महासचिव राहुल गांधी के बारे में केबल लीक से खुलाशा हुआ था कि उन्होने अमरीकी राजनीयिक को हिन्दू आतंकवाद को खतरनाक बताया था।
(‘‘मुंबई आतंकवादी हमले (26/11) के दो वर्ष बाद 2010 में अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भारत के दौरे पर थीं। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए आयोजित दोपहर के भोज में अमेरिका के राजदूत टिमोथी रोमर, राहुल गांधी के पास बैठे थे और उन्होंने कांग्रेस नेता से पूछा कि वह लश्कर ए तैयबा के बारे में क्या सोचते हैं।’’
 ‘‘राहुल ने रोमर से कहा कि एलईटी को भूल जाइए, इस देश का हिंदू आतंकवाद ज्यादा बड़ा खतरा है। अमेरिकी राजदूत रोमर ने इस बातचीत को केबल के रूप में अपने देश भेज दिया। बाद में यह केबल लीक हो गया और लंदन के अखबार द गार्जियन ने इसे प्रकाशित किया।’’ कथित संवाद का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा कि अमेरिका के राजदूत ने लिखा कि कांग्रेस महासचिव (राहुल गांधी) भाजपा में ज्यादा ध्रुवीकरण करने वाले कुछ नेताओं द्वारा तनाव पैदा करने का जिक्र कर रहे थे। इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल थे।)
5- यह वही कांग्रेस है जिसकी प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के शासन में 7 नवंबर 1966 गौ भक्त हिन्दुओं पर गोलीबारी हुई थी।
6- यह वही कांग्रेस है जिसकी यूथ इकाई ने केरल में गाय के बछडे का वध कर पका कर सडक पर खाया और खिलाया था।
7- यह वही कांग्रेस है जिसके प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संसद में गौ वध रोकने से साफ इंकार कर दिया था।

8- याद रहे प्रधानमंत्री राजीव गांधी का कार्यकाल जब सिख बंधुओं के गले में टायर डाल डाल कर जलाया गया था। हिन्दू सिखों का नर संहार हुआ था। 

9- याद रहे यह वही कांग्रेस है जिसके प्रधानमंत्री घोषणा करते थे कि भारत के खजानें पर पहला अधिकार विशेषकर मुसलमानों का है।
( समाज के सभी पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों विशेषकर मुसलमानों को विकास के लाभ में बराबर की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए उनका सशक्तिकरण किए जाने की ज़रूरत है. देश के संसाधनों पर पहला हक़ उन्हीं का है - प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह) 

10- याद रहे गुजरात में दंगे भडकानें हेतु, गोधराकाण्ड जिसमें रामभक्तों की रेल बोगी को पैट्रौल डाल कर जलाया गया था के मुख्य कर्ताधर्ता कांग्रेस के ही पदाधिकारी थ

11- 2018 _राहुल गांधी ने लंदन में आयोजित इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में सिख दंगों को एक 'बहुत दर्दनाक त्रासदी' बताया था और कहा था कि किसी भी शख़्स के साथ हिंसा करने वाले दोषी को सज़ा दिलाने पर 100 फ़ीसदी सहमत हैं. हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि वो इस बात से असहमत हैं कि इन दंगों में कांग्रेस की कोई भूमिका थी.


निरप्रीत राहुल गांधी के इस बयान से बेहद ख़फ़ा हैं.
"सब कुछ याद है. मेरे फ़ादर को जलाया गया था, किन-किन ने जलाया... ये सब मुझे याद है. कैसे हमारे घर पर अटैक किया, गुरुद्वारा साहब पर अटैक किया... ये सब मुझे मालूम है."
1984 के सिख विरोधी दंगों में अपने पिता को खोने वाली 50 साल की निरप्रीत कौर अतीत को याद करते-करते ठहर-सी जाती हैं.
थोड़ी देर रुकने के बाद वो फिर अपनी बात शुरू करती हैं, "84 के क़त्लेआम में मेरे फ़ादर की डेथ हुई थी. हमारा घर-बार और बिज़नस जला दिया था. ये बात तो 'वो' बिल्कुल ग़लत बोल रहे हैं वो. कांग्रेस पार्टी ने ही कराया. हम कैसे मान जाएं कि कांग्रेस पार्टी के लोग नहीं थे?"
 

 

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