प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जगद्गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे
* केदारनाथ में शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे PM मोदी,
*100 मंदिरों में BJP नेता करेंगे दर्शन: ₹310 करोड़ की परियोजनाएँ
*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जगद्गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। ठीक उसी समय भाजपा नेता देश भर के 100 मंदिरों और पवित्र स्थानों पर दर्शन करेंगे। बड़ी संख्या में साधु-संतों को आमंत्रित किया जा रहा है।
देश भर के 12 ज्योतिर्लिंगों और 87 महत्वपूर्ण मंदिरों से साधु-संतों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।
केदारनाथ में कई परियोजनाओं का अनावरण होना है। आदिगुरु शंकराचार्य का समाधि स्थल 2013 में आई आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था, जहाँ अब जीर्णोद्धार के बाद प्रतिमा का निर्माण हुआ है।*
*✳️ प्रधानमंत्री सरस्वती आस्थापथ से जुड़े कार्यों की समीक्षा करेंगे इसके अलावा मन्दाकिनी आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित गृह और गरुड़ चट्टी पुल जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन भी होने वाला है। 130 करोड़ रुपए की इन परियोजनाओं का अनावरण होगा और 180 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखी जाएगी।*
*✳️ जिन नए परियोजनाओं का शिलान्यास होगा, उनमें संगम घाटों का पुर्नविकास, प्राथमिक उपचार और पर्यटक सुविधा केंद्र, एडमिन ऑफिस और अस्पताल, 2 अतिथि गृह, पुलिस स्टेशन, कमांड और कंट्रोल सेंटर, मंदाकिनी आस्थापथ पंक्ति प्रबंधन, रेनशेल्टर और सरस्वती सिविक सुविधा केंद्र की इमारत शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई केदारपुरी बनाने का संकल्प लिया था। जगद्गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा केदारनाथ धाम पहुँच भी चुकी है।*
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नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिवाली के मौके पर जम्मू कश्मीर के नौशेरा में जवानों के साथ दिवाली मना रहे हैं। कल पीएम मोदी केदारनाथ धाम में होंगे जहां एक बार फिर उनकी केदार भक्ति दिखेगी। 6 नवंबर को केदारनाथ के कपाट बंद होने से पहले पीएम मोदी कल सुबह साढ़े सात बजे केदारनाथ में पूजा करेंगे इसके बाद वो श्री आदि शंकराचार्य समाधि का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। बता दें कि 2013 की बाढ़ से हुई तबाही के बाद आदि शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने समाधि स्थल का पुनर्निर्माण करने का संकल्प लिया जो अब पूरा हो रहा है। कल मोदी आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसे चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए केदरनाथ तक पहुंचाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ में शंकराचार्य की जिस मूर्ति का अनावरण करेंगे उसके कुछ तथ्य-
1- मूर्ति के लिए अलग अलग मूर्तिकारों ने कुल 18 मॉडल दिए थे जिसमें से उस मॉडल का चयन हुआ जो वर्तमान मूर्ति बनी है। पीएमओ ने मॉडल का चयन किया था।
2-कर्नाटक के मैसूर के मूर्तिकार अरूण योगीराज ने इस मूर्ति को बनाया है।
3-9 लोगों की टीम ने इस मूर्ति पर काम किया। सितंबर 2020 में मूर्ति बनाने का काम शुरू हुआ था और तकरीबन एक साल लगा।
4-सितंबर 2021 में मूर्ति को मैसूर से चिनूक हेलीकॉप्टर के द्वारा उत्तराखंड ले जाया गया।
5-कृष्ण शिला (ब्लैक स्टोन) से मूर्ति का निर्माण किया गया। मूर्ति के लिए लगभग 130 टन की एक ही शिला ली गई थी जिसे काट छांटकर मूर्ति बनाया गया।
6-मूर्ति का वजन लगभग 35 टन है और ऊंचाई लगभग 12 फीट है।
7-मूर्ति पर नारियल पानी का खूब इस्तेमाल किया गया जिससे चमक आए।
8-ब्लैक स्टोन पर आग, पानी, बारिश और हवा के थपेड़ों का असर नहीं।
9-मूर्तिकार अरूण योगीराज की पांच पीढ़ियां इस कार्य में जुटी हैं। अरूण ने खुद एमबीए किया हुआ हैं लेकिन मूर्ति बनाते हैं।
