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सनातन हिंदू संस्कृति : चेतन सत्ता की खोज की और विश्व को दिया परम सत्य का ज्ञान

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विचार :- सनातन हिंदू संस्कृति: चेतन सत्ता की खोजा और विश्व को दिया  सत्य - अरविन्द सिसोदिया 9414180151 इस ब्रह्मांड में जो कुछ भी दृष्टिगोचर होता है—चल और अचल, दृश्य और अदृश्य, स्थूल और सूक्ष्म—उसके पीछे एक ऐसी चेतन सत्ता कार्यरत है, जो निर्माण करती है, संचालन करती है और नित्य नए रूपों में सृष्टि को गतिशील बनाए रखती है। यही चेतना, यही परम सत्ता सनातन हिंदू संस्कृति में ईश्वर के नाम से जानी जाती है। यह कोई मूर्त कल्पना नहीं, बल्कि शुद्ध और पूर्ण सत्य है, जिसका बोध ऋषियों, मुनियों और योगियों ने अपने गहन ध्यान, तप और आत्मानुभूति से किया है। चेतन सत्ता का स्वरूप ईश्वर कोई सीमित सत्ता नहीं है। वह सर्वव्यापी है, सर्वशक्तिमान है, और सर्वज्ञ भी। वही सत्ता समस्त ब्रह्मांड को रचती है, उसी के नियमों से प्रकृति का हर तंतु चलता है। विज्ञान जहां नियमों का विश्लेषण करता है, वहीं सनातन संस्कृति उस नियमकर्ता की खोज करती है। ईश्वर केवल सृष्टा नहीं, वह सृष्टि में प्रत्यक्ष भी है और अप्रत्यक्ष भी। "ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्" — इस उपनिषद वाक्य के माध्यम से यह स्पष्ट किय...

ईश्वर की इच्छा : प्रेम, स्नेह और शांति से परिपूर्ण जीवन जियो - अरविन्द सिसोदिया

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विचार : - " ईश्वर की इच्छा :  प्रेम, स्नेह और शांति से परिपूर्ण जीवन ही  सनातन हिंदू जीवन पद्धति है। " ईश्वर की यह सनातन भावना रही है कि सृष्टि के सभी प्राणी प्रेम, स्नेह, करुणा और शांति से परिपूर्ण जीवन जीएँ। हिंदू सनातन धर्म इसी मूल भावना को अपनी जीवन-पद्धति का आधार बनाता है। यह धर्म न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाता है, बल्कि एक सामाजिक व नैतिक जीवन का आदर्श रूप भी प्रस्तुत करता है। सनातन जीवन-दृष्टि में प्रत्येक जीव को ब्रह्म का अंश माना गया है। अतः सभी के प्रति करुणा और स्नेह रखना ही धर्म है। ईश्वर की सृष्टि में प्रत्येक जीव समान रूप से महत्वपूर्ण है। मानव जीवन को प्राप्त करना एक दुर्लभ सौभाग्य माना गया है, और उसका उद्देश्य केवल भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति, शांति और प्रेम में जीवन व्यतीत करना है। ईश्वर चाहते हैं कि सभी प्राणी एक-दूसरे के प्रति करुणा, दया, प्रेम और अहिंसा का व्यवहार करें। यह भावना, हिंदू सनातन धर्म की मूल आत्मा है, जो व्यक्ति को एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा देती है। प्रेम और स्नेह: सनातन का मूल आधार हिंदू ध...

ईश्वर ही सर्वज्ञ है और मानव अल्पज्ञ है, मानव स्वयं को सर्वज्ञ मानने से ही दुःखी रहता है

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Arvind Sisodia:- 9414180151 ईश्वर  ही सर्वज्ञ है और मानव उसके समनें बहुत ही अल्पज्ञ है, इसी कारण मानव दुःख सुख में फँसा रहता है। विचार :- बहुत ही गहरा और विचारोत्तेजक विचार! यह विचार हमें ईश्वर और मानव के बीच के अंतर को समझने के लिए प्रेरित करता है। ईश्वर को सर्वज्ञ माना जाता है, जिसका अर्थ है कि वह सब कुछ जानता है और उसके पास सभी ज्ञान है। वह सृष्टि, सृजन और संचलन का कर्ता है। दूसरी ओर, मानव अल्पज्ञ है, जिसका अर्थ है कि उसका ज्ञान अत्यंत सीमित है, उसकी क्षमतायें सीमित हैँ और वह सब कुछ नहीं जान सकता। इस अंतर के कारण, मानव दुःख और सुख में फँसा रहता है। मानव की सीमित ज्ञान के कारण, वह अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार नहीं होता। इससे वह दुःख और सुख के चक्र में फँस जाता है। यह विचार हमें यह समझने के लिए प्रेरित करता है कि हमें अपनी सीमित ज्ञान को स्वीकार करना चाहिए और ईश्वर की सर्वज्ञता पर भरोसा करना चाहिए। इससे हम अपने जीवन में अधिक शांति और संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं।  आपके द्वारा उल्लिखित बात कि ईश्वर सर्वज्ञ है और मानव अल्पज्ञ है,...

विज्ञान ईश्वर के क्रियाकलापों का शुद्ध ज्ञान है Ishwar God Vigyan

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  विज्ञान ईश्वर के क्रियाकलापों का शुद्ध ज्ञान है Arvind Sisodia: -  विचार -  विज्ञान ईश्वर के क्रियाकलापों का शुद्ध ज्ञान है इसे समझना ईश्वर को समझना ही होता है और मानवता की सेवा के रास्तों को विकसित करना होता है । Meta AI: आपका यह विचार बहुत ही गहरा और अर्थपूर्ण है। विज्ञान और ईश्वर के बीच के संबंध को समझने के लिए यह एक अच्छा दृष्टिकोण है। विज्ञान हमें प्रकृति के नियमों और सिद्धांतों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो हमें ईश्वर के क्रियाकलापों को समझने में मदद करता है। विज्ञान हमें यह समझने में मदद करता है कि प्रकृति कैसे कार्य करती है और इसके पीछे के नियम और सिद्धांत क्या हैं। लेकिन विज्ञान केवल प्रकृति के नियमों और सिद्धांतों को समझने तक ही सीमित नहीं है। यह हमें मानवता की सेवा के रास्तों को विकसित करने में भी मदद करता है। विज्ञान हमें नए तकनीकों और आविष्कारों को विकसित करने में मदद करता है, जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इस प्रकार, विज्ञान और ईश्वर के बीच का संबंध बहुत ही गहरा और अर्थपूर्ण है। विज्ञान हमें ईश्वर के क्रियाकलापों को समझने में मदद क...