पीएम मोदी ने आवास पर पहुंच कर,भाजपा के लौह पुरूष श्री लालकृष्ण आडवाणी जी का जन्मदिन मनाया LK-Advani-Birthday,
भाजपा के फायर ब्रांड नेता और राम मंदिर रथ यात्रा के प्रणेता लाल कृष्ण आडवाणी का 8-11-2021( आज ) जन्मदिन है। वह 94 साल के हो गए हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण जी आडवाणी को जन्मदिन पर उनके आवास पर पहुंच कर बधाई दी।
कांग्रेस में रह कर देश के महान एकीकरण एवं सांस्कृतिक गौरव के लिये जिस प्रखरता एवं तेजस्विता के लिये सरदार वल्लभ भाई पटेल जी जाने जाते है। वही भूमिका भारत के सांस्कृतिक गौरव एवं राष्ट्रभाव के उदय के लिये भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी जी जाने जाते है।
भाजपा के सह-संस्थापकों में से एक लालकृष्ण आडवाणी का आज 94वां जन्मदिन था। लालकृष्ण आडवाणी लंबे समय से राजनीति में हैं और भाजपा को ऊंचाई तक लानें में उनकी बहुत बड़ी भूमिका रही है। आज उनके जन्मदिन पर लाखों लागों ने सोसल मीडिया के माध्यम से उन्हे बधाई दीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश विदेश के तमाम राजनीतिक हस्तियों ने उन्हें जन्मदिन विश किया है।
प्रधानमंत्री मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उनके घर पहुंचे थे। सभी की मौजूदगी में लालकृष्ण आडवाणी ने केक काटा।
इससे पूर्व पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिए भी आडवाणी को जन्मदिन की बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ’आदरणीय आडवाणी जी को जन्मदिन की बधाई। उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना। लोगों को सशक्त बनाने और हमारे सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाने की दिशा में उनके कई प्रयासों के लिए राष्ट्र उनका ऋणी है। उन्हें उनकी विद्वता और समृद्ध बुद्धि के लिए भी व्यापक रूप से सम्मानित किया जाता है।’
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यह भाजपा ही जहां भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को जिया जाता है और पीएम मोदी ने घर पहुंच कर,भाजपा के लौह पुरूष श्री लालकृष्ण आडवाणी जी का जन्मदिन मनाया जाता है। अन्यथा एक पार्टी को हमने देखा है जिसने एक गरीब एवं दलित राष्ट्रीय अध्यक्ष को टांगा टोली कर पार्टी कार्यालय से बाहर फेंक दिया था और पार्टी के संस्थापक की जयंती एवं पुण्यतिथि तक मनाने से किनारा किया जाता है। एक प्रधानमंत्री को राजघाट पर जगह तक नहीं दी गई और पार्टी कार्यालय रख कर अंतिम दर्शन हेतु दरबाजे तक नहीं खोले गये थे।
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लालकृष्ण आडवाणी : एक परिचय
जन्म: 8 नवंबर 1927
पिता का नाम: किशन चंद आडवाणी
माता का नाम: ज्ञानी देवी आडवाणी
1936-1942– कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल में पढ़ाई, 10वीं तक रह क्लास में किया टॉप
1942– राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में शामिल हुए
1942– भारत छोडो आंदोलन के दौरान गिडूमल नैशनल कॉलेज में दाखिला।
1944– कराची के मॉडल हाई स्कूल में बतौर शिक्षक नौकरी
12 सितंबर, 1947– बंटवारे के बाद सिंध से दिल्ली के लिए रवाना
1947-1951– अलवर, भरतपुर, कोटा, बुंडी और झालावार में आरएसएस को संगठित किया
1957-अटल बिहारी वाजपेयी की सहायता के लिए दिल्ली शिफ्ट हुए।
1958-63– दिल्ली प्रदेश जनसंघ में सचिव का पदभार संभाला.
1960-1967– ऑर्गनाइजर में शामिल, यह जनसंघ द्वारा प्रकाशित एक मुखपत्र है।
फरबरी 25, 1965– श्रीमती कमला आडवाणी से विवाह, प्रतिभा एवं जयंत-दो संतानें
अप्रैल 1970– राज्यसभा में प्रवेश
दिसंबर 1972– भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष नियुक्त किए गए।
26 जून, 1975– बैंगलोर में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार, भारतीय जनसंघ के अन्य सदस्यों के साथ जेल में कैद।
मार्च 1977 से जुलाई 1979– सूचना एंव प्रसारण मंत्री
मई 1986- भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने
1980-86– भारतीय जनता पार्टी के महासचिव बनाए गए
मई 1986– भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बनाए जाने का ऐलान.
3 मार्च 1988– दोबारा पार्टी अध्यक्ष बने।
1988– सरकार में बने गृह मंत्री
1990– सोमनाथ से अयोध्या, राम मंदिर रथ यात्रा का शुभारंभ
1997- भारत की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाते हुए स्वर्ण जयंती रथ यात्रा का उत्सव
अक्टूबर 1999 – मई 2004 - केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, गृह मंत्रालय
जून 2002 – मई 2004 - उप-प्रधानमंत्री
यात्रायें : श्री लाल कृष्ण आडवाणी
एक यात्रा, एक सफ़र, एक तीर्थ यात्रा। ये शब्द एक प्राचीन भारत की परंपरा को दर्शाता है, जिसने पिछली सदी में एक नया रूप ले लिया।
यात्रायें :-
राम रथ यात्रा
जनादेश यात्रा
भारत सुरक्षा यात्रा
स्वर्ण जयंती रथ यात्रा
भारत उदय यात्रा
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