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राजस्थान कांग्रेस में मल्लयुद्ध से कांग्रेस सुनिश्चित सत्ता से बाहर - अरविन्द सिसोदिया

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राजस्थान कांग्रेस में मल्लयुद्ध से कांग्रेस सुनिश्चित सत्ता से बाहर - अरविन्द सिसोदिया राजस्थान में गत साढ़े चार साल से मुख्यमंत्री की कुर्सी गहलोत से छींनने की कोशिश में लगातार विफल रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट को अपना कद बढ़ाने और आख़री दवाब बनाने के लिये, कार्यकाल के अंतिम पड़ाव पर, अचानक अब पूर्ववर्ती भाजपा शासन की याद आ गईं हैं। जो कि सिर्फ और सिर्फ राजनैतिक स्टंट है। गहलोत से लड़ते लड़ते थके हारे सचिन को लगता है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के विरुद्ध आरोप लगा कर वे अपना हित साध लेंगे तो यह गलत है। यूँ भी लगता है कि यह ड्रामा किसी अन्य के इशारे पर हो रहा है। हलाँकि कांग्रेस के प्रभारी और प्रवक्ता सचिन पायलेट के इस कदम को पार्टी विरोधी बता रहे हैं। किन्तु उनकी आवाज में वह धार नहीं है जो होती है। राहुल और खरगे की 50 मिनिट तक एकांत चर्चा, सिर्फ कर्नाटका तक सीमित नहीं हो सकती।  सचिन का भी कांग्रेस विधायकों को दूर रखना और पोस्टर में सिर्फ महात्मा गाँधी को रखना, स्पष्ट है कि वे मुख्यमंत्री गहलोत पर ही बगावत से दबाव बना रहे हैं। कांग्र...

कांग्रेस की विरोधियों के प्रति बोली जानें वाली परम्परागत भाषा ही तो है गहलोत बोल रहे हैं - अरविन्द सिसौदिया

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    कांग्रेस की विरोधियों के प्रति बोली जानें वाली परम्परागत भाषा ही तो है गहलोत बोल रहे हैं - अरविन्द सिसौदिया राजस्थान में भाग्य के धनी कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , भाग्य के धनी व्यक्ति ही हैं, क्यों कि जब जब वे मुख्यमंत्री बनें तब तब उन्होनें पार्टी जितानें के लिये कुछ नहीं किया था। बस कांग्रेस के हाई कमान अर्थात नेहरू परिवार के कान में मंत्र दिया और मुख्यमंत्री बन कर आ गये। अन्याय तो हाई कमान ने किया,कि वह फूंक में आ गया । यह क्यों किया और क्यों हुआ ?? यही तो रहस्य ! क्यों कि गहलोत के किसी आर्शीवाद से कांग्रेस की आयु तो कभी बढ़ी नहीं ! प्रश्न तो है ही .....! देखनें समझनें वाली बात यह है कि कान में दिया मंत्र क्या था, जो कोई और कांग्रेसी नहीं दे पाया और विफल रहे। गहलोत ने पद संभाल कर कभी भी पुनः कांग्रेस को सत्ता नहीं दी, फिर भी वे बार बार मुख्यमंत्री बनें...? क्या दिया हाई कमान को वे बार बार मुख्यमंत्री बनें ? यही तो रहस्य है। कांग्रेस की राजस्थान सरकार होते हुये भी,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोइी जी को राजस्थान से 25 की 25 सीटें मिलीं यहां तक कि स्वंय गहलोत का पुत्र चुनाव ...

मुख्यमंत्री गहलोत साहब ,कुछ तो अन्दर ही अन्दर पक रहा है ! Gehlot Sachin

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  Something is cooking inside, Chief Minister Gehlot sahib!  कुछ तो अन्दर ही अन्दर पक रहा है,मुख्यमंत्री गहलोत साहब ! कुछ तो अन्दर ही अन्दर पक रहा है,मुख्यमंत्री गहलोत साहब ! राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आपको भाग्यवान बताते हुये कहा है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। मुख्यमंत्री में ही रहने वाला हूं। निश्चित ही गहलोत भाग्यवान हैं तीनों बार वे किसी अन्य कांग्रेसी को ही पछाड़ कर राजस्थान के मुख्यमंत्री बनें है।  राजस्थान में प्रमुख हैसियत रखनें और दिल्ली की सही खबरें देनें के लिये प्रसिद्ध अखबार राष्ट्रदूत कह रहा है कि गहलोत युग समाप्त और मुख्यमंत्री गहलोत कह रहे हैं कि मेरा इस्तीफा तो हमेशा ही सोनिया गांधी जी के पास रहता है।   यूं तो कांग्रेस मुक्त भारत बनानें में भाजपा से ज्यादा स्वयं कांग्रेस का ही योगदान है, सत्य, न्याय, जनमत और बहूमत के विरूद्ध चलने का कांग्रेस का साहस आश्चर्यजनक है। एक कहानी बहुत सुनी जाती है कि मजबूर मां, जिद्दी बेटा और सब कुछ तबाह । कुछ वर्षों से कांग्रेस में यही देखनें को मिल रहा है। किसान आन्दोलन के चलते पंजाब में कांग्रेस की कैप्टन अ...