कालेधन को कांग्रेस का ही अति आशीर्वाद
- अरविन्द सीसोदिया
देश में काला धन किसका ?
विदेश में काला धन किसका ? ?
यह प्रश्न बार बार उठता जरुर है और मगर बड़ी बेसर्मी के साथ , यह प्रश्न लुप्त कर दिया जाता है!
क्यों कि यह धन उन लोगों का है जो इसे झुपाना चाहते हैं..!
सही रास्ते का यह धन है भी नहीं , इस कारण झुपाना चाहते हैं !!
मगर यह धन देश के लोगों का तो है !
सच यह है कि व्यवसाही वर्ग के काकस ने लोकतंत्र पर कब्ज़ा कर लिया है !
राजनेताओं के बिकाऊ हो जानें से , लोकतंत्र लूट तंत्र में बदल गया !
कांग्रेस इस परिस्थिति से कैसे बच सकत है ? उसने १९४७ से १९७७ तक लगातार देश पर राज किया है और देश में काले धन का कारोबार इस दौरान न केवल मजबूत हुआ बल्कि राजनीती पर हावी हो गया ..!! घोटालों और राजनीति से लाभ बटोरनें का भी यही वह दौर था जिसमें लूट तंत्र की तमाम नींबें मजबूत हुई..? इस दौरान जिस घरानें नें देश पर राज किया वह नेहरु वंश ही था ..?
विदेशी काले धन और स्विस बैंकों में धन जमा होने का बड़ा खुलासा भी इसी वंश के शासकों के नाम आया ..!!
मतलब यह है की लूट तंत्र की सारी की सारी नींव तो कांग्रेस कस शासन काल में ही दली , फली , फूली और विकसित हुई..? इस पर लगाम वे क्यों नहीं लगा सके ..?
यह सच है की स्विस बैंकों में जमा धन किसी दल का नहीं होगा , मगर वहां धन जो भी जमा है उसके स्वामी भारत के आम लोग तो नहीं है बल्की खास लोग हैं .., जैसे अनेंकों राजनेता , बड़े उद्योगपति , तस्कर ,भू माफिया , आतंकवादी संगठन..!
कांग्रेस इस समस्या से इसलिए पीछा नही छुड़ा सकती की उसके एक नेता का नाम स्पष्ट रूप से आने के बाद भी उसने इस संदर्भ में जो नैतिक प्रयत्न करने चाहिए थे नहीं किये , इस कारण राजनीति से धन कमाना एक पेसे के रूप में विकसित हो गया ! आज लोग राजनीति में सेवा के लिए नहीं धन कमाने के लिए आरहे हैं , कम ज्यादा सभी दलों में पद से लाभ कमानें की प्रवृति हावी हो गई ...! जहाँ भी गहरी नजर से हाथ डालोगे बहीं बड़ी बड़ी बामियाँ मिल जायेंगी ! कुछ एसे भी हैं जो बिलकुल बेदाग़ हैं मगर नगण्य..!
