पंजाब में डीजल-पैट्रोल diesel-petrol से वैट घटाया, राजस्थान सहित अन्य विपक्षी प्रदेश भी घटायें - अरविन्द सिसौदिया
पंजाब में डीजल-पैट्रोल diesel-petrol से वैट घटाया,
राजस्थान सहित अन्य विपक्षी प्रदेश भी घटायें - अरविन्द सिसौदिया
पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने कुछ ही महीनें बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुये बडा फैसला लिया है कि पेट्रोल-डीजल के वैट कम किये है। इससे पहले उन्होने बिजली की दरों को भी घटाया था। हलांकि यह उन्होने अगले विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर किया है।जब कांग्रेस शासित पंजाब में यह होता है तो, कांग्रेस शासित राजस्थान सहित एवं विपक्ष शासित राज्यों पर भी यह जन अधिकार बनता है कि वे बिजली की सबसे मंहगी दरों में छूट दें और पेट्रोल-डीजल के वैट को कम करें। राज्य सरकारों को जनहित को सर्वोपरी रखना चाहिये। वर्तमान में देखा जा रहा है कि कांग्रेस और विपक्ष शासित राज्य जनहित के मुद्दों को राजनीति की तराजू पर तौल कर, जनता को कष्ट दे रहे है। जो कि अनैतिक ही नहीं आपराधिक भी है।
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पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि पंजाब में 20 साल में पहली बार पेट्रोल-डीजल के वैट में ऐतिहासिक कटौती हुई है। पंजाब में आज (7 नवम्बर 2021 रविवार) आधी रात से पेट्रोल 10 रुपये और डीजल 5 रुपये प्रति लीटर सस्ता मिलेगा। बता दें कि केंद्र के फैसले के बाद पंजाब पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश और हरियाणा ने वैट घटा दिया था।
भाजपा और राजग शासित राज्यों में वैट घटा, कांग्रेस समेत विपक्ष शासित राज्यों में चुप्पी
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर मोदी सरकार के खिलाफ लगातार हमला बोलने वाली कांग्रेस अब खुद जनता के निशाने पर आ गई है। केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद भाजपा और राजग शासित राज्यों में वैट (मूल्य वर्धित कर) में कमी की तर्ज पर कांग्रेस शासित राज्यों में भी कटौती के लिए भाजपा ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से हस्तक्षेप की मांग की है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राहुल गांधी के ’पाकेटमार सरकार’ के ट्वीट पर तंज कसते हुए कहा कि असल में खुद कांग्रेस पाकेटमार की पर्याय बन गई है।
केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल से टैक्स घटाने के बाद राज्यों से वैट में कटौती करने की अपील की थी, ताकि पेट्रोल-डीजल के दाम कुछ और नीचे आ सकें। इसके बाद भाजपा शासित 16 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेश ने वैट में कटौती की। तो वहीं कांग्रेस समेत विपक्ष की सरकार वाले कई राज्यों ने वैट घटाने से इनकार कर दिया है। वैट न घटाने वाले 12 राज्यों और एक ने इसके पीछे बजट खराब होने का हवाला दिया है।
सरकारी तेल कंपनियों ने जानकारी दी है कि शुक्रवार शाम तक 13 राज्यों और एक केन्द्र शासित क्षेत्र ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में कोई बदलाव नहीं किया था। इनमें महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, अंडमान-निकोबार और झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब और राजस्थान शामिल थे।
हालांकि, शुक्रवार रात को ओडिशा ने पेट्रोल-डीजल पर वैट 3 रुपये प्रति लीटर कम कर दिया।
केंद्र और राज्य के टैक्स घटाने के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम 10 से 12 रुपए कम हो गए हैं।
भाजपा का निशाना- वैट क्यों नहीं घटाते राज्य
पेट्रोल-डीजल पर वैट कम न करने पर भाजपा ने विपक्ष पर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने टैक्स नहीं घटाने को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। भाटिया ने कहा, ’उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने पेट्रोल-डीजल पर 12 रुपए तक की कटौती की है। यह कटौती केंद्र की कटौती से अलग है।’ भाटिया ने कहा, उत्तर प्रदेश की तरह गुजरात और असम ने भी 7 रुपए तक कीमतें घटाई हैं। अब पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली और राजस्थान में लोग जानना चाहते हैं कि वहां की राज्य सरकारों ने इस तरह के कदम क्यों नहीं उठाए।’
गहलोत बोले- हम पहले ही टैक्स कम कर चुके
गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार के एक्साइज ड्यूटी घटाने से पहले ही राज्य का वैट घट चुका है। केंद्र सरकार और ज्यादा एक्साइज ड्यूटी घटाएगी, तो राज्यों का वैट भी अपने आप घट जाएगा। गहलोत ने भाजपा के उस आरोप पर जवाब नहीं दिया, जिसमें कहा गया था कि राजस्थान में पेट्रोलियम पर सबसे ज्यादा वैट की वसूली हो रही है।
देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमत 118 रुपए प्रति लीटर को पार कर गई थी।
केंद्र ने दिवाली से एक दिन पहले घटाया था टैक्स
दिवाली से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में बड़ी कटौती की। केंद्र ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल में 10 रुपये प्रति लीटर की कमी का ऐलान किया। इसके बाद राज्यों से भी वैट घटाने की अपील की, ताकि पेट्रोल-डीजल के दाम और नीचे आ सकें। केंद्र की अपील के बाद भाजपा शासन वाले राज्यों ने वैट में कमी करने का ऐलान किया था।
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