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My Gov स्त्री, संतान,परिवार संरक्षण व्यवस्था

स्त्री, संतान एवं परिवार संरक्षण व्यवस्था विधेयक विधेयक स्त्रियों, संतानों एवं वरिष्ठ नागरिकों के संरक्षण, कल्याण तथा अधिकारों की सुनिश्चितता, परिवार कार्ड के माध्यम से पारिवारिक अभिलेखों के विनियमन, संपत्ति के वैध उत्तराधिकार की व्यवस्था तथा उनसे संबंधित या उनसे अनुषंगिक विषयों के लिए। अध्याय – I प्रारंभिक प्रावधान धारा 1: संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ। (1) इस अधिनियम को “स्त्री, संतान एवं परिवार संरक्षण अधिनियम,.........” कहा जाएगा। (2) यह सम्पूर्ण भारत में विस्तृत होगा। (3) यह अधिनियम भारत सरकार द्वारा राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित होने की तिथि से प्रवृत्त होगा। धारा 2: परिभाषाएँ। इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से भिन्न अभिप्राय न हो— (a) “स्त्री” से आशय प्रत्येक महिला से है, जो जन्म से अथवा विधिक मान्यता से स्त्री है; (b) “वरिष्ठ नागरिक” से आशय प्रत्येक पुरुष अथवा महिला एवं अन्य से है, जिसकी आयु साठ वर्ष या उससे अधिक है; (c) “उत्तराधिकारी” से आशय उन व्यक्तियों से है जिन्हें उत्तराधिकार अधिनियम अथवा अन्य किसी विधि द्वारा मान्यता प्राप्त है; (d) “परिवार कार्ड” से आशय इस अधिनियम ...

My Gov.. मातृशक्ति सम्मान और संरक्षण

भारतीय नई शासन व्यवस्था – मातृशक्ति सम्मान नियमावली - अरविन्द सिसोदिया  प्रस्तावना भारतवर्ष, जो सनातन मूल्यों और धर्मसम्मत परंपराओं पर आधारित राष्ट्र है, मातृशक्ति को सर्वोच्च स्थान प्रदान करता है। स्त्री को देवी का स्वरूप मानते हुए, उसके सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा हेतु यह नियमावली बनाई जाती है। अनुच्छेद – 1 : मातृशक्ति का स्थान 1. भारतीय शासन व्यवस्था में स्त्री को ईश्वर तुल्य दर्जा प्राप्त होगा। 2. स्त्री के विरुद्ध कोई भी अपराध सामान्य अपराध नहीं, बल्कि राष्ट्र और धर्म के विरुद्ध अपराध माना जाएगा। अनुच्छेद – 2 : अपराधों पर दंड व्यवस्था 1. पुरुष द्वारा स्त्री के विरुद्ध अपराध: सामान्य अपराधों में पुरुष अपराधी को सामान्य सजा से दोगुना दंड दिया जाएगा। गंभीर अपराध (हत्या, बलात्कार, अपहरण, अमानवीय प्रताड़ना) में मृत्युदंड अनिवार्य होगा। इन गंभीर अपराधों में किसी भी प्रकार की दया याचिका या क्षमादान राष्ट्रपति अथवा न्यायालय द्वारा भी स्वीकार्य नहीं होगा। 2. स्त्री द्वारा अपराध: यदि कोई स्त्री अपराध करती है तो उसे आधा दंड दिया जाएगा, क्योंकि स्त्री अपराध सामान्यतया मजबूरी, आत्...

कविता - सत्य सनातन सृष्टि नूतन

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कविता - " सत्य सनातन सृष्टि नूतन " - अरविन्द सिसोदिया 9414180151  जन्म,जीवन और  मृत्यु यही सनातन और सृष्टिक्रम सत्य है, जन्मदिन से मृत्यु और मृत्यु से नव जीवन। यह शाश्वत यात्रा है, जहाँ अंत ही आरम्भ है, और आरम्भ ही अंत। सृष्टि के सृजन से यह क्रम चलता आया, और प्रलयँकारी समापन तक चलता रहेगा। मनुष्य ही नहीं, देव, दानव, ग्रह-नक्षत्र, आकाशगंगाएँ— सब इसी बंधन में बँधे हैं। किसी की आयु  दो दिन की, किसी की दो अरब वर्षों की। पर समय का प्रवाह सबको बहा ले जारहा है, और अन्ततः रूप, नाम, स्वरूप सब बदल जाते हैं। जो इस परिवर्तन से परे है, जो न जन्म लेता है, न मृत्यु को जानता है, वही ईश्वर है, वही परमेश्वर है। वही आदि अनादि शक्ति सत्य है। यही है ‘सनातन’ सदैव अस्तित्वमय, सदैव नूतनता को ग्रहण करने वाला। नित्य और नूतन का यह अद्भुत संगम, भारतीय संस्कृति का हृदय है, जो विश्व में कहीं और नहीं। सनातन ही संपूर्ण का ज्ञान विज्ञान सनातन ही ध्यान अंतरध्यान सनातन ही कालचक्र और गति  सनातन ही आत्मा और परमात्मा  सनातन ही विराम अविराम  सनातन ही पूर्णम पूर्णतः पुरनेतः सनातन ही अ...

