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वक़्फ़ पर बहस में ईसाई मिशनरी दबाव से चुप रहा गाँधी परिवार

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गाँधी परिवार का वर्तमान सत्य यही है कि वे परोक्ष अपरोक्ष केथोलिक ईसाई हैँ 

भाजपा की स्थापना, विकास और विस्तार

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नोट - ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैँ, इन्हे पार्टी के न माना जाये। - अरविन्द सिसोदिया 9414180151 भारतीय जनता पार्टी मूलरूप से उस विचार की पार्टी है जो यह कहता है कि, भारत सनातन हिन्दुओं का देश है, अनादिकाल से है और इस देश का राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक अग्रेसर होनें का प्रथम अधिकार सनातन हिन्दुओं को है।  यह विचार तब से संघर्ष कर रहा है, जबसे अंग्रेज इस देश में फूट डालो राज करो की नीति से हिन्दू से हिन्दू को आपस में लड़ाया। इससे पहले भी जो हमले हुये उनमें भी विदेशी लोग हिन्दू से हिन्दू को लड़ा कर अपना राज क़ायम रखने में कामयाब होते रहे हैँ । बाद मेँ यही सब कॉंग्रेस नें किया। अभी भी यही सब किया जा रहा है। भारत की आजादी के समय इस देश का असली स्वत्वधारी मालिक हिन्दू को ठगा गया, देश पर कई दसकों तक हिन्दुओं का बुरा करने वाली कांग्रेस नें, हिन्दुओं के बल और वोट से हीं अपना राज किया। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से हिन्दुओं को समझ में आना प्रारंभ हुआ, कश्मीरी पंडितों को जब कश्मीर घाटी से खदेड़ा गया, तब कुछ समझ आया और धीरे धीरे हिन्दू ने कांग्रेस की असलियत को पहचानना प्रारंभ किया। सच यह है कि भाजपा हिन...

परमात्मा के परिवार की सदस्य है आत्मा - अरविन्द सिसोदिया

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परमात्मा के परिवार की सदस्य है आत्मा  - आत्मा और परमात्मा का संबंध आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, आत्मा और परमात्मा के बीच एक गहरा संबंध होता है। विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक परंपराओं में, आत्मा को एक अविनाशी तत्व माना जाता है जो कि परमात्मा का अंश है। यह विचार विशेष रूप से सनातन हिंदू धर्म की धार्मिक परंपराओं में प्रचलित है। - आत्मा की परिभाषा -  आत्मा को अक्सर “अहम्” या “स्वयं” के रूप में देखा जाता है। यह शरीर का वह नेतृत्व है जो शरीर को निर्देशित करता है। आत्मा न केवल जीवन का स्रोत होती है, बल्कि यह ज्ञान, संवेदनाएं और अनुभवों का भंडार भी होती है। आत्मा को चेतना माना जाता है, इसे एक प्रकार का आवेश समूह भी माना जाता है। जैसे हीं आत्मा शरीर छोड़ देती है शरीर अपने आपको नष्ट करने लगता है। जब हम कहते हैं कि आत्माएं परमात्मा के परिवार का हिस्सा हैं, तो इसका तात्पर्य यह होता है कि सभी आत्माएं एक ही स्रोत से उत्पन्न हुई हैं और वे अंततः उसी स्रोत के पास शरीर छोड़नें के बाद पुनः पहुंच जातीं हैँ। - परमात्मा की भूमिका परमात्मा को सृष्टि का मूल कारक माना जाता है। उन्हें सर्वशक्तिमान,...

माता पिता देवता के समान हैँ - सनातन धर्म Hindu Dharm

" मातृ देवो भव, पितृ देवो भव: सनातन गुणवत्ता और हिंदू परिवार व्यवस्था "  "मातृ देवो भव, पितृ देवो भव" का अर्थ है माता और पिता को देवता के समान मानना ​​चाहिए। यह वाक्यांश तैत्तिरीय उपनिषद (शिक्षावल्ली) से लिया गया है और यह हिंदू धर्म की समाज  और धर्म व्यवस्था की महत्ता को संदर्भित करता है। इस सिद्धांत का आधार, सनातन हिंदू परिवार की जीवन पद्धति का आधार है। इसे समझने के लिए हम इसे विभिन्न विशिष्टताओं में विभाजित करके देख सकते हैं। - 1. सनातन सिद्धांत : माता-पिता का सम्मान... हिन्दू धर्म में माता-पिता को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। "मातृ देवो भव" और "पितृ देवो भव" ये माता-पिता न केवल जीवनदाता हैं, बल्कि बच्चों के पालक और प्रथम शिक्षक भी होते हैं। इसलिए संतान को उनकी आज्ञा पालन करना, सेवा करना और  पालन पोषण करना एक धार्मिक कर्तव्य माना गया है। माता का महत्व:- माता को सृष्टि की रचना करने वाली शक्ति के रूप में देखा जाता है। वह बच्चे को गर्भ में पालकर जन्म देती है, पोषण कर बड़ा करती है, वह का पहली गुरु है, जो उसे सामाजिक गुण अवगुण, संस्कार और जीवन जीने की...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षयवट : प्रधानमंत्री मोदी RSS PM Narendr Modi

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षयवट : प्रधानमंत्री मोदी  माधव नेत्रालय के प्रीमियर सेन्टर का शिलान्यास  नागपुर, ३० मार्च: स्वामी विवेकानन्द ने निराशा में डूबे भारतीय समाज को झकझोरा, उसके स्वरूप की याद दिलाई, आत्मविश्वास का संचार किया और राष्ट्रीय चेतना को बुझने नहीं दिया। गुलामी के अन्तिम दशक में डॉक्टरजी और श्री गुरुजी ने इस चेतना को नई ऊर्जा देने का कार्य किया। राष्ट्रीय चेतना के जिस विचार का बीज १०० वर्ष पहले बोया गया था, वह आज एक महान वटवृक्ष के रूप में खड़ा है। सिद्धान्त और आदर्श इस वटवृक्ष को ऊँचाई देते हैं, जबकि लाखों-करोड़ों स्वयंसेवक इसकी टहनियों के रूप में कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है, जो निरन्तर भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है। स्वयंसेवक के लिए सेवा ही जीवन है। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कही। वे नागपुर स्थित माधव नेत्रालय चैरिटेबल ट्रस्ट के विस्तारित माधव नेत्रालय के नए प्रीमियर सेन्टर के शिलान्यास समारोह के अवसर पर नागरिकों को सम्बोध...

