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मजबूत नेतृत्व को अमेरिका जनशक्ति नें प्राथमिकता दी - अरविन्द सिसोदिया

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मजबूत नेतृत्व को अमेरिका जनशक्ति नें प्राथमिकता दी - अरविन्द सिसोदिया  पूरा विश्व तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ा है , रूस - यूक्रेन युद्ध और इजराईल - हमास युद्ध सहित अशांति के दौर से गुजर रहा है । इन परिस्थितियों में सभी देशों में मजबूत नेतृत्व की दरकार है । जिस तरह भारत में मजबूत मोदी को तीसरीबार चुना , उसी तरह अमेरिका में तमाम आरोप प्रत्यारोपों के बीच वहां की जनता नें मजबूत ट्रंप को दूसरीबार चुना । यदि जो बाइडेन का ट्रंप से सामना होता तो वे बुरी तरह चुनाव हारते , कमला हैरिस ने ट्रंप को कड़ी टक्कर दी है । ट्रंप को लेकर पहले से कुछ नहीं कहा जा सकता , किन्तु ट्रंप का चीन विरोधी रुख , भारत को फायदेमंद रहेगा , वहीं वे बंगलादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमले के भी सख्त खिलाफ हैं । जिसका फायदा भारत को मिलेगा । इसके अलावा ट्रंप , मोदीजी से बहुत प्रभावित है , जिस तरह मोदीजी नया भारत विकसित भारत बनाने की बात कर रहे हैं , उसी तरह ट्रंप भी नया अमेरिका बनाने की बात कर रहे हैं । ----///////----- समानताएं: मोदी और ट्रंप राजनीतिक शैली और नेतृत्व का तरीका नरेंद्र मोदी

जीवन सत्य का विश्लेषण Analysis of Life Truth

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जीवन सत्य का विश्लेषण जीवन का सत्य मृत्यु है, मृत्यु का सत्य आत्मा की अमरता है, आत्मा का सत्य पुनर्जन्म है 1. जीवन का सत्य: मृत्यु मृत्यु एक अनिवार्य प्रक्रिया है जो सभी शरीरों के लिए निश्चित है। यह आत्मा के जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक शरीर से दूसरे शरीर में जानें का भ्रमण काल ​​माना जाता है। हर जीव को अपने जीवन में एक दिन मृत्यु का सामना करना पड़ता है। यह इसलिए होता है कि भौतिक शरीर का क्षय हो जाने से वह समय विशेष के बाद अनुपयोगी व कष्टदायी हो जाता है ।यह विचार विभिन्न धार्मिक और ईश्वरीय आस्था के विचारों में पाया जाता है, जिसमें कहा गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा अमर रहती है। सनातन हिन्दू सिद्धान्त यह कहता है कि मूल आत्मा सबसे सूक्ष्म , फिर सूक्ष्म शरीर है और फिर स्थूल शरीर है । जिस तरह फेक्ट्री में एक मोबाईल तैयार होता है वह एक ढांचागत निर्माण , इसी तरह मूल आत्मा जो जीवात्मा का ढांचागत निर्माण है । फिर उस मोबाइल में कंपनी विभिन्न सॉफ्टवेयर डाल कर उसे कार्य योग्य बनाता है , यह आत्मा की प्रक्रिया का दूसरा चरण है । इसके बाद यही आत्मा भौतिक स्वरूप धारण कर शरीर के रूपमें समय

धर्म का मर्म क्या है What is the essence of Dharma

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धर्म का मर्म क्या है धर्म का मर्म एक गहन और जटिल विषय है, जो मानव जीवन के विभिन्न सिद्धांतों को प्रभावित करता है। धर्म केवल धार्मिक अनुष्ठानों या अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक अवधारणा है जो मानवता के स्थापित, साधन, और सामाजिक संग्रह से जुड़ी हुई है। 1. धर्म की और उद्देश्य की परिभाषा धर्म का अर्थ वह मार्ग या सिद्धांत है जो व्यक्ति को सही और गलत के बीच भेद करने में मदद करता है। यह केवल व्यक्तिगत आचरण को निर्देशित नहीं करता है, बल्कि समाज में सामंजस्य और शांति बनाए रखने में भी सहायक होता है। धर्म का मुख्य उद्देश्य मानवता के कल्याण के लिए प्रेम, करुणा, सहिष्णुता को बढ़ावा देना है। 2. आंतरिक ब्रह्माण्ड और अभिलेख धर्म का वास्तविक मर्म आंतरिक ब्रह्मांड में निहित है। जब मनुष्य अपने हृदय की पवित्रता को खो देता है, तब वह सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्राप्त करता है। यह जापानी विचारधारा के विचार, भावनाएं और कार्यकलापों में प्रकट होता है। इसलिए, धर्म को केवल बाहरी क्रियाकलापों तक सीमित नहीं रखना चाहिए; इसका गहरा संबंध व्यक्ति का अंतरात्मा से होता है। 3. समय और परिस्थिति के अनुसार