गांधीजी को बचाया जा सकता था ....
- अरविन्द सीसोदिया भारत की जिस महान आत्मा ने स्वतंत्रता के महान संघर्ष का नेत्रत्व किया उसका नाम मोहनदास करमचंद गांधी था ! इस महान व्यक्तित्व नें रघुपति राघव राजा राम से लेकर हे राम तक के सफ़र में हमेशा हिन्दू मूल्यों को जिया और उनके महान असर से विश्व को परचित करवाया ..! राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या एक ऐसा सन्दर्भ है जो कई प्रश्न खड़े करता है ?? उनकी सुरक्षा में कौताही क्यों बरती गई ????? यह बात स्वीकार नहीं की जा सकती की गांधी जी ने यह नहीं करने दिया या वह नहीं करने दिया !! जिस दिन देश का गृह मंत्री कुशलक्षेम पूछ कर जाये , उसके कुछ घंटों में ही उसकी हत्या हो जाये ? यह एक एतिहासिक प्रश्न है !! गांधी वध के मूलमें .... * गांधी जी विभाजन के पक्ष में नहीं थे मगर उनके करीबी सहयोगियों ने बंटवारे को एक सर्वोत्तम उपाय के रूप में स्वीकार इसलिए कर लिया था की उनके हाथ में सत्ता आनीं तय था ! नेहरु व सरदार पटेल ने गांधी जी को समझाने का प्रयास किया कि नागरिक अशांति वाले युद्ध और आराजकता को रोकने का यही एक उपाय है। मज़बूर गांधी ने अपनी अनुमति दे दी। * १९४७ के (Indo-Pakistani War o