ईश्वर तो है..

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ईश्वर तो है...... जन्म का सत्य है कि अगला पडाव मृत्यु हे। और मृत्यु का सत्य भी यही है कि अगला पडाव जीवन है। यह सृष्टिक्रम सृष्टि के सृजन से चल रहा हे और सृजन के समापन तक चलता रहेगा। मनुष्य ही नहीं सम्पूर्ण प्रकृति, देव दानव , ग्रह नक्षत्र आकाशगंगायें इससे बंधें हे। फर्क इतना मात्र है कि किसी कि आयु 2 दिन है तो किसी की आयु 2 अरब वर्ष, यह अरवों खरबों वर्ष अन्ततः स्वरूप सबका परिवर्तित होता हे। जो आयु और स्वरूप परिवर्तन से परे है वही ईश्वर या परमेश्वर है | सनातन के दो अर्थ हैँ पहला सदैव अस्तित्व मय दूसरा सदैव नूतनता को ग्रहण करने वाला और इन दोनों का मिलन ही भारतीय संस्कृति की गहराई है, जो कहीं और नहीं है। ------- तीन बड़े सत्य हैं— 1. जन्म और मृत्यु का चक्र – यह केवल मनुष्य तक सीमित नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण सृष्टि का नियम है। परमाणु से लेकर आकाशगंगा तक हर वस्तु परिवर्तनशील है। बनते और नष्ट होते हैँ। फैलते और सिकुड़ते हैँ, भयंकर गर्मी से भयंकर शीत को प्राप्त होते हैँ। सब कुछ गतिशील और निरंतरतामय है। 2. सनातन का दोहरा अर्थ – सदैव अस्तित्व मय: जो कभी समाप्त नहीं होता। सदैव नूतनता ग्...

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निर्वाचन आयोग भारत निर्वाचन आयोग ने भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार को विदाई दी Posted On: 17 FEB 2025  by PIB Delhi भारत निर्वाचन आयोग ने आज श्री राजीव कुमार को विदाई दी, जो 18.02.2025 को मुख्य चुनाव आयुक्त का पद छोड़ देंगे। श्री राजीव कुमार 1 सितंबर, 2020 को चुनाव आयुक्त के रूप में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे और उन्होंने 15 मई, 2022 को भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। आयोग में उनके 4.5 वर्षों के कार्यकाल की विशेषता संरचनात्मक, तकनीकी, क्षमता विकास, संचार, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और प्रशासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मौन लेकिन गहन सुधारों की रही। श्री कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव कराने, 2022 के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव, 2024 के लोकसभा चुनाव और राज्यसभा के नवीनीकरण के साथ एक संपूर्ण चुनावी चक्र पूरा किया है - जो चुनावी प्रबंधन में एक दुर्लभ और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए तथा पुनर्मतदान और हिंसा की घटनाएं लगभग शून्य रहीं। अपने विदाई भाषण में, मुख्य च...

चुनाव आयोग को धमकाना, लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश है - अरविन्द सिसोदिया

