देश के सभी मान बिन्दुओं पर सुचिता की आवश्यकता है - अरविन्द सिसौदिया Rahul Gandhi Defamation Case
राहुल गांधी के मोदी सरनेम वाले आपराधिक प्रकरण में गुजरात उच्च न्यायालय ने सुचिता का विषय उठाया है जो अत्यंत महत्वपूर्ण है। राहुल गांधी के नक्से कदम पर चलते हुये अनेकों राजनैतिक नेता गणों की भाषा में बहुत अधिक गिरावट आई है। सम्मान और भाषा में जो गिरावट है उसे कहीं तो रोकना ही पडेगा । कोविड के दौरान एक भाजपा विरोधी नेता जी कह रहे थे, ये भाजपा की वैक्सीन है मुझे भरोषा नहीं है, में इसे नहीं लगवाऊगा। इस तरह की गैर जिम्मेवार बयानों व बकवासों की अनुमती कैसे दी जा सकती है। विपक्ष या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ झूठ, भ्रम या गाली गलोंच की स्वतंत्रता कदापी नहीं हो सकती। इसलिये गुजरात उच्च न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य है। देश के सभी मान बिन्दुओं पर सुचिता की आवश्यकता है और इसकी रक्षा माननीय न्यायालय को करना ही चाहिये। मेरा मानना है कि किसी भी राजनैतिक दल को मान्यता देनें में यह अनिवार्यता होनी चाहिये कि वह भारत की संविधान सभा की बहस को पढे और महामहिम राष्ट्रपति महोदय के संयुक्त सदन को सम्बोधित करने वाले भाषणों को पढे व उन पर परिक्षा हो जिसे पास करें। तब ही वे कि...