कथित किसान आन्दोलन के द्वारा आराजकता उत्पन्न करने में कांग्रेस की भूमिका
कथित किसान आन्दोलन के द्वारा आराजकता उत्पन्न करने में कांग्रेस की भूमिका
कथित किसान आन्दोलन में लखीमपुर में कांग्रेस शसित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कुछ मृतकों को लाखों रूपये सरकारी कोष से जो कि जनता का पैसा है को देनें की घोषणा की । इसी तरह से पंजाब में गणतंत्र दिवस लालकिले पर हिंसक आक्रमण करने वाले चिन्हित गिरफतार हमलावरों को 2-2 लाख रूपये पंजाब सरकार के सरकारी कोष से दिया दिया जा रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राष्ट्रध्वज का अपमान करने वालों को सम्मान करनें का विरोध किया है।
अभाविप की महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि “यह दुर्भाग्य है कि एक प्रदेश का मुख्यमंत्री जनता के पैसों से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वालों को सम्मानित कर रहा है. मुख्यमंत्री चन्नी अपने राजनैतिक लाभ के लिए देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं. देश का युवा देश के राष्ट्रीय चिह्नों से खिलवाड़ करने वालों का सम्मान कभी स्वीकार नहीं करेगा.
कांग्रेस के नेतृत्व में संसद के दौनों सदनों को नहीं चलने देनें और विभिन्न मंचों पर झूठा प्रचार करने का टूलकिट हम आये दिन देख ही रहे है। कांग्रेस सत्ता विहीन होते ही किस तरह पगलागई है कि वह न तो सरकार को काम करने दे रही है। न जनता को शांती से रहने दे रही है। वह देश में आराजकता फैलानें पर आमादा है। उसका आपराधिक चेहरा नित्य नये रूप में रोज रोज उजागर हो रहा है।
गैर हिन्दू नेतृत्व में चल रही कांग्रेस हिन्दूओं में आ रही एकता से बौखई हुई है एवं फूट डालो राज करो की पुरानी नीति पर पुनः सक्रीय हो गई है। उसका विभाजनकारी आक्रमण प्रारम्भ हो गया है। साम्प्रदायिक बयान वाजी और बिना हाथ पैर के झूठ फैलाने में जुट गई है। इसीक्रम में पहले सलमान खुर्शीद, फिर राहुल गांधी, राशि अल्वी और पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी के बयानात है।
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