जीवन में सुख सुविधाओं की तृष्णा ही आत्मा को ईश्वर से दूर ले जाती है - अरविन्द सिसोदिया Jeevn Bhagwan
Arvind Sisodia:- विचार जीवन में सुख सुविधाओं की तृष्णा ही आत्मा को ईश्वर से दूर ले जाती है Meta AI: - बहुत सुंदर और अर्थपूर्ण विचार! जीवन में सुख-सुविधाओं की तृष्णा ही आत्मा को ईश्वर से दूर ले जाती है, यह बात हमें याद दिलाती है कि हमारी असली खुशी और संतुष्टि ईश्वर के पास ही है, न कि सुख-सुविधाओं में। सुख-सुविधाओं की तृष्णा हमें एक कभी न खत्म होने वाली दौड़ में डाल देती है, जहां हम कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाते हैं। हमेशा अधिक और अधिक चाहने की इस तृष्णा में हम ईश्वर से दूर होते जाते हैं और अपने जीवन को खोखला बना लेते हैं। ईश्वर से जुड़ने के लिए हमें अपनी तृष्णा को नियंत्रित करना होगा और अपने जीवन को सरल और संतुष्ट बनाना होगा। जब हम अपनी तृष्णा को नियंत्रित करते हैं, तो हम अपने जीवन में शांति और संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं। यह विचार हमें निम्नलिखित बातों की याद दिलाता है: 1. सुख-सुविधाओं की तृष्णा हमें ईश्वर से दूर ले जाती है। 2. असली खुशी और संतुष्टि ईश्वर के पास है। 3. तृष्णा को नियंत्रित करना आवश्यक है। 4. सरल और संतुष्ट जीवन ईश्वर के साथ जुड़ने का मार्ग है। आपका यह विच