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चुनाव आयोग को धमकाना, लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश है - अरविन्द सिसोदिया  कोटा 19 सितंबर। भाजपा राजस्थान के प्रदेश सह संयोजक, मीडिया संपर्क विभाग एवं राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्याशी अरविन्द सिसोदिया नें राहुल गाँधी के द्वारा चुनाव आयोग पर लगाये बेबुनियाद आरोपों को झूठ का पुलन्दा और चुनाव प्रणाली से पूरी तरह अपरिचितता का उदाहरण बताते हुये कहा है कि " कांग्रेस और उनके सहयोगी दल, विशेष वोट बैंक के नजरिये से योजनापूर्वक चुनाव आयोग को अपरोक्ष डराने, धमकाने और दबाब में लेने का षड्यंत्र कर रहे हैँ, जो लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश है। कांग्रेस मूलतः गैरकानूनी नामों को मतदाता सूची में जबरिया बनाये रखना चाहती हैँ। उनका मुख्य उद्देश्य घुसपैठियों के नाम मतदातासूची से कटने से बचाना है ताकी वे गैरकानूनी मतों का सहयोग अपने पक्ष में प्राप्त कर सकें। " सिसोदिया ने कहा कि " चुनाव आयोग पर लगातार दबाब बनाने के पीछे सोची समझी रणनीति है कि घुसपैठियों के नाम मतदातासूची से कटने से बचाये जाएँ । कांग्रेस के इस कृत्य को पूरा द...

ओम बिरला om birla

हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में उनको शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए आज मैं आपकी इस सभा में माननीय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी की संक्षिप्त जीवन यात्रा प्रस्तुत करता हूं -                डॉ. रघुराज सिंह कर्मयोगी                मस्तक पर आकाश उठाए पर्वत शिखर की तरह हृदय में गरीबों की सहायता करने की उमंग के  साथ लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जब भी अपने कोटा संचित क्षेत्र में आते हैं। वह नगर में गरीबों का दुख दर्द बांटने निकल पड़ते हैं। फुटपाथ पर सड़क किनारे खड़े हाथ के ठेलों या थड़ी पर फल एवं घरों में प्रतिदिन उपयोग आने वाला सामान बेचने वालों के प्रति सहानुभूति से भरे होते हैं। यह फुटपाथी विक्रेता गर्मी, सर्दी, बरसात कोई भी मौसम हो,ये लोग पेट की आग बुझाने के लिए सड़क किनारे सामान बेचते हुए मिल जाते हैं। इनका जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं। उन योजनाओं के बारे में इन्हें जानकारी न होने के कारण परंपरागत कार्य करने के लिए विवश हैं। एक दिन शनिवार के ...

shraadh paksh पितृ पक्ष : पूर्वजों का स्मरण और आस्था का महापर्व

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पितृ पक्ष : पूर्वजों का स्मरण और आस्था का महापर्व भारतीय संस्कृति और सनातन हिंदू धर्म की विशेषता यह है कि यह जीवन को केवल जन्म और मृत्यु तक सीमित नहीं मानता। यहाँ आत्मा को अमर, शाश्वत और पुनर्जन्म से युक्त माना गया है। इसी दृष्टिकोण के कारण न केवल ईश्वर और देवी-देवताओं का अस्तित्व स्वीकार किया गया है, बल्कि अदृश्य लोकों – जैसे देवलोक और पितृलोक – का भी वर्णन मिलता है। इसी आध्यात्मिक परंपरा से जुड़ा हुआ पर्व है पितृ पक्ष , जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। यह काल प्रत्येक वर्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से लेकर आश्विन अमावस्या तक चलता है। इस पखवाड़े का महत्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों में ही नहीं, बल्कि पारिवारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में भी गहराई से निहित है। पितृ पक्ष का दार्शनिक आधार सनातन मान्यता के अनुसार, मनुष्य तीन प्रकार के ऋण लेकर जन्म लेता है – देव ऋण ऋषि ऋण पितृ ऋण श्राद्ध कर्म के माध्यम से मनुष्य इन ऋणों से मुक्त होने का प्रयास करता है। पितृ ऋण का अर्थ है कि हम अपने पूर्वजों के ऋणी हैं, क्योंकि उन्होंने ही हमें जीवन, संस्कार, परंपराएँ और अस्तित्व प्र...

