नेताजी सुभाषचंद्र बोस,भारत के प्रथम स्वाधीन राष्ट्राध्यक्ष थे : इन्द्रेशजी



नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे भारत के प्रथम स्वाधीन राष्ट्राध्यक्ष: इन्द्रेशजी

स्त्रोत: vskbharat.com
बुधवार, 28 जनवरी 2015
भुवनेश्वर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री इंद्रेश कुमार जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत का प्रथम राष्ट्राध्यक्ष बताते हुए कहा है कि उनके नेतृत्व में गठित प्रथम स्वाधीन भारत सरकार को जापान, जर्मनी, रूस और दस अन्य देशों ने मान्यता दी थी. इतना ही नहीं, वे स्वाधीन भारतीय सेना के प्रथम सेना नायक भी थे.
नेताजी और वीर सुरेन्द्र साये की जयंती पर 23 जनवरी को संघ व्दारा आयोजित युवा सम्मेलन में इंद्रेश जी ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि अगर नेताजी होते तो पिछले 60 सालों में भारत की राजनीति का चित्र काफी अलग होता. उन्होंने कहा कि जानबूझकर नेताजी, वीर सुरेन्द्र साये और स्वामी विवेकानन्द जैसे राष्ट्रनायकों को   लोगों से दूर रखा गया. इसलिये अब आने वाले दो वर्षों में इन क्रांतिकारियों के जीवन को लोगों के सामने लाने के लिये प्रयत्न जरूरी हैं.

सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में सेना के सेवानिवृत्त कर्नल हिमांशु शेखर महापात्र ने युवा पीढ़ी को अपने दृष्टिकोण में राष्ट्रीय भावना विकसित करने की सलाह दी. इस अवसर पर तीन शहीदों के परिवार को सम्मानित भी किया गया.

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए क्षेत्रीय प्रचारक अद्वैत दत्त जी ने कहा कि आज देशभक्ति की भावना के साथ मिलजुलकर काम करना सभी समस्याओं के हल की मुख्य कुंजी है. उनके साथ संघ के भुवनेश्वर महानगर संघचालक डॉ. बसंत कुमार और उत्कल प्रांत के संघचालक समीर कुमार मोहन्ती उपस्थित थे.
 
यूनिट-8, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित इस सम्मेलन में 15 से 35 वर्ष की आयु के 1500 से अधिक युवकों ने भाग लिया. संघ की 50 से अधिक शाखाओं के स्वयंसेवक और भुवनेश्वर के अनेक कॉलेजों के विद्यार्थी भी सम्मेलन में उपस्थित थे.

सुबह 9 बजे आरम्भ हुए कार्यक्रम में युवकों ने देशभक्ति के गीत गाये तथा नेताजी और सुरेन्द्र साये के जीवन पर आधारित नाटक प्रदर्शित किये. मालुद के जय हनुमान अखाड़ा पाइक दल की ओर से पाइक अखाड़ा प्रदर्शित किया गया. इसके उपरांत इंद्रेश जी ने जिज्ञासु युवकों के प्रश्नों के उत्तर दिये.

दोपहर में नेताजी, वीर सुरेन्द्र साये और भारत माता के चित्रों की एक साथ विशाल शोभायात्रा निकाली गयी. हाथ में भगवा ध्वज पकड़े हुए युवकों के भारत माता की जय, वंदे मातरम तथा जय हिंद के नारों से वातावरण गूंज उठा. संघ के भुवनेश्वर महानगर के सहकार्यवाह श्री जयकृष्ण जी के नेतृत्व में श्री रिषभ नन्दा, दीपक राउत, इराशीष  आचार्य, महाविद्यालय प्रमुख श्री अखिल पाढि, संपर्क प्रमुख श्री गोपाल पाणिग्रहि, बौद्धिक प्रमुख देवी प्रसाद महापात्र, सह बौद्धिक प्रमुख श्री साई प्रसाद दास ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया.

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