नव जिन्नाओं Nav Jinnah को देश समय से पहले पहचानें - अरविन्द सिसौदिया

 


  नव जिन्नाओं को देश समय से पहले पहचानें - अरविन्द सिसौदिया

हाल ही में समाजवादी पार्टी के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नें उत्तरप्रदेश चुनाव में पाकिस्तान के संस्थापक, भारत देश के विभाजक मोहम्मद अली जिन्ना का प्रवेश करवा दिया है। जिन्ना का महिमा मण्डन किया गुणगान किया है। हलांकी यह यादव ने मुस्लिम वोट हडपने के लिये ठगने के लिये किया है। किन्तु उनके विचारों ने मन में झुपे जिन्ना को उजागर कर दिया है। इससे पहले भी उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुये हिन्दू कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं थीं ।

याद रहे कि देश में मुस्लिम वोटों की ठगी के लिये अनेकों राजनैतिक दलों एवं नेताओं के दिलों में नव जिन्ना पनपा हुआ है। उसे समय से पहले पहचानने की जरूरत इसलिये है कि वह जिन्ना की तरह देश को बडी क्षती न पहुंचा पाये। देश में नई साम्प्रदायिकता का प्रोत्साहन हम अनेकों नव जिन्नाओं के द्वारा की जाती हुई देख रहे है। इससे मात्र सावधान ही नहीं रहना है बल्कि इन्हे पूरी ताकत से रोक कर विफल करना है। अन्यथा ये देश का बडा नुकसान कर देंगे।

याद रहे जिन्ना भी पहले कांग्रेस में ही थे, उन्होने खिलाफत आन्दोलन का विरोध भी किया था। किन्तु अपनी ताकत बढ़ने के बाद वे धर्म निरेपक्षता से कट्टर मुस्लिम हो गये और मुस्लिम लीग के नेता बन कर देश के विभाजनकर्ता बन गये । यही जिन्ना मनोवृति है। इसे वर्तमान में भी पहचानना होगा ।

मोहम्मद अली जिन्ना बीसवीं सदी के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ थे। जिन्हें पाकिस्तान के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। वे पहले कांग्रेस के और बाद में मुस्लिम लीग के नेता रहे। आगे चलकर पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने। पाकिस्तान में, उन्हें आधिकारिक रूप से क़ायदे-आज़म यानी महान नेता और बाबा-ए-क़ौम यानी राष्ट्र पिता के नाम से नवाजा जाता है।


 

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