10-अपने कार्यकाल में पांचवीं बार केदारनाथ पहुंचे रहे हैं PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में पांचवीं बार बाबा केदार के दर्शन के लिए केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। वो अपने पहले कार्यकाल में 4 बार बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार 3 मई 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे, उसी साल पीएम मोदी 20 अक्टूबर को फिर से केदारनाथ धाम पहुंचे थे और उन्होंने केदारनाथ के पुनर्निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये की 5 बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। पीएम 7 नवंबर 2018 को तीसरी बार केदारनाथ पहुंचे थे और पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था। इसके बाद वो चौथी बार 18 मई 2019 को केदारनाथ धाम गए थे। इस दौरान उन्होंने ध्यान गुफा में क़रीब 17 घंटे तक साधना भी की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिवाली के मौके पर जम्मू कश्मीर के नौशेरा में जवानों के साथ दिवाली मना रहे हैं। कल पीएम मोदी केदारनाथ धाम में होंगे जहां एक बार फिर उनकी केदार भक्ति दिखेगी। 6 नवंबर को केदारनाथ के कपाट बंद होने से पहले पीएम मोदी कल सुबह साढ़े सात बजे केदारनाथ में पूजा करेंगे इसके बाद वो श्री आदि शंकराचार्य समाधि का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। बता दें कि 2013 की बाढ़ से हुई तबाही के बाद आदि शंकराचार्य की समाधि का पुनर्निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने समाधि स्थल का पुनर्निर्माण करने का संकल्प लिया जो अब पूरा हो रहा है। कल मोदी आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसे चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए केदरनाथ तक पहुंचाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ में शंकराचार्य की जिस मूर्ति का अनावरण करेंगे उसके कुछ तथ्य-
1- मूर्ति के लिए अलग अलग मूर्तिकारों ने कुल 18 मॉडल दिए थे जिसमें से उस मॉडल का चयन हुआ जो वर्तमान मूर्ति बनी है। पीएमओ ने मॉडल का चयन किया था।
2-कर्नाटक के मैसूर के मूर्तिकार अरूण योगीराज ने इस मूर्ति को बनाया है।
3-9 लोगों की टीम ने इस मूर्ति पर काम किया। सितंबर 2020 में मूर्ति बनाने का काम शुरू हुआ था और तकरीबन एक साल लगा।
4-सितंबर 2021 में मूर्ति को मैसूर से चिनूक हेलीकॉप्टर के द्वारा उत्तराखंड ले जाया गया।
5-कृष्ण शिला (ब्लैक स्टोन) से मूर्ति का निर्माण किया गया। मूर्ति के लिए लगभग 130 टन की एक ही शिला ली गई थी जिसे काट छांटकर मूर्ति बनाया गया।
6-मूर्ति का वजन लगभग 35 टन है और ऊंचाई लगभग 12 फीट है।
7-मूर्ति पर नारियल पानी का खूब इस्तेमाल किया गया जिससे चमक आए।
8-ब्लैक स्टोन पर आग, पानी, बारिश और हवा के थपेड़ों का असर नहीं।
9-मूर्तिकार अरूण योगीराज की पांच पीढ़ियां इस कार्य में जुटी हैं। अरूण ने खुद एमबीए किया हुआ हैं लेकिन मूर्ति बनाते हैं।
10-अपने कार्यकाल में पांचवीं बार केदारनाथ पहुंचे रहे हैं PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में पांचवीं बार बाबा केदार के दर्शन के लिए केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। वो अपने पहले कार्यकाल में 4 बार बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार 3 मई 2017 को केदारनाथ पहुंचे थे, उसी साल पीएम मोदी 20 अक्टूबर को फिर से केदारनाथ धाम पहुंचे थे और उन्होंने केदारनाथ के पुनर्निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये की 5 बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। पीएम 7 नवंबर 2018 को तीसरी बार केदारनाथ पहुंचे थे और पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था। इसके बाद वो चौथी बार 18 मई 2019 को केदारनाथ धाम गए थे। इस दौरान उन्होंने ध्यान गुफा में क़रीब 17 घंटे तक साधना भी की थी।
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