त्रिपुरा निकाय चुनाव में कांग्रेस 0 और TMC -1

- 28 November, 2021

त्रिपुरा में नगर निकाय चुनाव में 334 में से 329 सीटों पर भाजपा की विजय का परचम  लहराया है ।

 त्रिपुरा निकाय चुनावों में भाजपा ने  लगभग क्लीन स्वीप कर दिया है ।

यहां कांग्रेस, TMC और वामपंथी दलों को जनता ने पूरी तरह नकार दिया है ।

टीएमसी को लाभ यह है कि वहां उन्हें 20 प्रतिशत के लगभग वोट मिला है । सबसे बुरी स्थिति में कांग्रेस है । साम्यवादियों ने कई दशक त्रिपुरा पर राज्य किया है किंतु उसे मात्र 4 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है । बंगाल में साम्यवादियों और कांग्रेस का वोटर भाजपा  में शिफ्ट हुआ है उसी तरह सिक्किम में साम्यवादी ओर कांग्रेसी वोटर BJP और TMC में शिफ्ट हो गया है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की बंफर जीत के बाद बधाई देते हुए कहा यह सुशासन की जीत है ।

हालांकि ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में बह गई थी, कोर्ट के दिशा निर्देशों में ही चुनाव हुये । इसलिये भाजपा की जीत के मायनें बढ़ गये हैं ।

वहां 81 प्रतिशत मतदान हुआ और भाजपा का परचम एक तरफा रहा, टी एम सी को मात्र 1 सीट मिली है । लेफ्ट को 3 सीटें मिलीं और कांग्रेस को 0 सीट मिली है ।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इसे राष्ट्रवाद की विजय बताया ।

 त्रिपुरा निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 334 में से 329 सीटों पर जीत दर्ज की है। 

मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने इसके लिए राज्य की जनता का आभार जताया है। 

 उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हम राज्य के 37 लाख लोगों के भले के लिए कार्य कर रहे हैं।

त्रिपुरा में हुए निकाय चुनावों में भाजपा ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है। वहां  शहरी निकायों में चुनाव हुए हैं, उनमें 'अगरतल्ला म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC)' सहित उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा में कुल 20 शहरी निकाय हैं। 

कुल मिला कर इस चुनाव परिणाम में भाजपा की बल्ले-बल्ले है।

त्रिपुरा में अभी कुल 334 सीटों में से 112 सीटें निर्विरोध जीत हो गई थी। वहीं 222 सीटों पर चुनाव हुआ था। उसमें सिर्फ 5 सीटें ही अन्य जीत सकें।

 यहाँ कुल 334 सीटें हैं, लेकिन भाजपा उम्मीदवार पहले ही 112 सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके हैं ।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

जन गण मन : राजस्थान का जिक्र तक नहीं

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

इंडी गठबन्धन तीन टुकड़ों में बंटेगा - अरविन्द सिसोदिया

स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रवाद Swami Vivekananda and Nationalism