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🚩🚩🚩🚩🚩 *संघ की शाखाओं का Placement देखकर Cambridge, Harvard, Oxford, IIM, IIT, BIT, NIT और पूरी दुनिया हैरान.........* राष्ट्रपति,,,, प्रधानमंत्री,,,, गृहमंत्री,,, उपराष्ट्रपति,,, लोकसभा सभापती और 18 मुख्यमंत्री,,,, 29 राज्यपाल,,,, 1 लाख शाखाएं,,,, 15 करोड़ स्वयंसेवक,,,, 2 लाख सरस्वती विद्यामंदिर,,,, 5 लाख आचार्य,,,, एक करोड़ विद्यार्थी,,,, 2 करोड़ भारतीय मजदूर संघ के सदस्य,,,, 1 करोड़ ABVP के कार्यकर्ता,,,, 15 करोड़ बीजेपी सदस्य,,,, 1200 प्रकाशन समूह,,,, 9 हजार पूर्णकालिक एवं,,,, 7 लाख पूर्व सैनिक परिषद,,,, 1 करोड़ विश्व हिन्दू परिषद् सदस्य (पूरे विश्व में),,,, 30 लाख बजरंग दल के हिन्दुत्व सेवक,,,, 1.5 लाख सेवाकार्य,,,,, 18 राज्यों में सरकारें,,,, 283 लोकसभा सांसद,,,, 58 राज्यसभा सांसद,,,, 1460 विधायक,,,,           वनवासी कल्याण आश्रम, वनबंधु परिषद,  संस्कार भारती,  विज्ञान भारती, लघु उद्योग भारती,  सेवा सहयोग,  सेवा इंटरनॅशनल,  राष्ट्रीय सेविका समिती,  आरोग्य भारती, दुर्गा वाहिनी, सामाजिक समरसता मंच, ऑर्गनाजर,  पांच्यजन्य...

मज़बूत मोदीजी, हिन्दू और हिंदुस्तान की आवश्यकता हैँ - अरविन्द सिसोदिया pm modi

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मज़बूत मोदीजी, हिन्दू और हिंदुस्तान की आवश्यकता हैँ - अरविन्द सिसोदिया  कोटा,16 सितंबर। आलेख – अरविन्द सिसोदिया,          वर्तमान समय में विश्व की राजनैतिक व्यवस्था जिस क्रूर संक्रमणकाल से गुजर रही है, उसमें भारत एक नई आशा के केंद्र के रूप में उभर रहा है। वैश्विक स्तर पर अमेरिका की टैरिफ के रूप में आर्थिक आतंकवाद के साथ-साथ, भारत के आसपास छोटे देशों में हो रहे हिंसा के बल पर सत्ता परिवर्तन और विदेशी ताकतों की दखलअंदाजी गंभीर चिंता का विषय है। विदेशी वित्त पोषित एनजीओ, टूलकिट आधारित आराजक प्रोपेगेंडा, सोशल मीडिया की भयावह झूठी अफवाहें और अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र भारत की लोकतांत्रिक एवं स्व-शासन व्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूरा देश महसूस कर रहा है। इन सबके बीच भारत को एक ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो न केवल हिंदू और हिंदुस्तान की आत्मा की रक्षा करे, बल्कि उसका वैश्विक स्तर पर गौरवशाली स्थान बनाये रखे ।           इन विषम परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का नेतृत्व भारत के लिए सबसे बड़ा संबल ...

कविता - अपनों का सच

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कविता : अपनों का सच ✍️ अरविन्द सीसौदिया         9414180151 जिन्हें अपना माना जाना , वही पराये निकले, मुस्कुराते चेहरे ही, ज़हर पिलाने वाले निकले। जिन्हें हाथ थाम कर, हमने राह दिखाई, वही अंधेरों में हमें, धकेलने वाले निकले । जिनके आंसुओं को, हमने मुस्कान बना दिया, जिनकी ग़रीबी को,  हमने अपने जीवन समर्पण से सम्पन्न बना दिया, वही हमें लूट कर निर्धन बनाने वाले हुये, जिन्हें दिल से पूजा, जिनसे उम्मीद थी तमाम , वही हमारी रूह को जला कर खाक में मिलाने वाले निकले । हर रिश्ते की डोर अब सवाल बन गई है, हर अपनापन अब एक जंजाल बन गई है। क्या सचमुच "विश्वास" में "विष" ही छुपा होता है ? क्या हर दुआ का जवाब दर्द ही हुआ करता है ? हमारी जिंदगी उन सचों का गवाह बन गईं है। टूटे भरोसों की आवाज़ अब दिल में गूंजती है, हर मुस्कान के पीछे गहरी खामोशी ही दबी रहती है। फिर भी दिल कहता है, ये हार नहीं है पर्दाफाश है, यह वह सच्चाई , जो पहले छुपी रही । क्या शिकवा करें किसी से, अब गिला भी नहीं, दुश्मन से भी कोई झगड़ा-झंझट नहीं। अपनों ने ही दुश्मनी को  ताज बना दिया , गैरों की क्या ...