प्रत्येक हिंदू 365 में से 65 दिन देश को दे, जनसंख्या में वृद्धि कर समाज की सुरक्षा करें - महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज

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उमड़ा हिंदू जन सैलाब, अद्भुत और ऐतिहासिक शोभायात्रा और विराट मातृशक्ति नें मंगल कलशो के साथ नया इतिहास रचा  प्रत्येक हिंदू कम से कम 65 दिन देश को दें, समाजहित में जनसंख्या वृद्धि करे - महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज  कुंभ का प्रतिबिंब आज कोटा में हिंदू शोभा यात्रा एवं कलश यात्रा में देखने को मिला है - महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज प्रत्येक हिन्दू व्यक्ति को योद्धा बनना होगा - साध्वी सत्यप्रिया गिरी जी   संतों नें दी प्रेरणा, हिंदू एकता से हिंदू दिव्यता होगी  समरसता का संदेश  श्रीनाथपुरम स्टेडियम संपन्न हुई हिंदू धर्म सभा में मंचस्थ रहे उत्तम स्वामीजी महाराज का स्वागत बाल्मीकी के समाज के स्वामी रामप्रसाद जी महाराज एन धर्मपत्नी शांता देवी सहित सपत्निक अभिनंदन किया, वहीं साध्वी सत्यप्रिया गिरी दीदी का स्वागत घूमन्तु समाज के गड़रिया लोहार देवीलाल और उनकी पत्नी दूना बाई ने सपत्निक अभिनंदन किया।  धर्मसभा में धर्म प्रेरणा..... धर्मसभा के मुख्य वक्ता महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज ने कहा कि " कुंभ का प्रतिबिंब आज कोटा में हिंदू शोभा ...

धर्मोंत्सव तनाव से मुक्ति और विश्वास का सृजन करते हैं - अरविन्द सिसोदिया Hindutv

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तीज त्योहारों का महत्व विचार - हिंदू जीवन पद्धति के तीज त्योहार व्रत उपवास एवं धर्मोंत्सव तनाव से मुक्ति और विश्वास का सृजन करते हैं। विश्लेषण - तीज त्योहारों की विशेषताएं :-  धार्मिक आस्था और विश्वास : तीज त्योहार, जैसे हरियाली तीज, सावन आदि, हिंदू धर्म में विशेष महत्व हैं। इन त्योहारों के दौरान महिलाएं व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं, जिससे उनकी धार्मिक आस्था का पता चलता है। उदाहरण के लिए, हरियाली तीज पर महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं, जो उन्हें सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना करने का अवसर देती है। व्रत और उपवास : व्रत रखने से व्यक्ति अपने मन और शरीर को शुद्ध करता है। यह एक प्रकार का आत्म-नियंत्रण है जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। उपवास के दौरान लोग साधारण भोजन करते हैं या फलाहार लेते हैं, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। सामाजिक एकता : तीज त्योहारों पर सामूहिक महिलाएं होती हैं, गीत गाती हैं और झूला झूलती हैं। यह सामाजिक बंधनों को मजबूत बनाता है और समुदाय में एकता का अनुभव कराता है। इस तरह के आयोजनों से तनाव कम होता है और खुशी का माहौल बनता है। ...

आज होगा विराट हिंदू संगम, लघु कुंभ जैसा दृश्य बनेगा कोटा महानगर में Hindu Nav Varsh

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महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी महाराज एवं साध्वी सत्यप्रिया जी गिरी की मिलेगी धर्मप्रेरणा  आज होगा विराट हिंदू संगम, लघु कुंभ जैसा दृश्य बनेगा आज ( 30 मार्च रविवार को ) विशाल हिंदू शोभायात्रा, मंगल कलश और विराट हिंदू सभा कोटा की धरती   कोटा 29 मार्च। हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 का शुभारंभ वर्षप्रतिपदा यथा 30 मार्च रविवार से प्रारंभ हो रहा है। इस पुनीत अवसर पर सर्व हिंदू समाज के आव्हान एवं हिंदू नववर्ष आयोजन समिति के तत्वावधान में कोटा महानगर में विशाल शोभायात्रा, ऐतिहासिक मंगल कलश यात्रा एवं विराट हिंदू सभा का आयोजन हो रहा है। जिसे ध्यान योगी महामंडलेश्वर उत्तम स्वामीजी महाराज एवं साध्वी सत्यप्रिया गिरी दीदी सहित हाड़ौती के संतगणो की धर्म प्रेरणा प्राप्त होगी। वहीं हिंदू समाज के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों सहित सर्व हिंदू समाज सम्मिलित होगा। समिति के अध्यक्ष गोविन्द नारायण अग्रवाल नें बताया कि सर्व हिंदू समाज रविवार दोपहर 12 बजे दशहरा मैदान में एकत्र होकर, शंखनाद के साथ शोभायात्रा स्वरूप में निकलेगा। मंगल कलश वितरण 11 बजे से हीं प्रारंभ कर दिया जायेगा। शोभाया...