" युगपुरुष नरेन्द्र मोदी " विश्व-पटल पर भारत का गौरवपूर्ण उत्कर्ष – अरविन्द सिसोदिया

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प्रधानमंत्री मोदीजी के जन्मोत्सव का पूर्व अभिनंदन  " युगपुरुष नरेन्द्र मोदी " विश्व-पटल पर भारत का गौरवपूर्ण उत्कर्ष – अरविन्द सिसोदिया कोटा 13 सितंबर। भारत के इतिहास में समय-समय पर ऐसे महा युगनायक अवतरित हुए हैं जिन्होंने राष्ट्र के मार्ग को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की है। आधुनिक काल में यदि किसी व्यक्तित्व ने भारतीय जनमानस को आत्मविश्वास, साहस और नवचेतना से परिपूर्ण किया है तो वह नाम है " भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी। " संघर्ष से शिखर तक की प्रेरणादायक यात्रा गुजरात के एक सामान्य परिवार में जन्मे मोदीजी की जीवनयात्रा इस सत्य को प्रमाणित करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और निरंतर परिश्रम से असंभव को भी संभव किया जा सकता है। बचपन में रेलगाड़ियों में चाय बेचने वाले नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जो कुछ सीखा, उसी ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा तो राष्ट्रसेवा और जनसेवा को ही अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। संघ के प्रचारक जीवन से लेकर भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक कार्य, फिर गुजरात के...

कविता - राष्ट्रधर्म का सारथी मोदी - अरविन्द सिसोदिया

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कविता राष्ट्रधर्म का सारथी मोदी  - अरविन्द सिसोदिया, कोटा      9414180151 राष्ट्रधर्म का सारथी मोदी, जन जन का प्यारा मोदी, मोदी मोदी मोदी मोदी . हम सब का प्यारा मोदी। ---1--- भारत भूमि का गौरव गाता, नव युग का दीप जलाता है । संघ से निकला स्वयंसेवक, राष्ट्रप्रथम का पथ दिखलाता है ।। ---2--- तीन सौ-सत्तर से मुक्ती दिलाई  , मातृभूमि के भाल पर कश्मीरी गरिमा छाई। रामलला का मंदिर भव्य बनाया , हिन्दू धर्म संस्कृति का ध्वज फिर फहराया, ---3--- तीन तलाक की बेड़ियाँ टूटीं, बहनों का जीवन संबर गया। स्वच्छता से देश साफ सुथरा दिखता। सम्मान बचाया, सम्मान बढ़ाया है। ---4--- ना झुका अमेरिका के आगे, ना ही चीन डरा पाया। भारत का स्वाभिमान जगाकर, विश्व में लोहा भारत का मनवाया।। ---5--- दंगे, आतंक, पत्थरबाजी, सब पर अब अंकुश है । सीना ठोक कर देश विरोधी को हड़काया , अब साहस का प्रतीक बना शासन है ।। --- समाप्त --

हिंदू योद्धा नरेन्द्र मोदी, निरंतर राष्ट्र निर्माण कर रहे हैँ - अरविन्द सिसोदिया

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हिंदू योद्धा नरेन्द्र मोदी, निरंतर राष्ट्र निर्माण कर रहे हैँ - अरविन्द सिसोदिया  कोटा, 15 सितंबर। लेखक - अरविन्द सिसोदिया,         मोदी सरकार ने रक्षा मामलों में सबसे मज़बूत देशों की सूची में भारत को चौथे स्थान पर पहुंचा दिया है, अब भारत अमेरिका, रूस, चीन के बाद इस सूची में अपना स्थान रखता है। वहीं आर्थिक प्रगति में वह विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्तियों में चौथे स्थान पर है। यह गौरवशाली स्थिति गत 11वर्षों की तपस्या का फल है जो प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व परिणामदायी भूमिका में चल रही है।        भारत के लिये देवदूत सदृश्य प्रधानमंत्री मोदीजी का जन्मदिन 17 सितंबर को आरहा है, मां भारती की सेवा के लिए उन्हें ईश्वर निरंतर स्वस्थ रखते हुये दीर्घयु प्रदान करें यही प्रार्थना पूरा राष्ट्र कर रहा है।        मोदीजी की सरकार नें अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को बेवजह प्राप्त विशेष दर्जा समाप्त करके उसे भारत का पूर्ण अंग बनाया जो अब भारत के संविधान की पूर्ण पालना कर रहा है । तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा कर मु...