*** विदेशी बैंकों पर जमा काले धन के मसले पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा है कि काला धन के तौर पर स्विस बैंक में जमा 20 लाख करोड़ रुपये भारत लाने के लिए कानून बनाना चाहिए। महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ यहां एक रैली को संबोधित करते हुए आडवाणी ने कहा कि ग्लोबल फाइनेंसियल ट्रांसपैरेंसी की रिपोर्ट चौंकाने वाली है जिसमें कहा गया है कि भारत के 20.85 लाख करोड़ रुपये स्विस बैंक में जमा हैं। उन्होंने कहा, ' हमने इस इस बारे में प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।'
***सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सरकार से पूछा है कि विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वालों के नाम सार्वजनिक करने को लेकर इतनी अनिच्छुक क्यों है? सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने कोर्ट को बताया कि जर्मन बैंकों में अकाउंट रखने वाले भारतीयों की लिस्ट मिल गई है, लेकिन सरकार इसका खुलासा नहीं करना चाहती है। इस पर जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी और जस्टिस एस. एस. निज्जर की बेंच ने पूछा कि इसे सार्वजनिक करने में क्या परेशानी है।
कोर्ट ने सुब्रमण्यम से पूछा कि किस विशेषाधिकार के तहत आप इस सूचना को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अकाउंट होल्डरों के नामों के बारे में वह सरकार से निर्देश लेने के बाद जवाब देंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट मशहूर क्रिमिनल लॉयर राम जेठमलानी की याचिका पर सुनवाई कर रही है। उन्होंने कुछ रिटायर हो चुके नौकरशाहों और पुलिस अफसरों के साथ मिलकर विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने का सरकार को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
*** दैनिक भास्कर ने काले धन की वापसी को लेकर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से भी सवाल किए। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता डीएस मलिक जवाब देने सामने आए। कुछ सवालों के जवाब टाल गए।सवाल सरकार विदेशी बैंकों में जमा हमारे पैसे को लाने के लिए क्या कर रही है जवाब आठ देशों में आयकर विभाग के दफ्तर खोल रहे हैं। अब पैसे का नाजायज लेनदेन पर निगाह रखेंगे।मायने जो काली कमाई पहले से जमा है, वह इन कोशिशों से महफूज बनी रहेगी। यह दिखावे के कदम हैं।सवाल स्विस संसद ने पिछले साल बैंकों की गोपनीयता के कानून खत्म किए हैं। हमारी सरकार ने क्या किया?जवाब संभव है सरकार गोपनीय तौर पर जानकारियां मांग रही हो। इस बारे में कुछ भी बताना मुश्किल है।मायने सरकार ने कुछ नहीं किया। पांच साल से संयुक्तराष्ट्र संकल्प को ही अनुमोदन नहीं मिल सका है।सवाल हसन अली मामले में सरकार को कई नाम पता चले थे। कितने नाम थे? उनके खिलाफ क्या किया?जवाब चुप्पी
*** हमारे मित्र शालीन गुप्ता का कहना है कि ___
Shalin गुप्ता
देश में काला धन किसका ?
विदेश में काला धन किसका ? ?
यह प्रश्न बार बार उठता जरुर है और मगर बड़ी बेसर्मी के साथ , यह प्रश्न लुप्त कर दिया जाता है!
क्यों कि यह धन उन लोगों का है जो इसे झुपाना चाहते हैं..!
सही रास्ते का यह धन है भी नहीं , इस कारण झुपाना चाहते हैं !!
मगर यह धन देश के लोगों का तो है !
सच यह है कि व्यवसाही वर्ग के काकस ने लोकतंत्र पर कब्ज़ा कर लिया है !
राजनेताओं के बिकाऊ हो जानें से , लोकतंत्र लूट तंत्र में बदल गया !
कांग्रेस इस परिस्थिति से कैसे बच सकत है ? उसने १९४७ से १९७७ तक लगातार देश पर राज किया है और देश में काले धन का कारोबार इस दौरान न केवल मजबूत हुआ बल्कि राजनीती पर हावी हो गया ..!! घोटालों और राजनीति से लाभ बटोरनें का भी यही वह दौर था जिसमें लूट तंत्र की तमाम नींबें मजबूत हुई..? इस दौरान जिस घरानें नें देश पर राज किया वह नेहरु वंश ही था ..?
विदेशी काले धन और स्विस बैंकों में धन जमा होने का बड़ा खुलासा भी इसी वंश के शासकों के नाम आया ..!!
मतलब यह है की लूट तंत्र की सारी की सारी नींव तो कांग्रेस कस शासन काल में ही दली , फली , फूली और विकसित हुई..? इस पर लगाम वे क्यों नहीं लगा सके ..?
यह सच है की स्विस बैंकों में जमा धन किसी दल का नहीं होगा , मगर वहां धन जो भी जमा है उसके स्वामी भारत के आम लोग तो नहीं है बल्की खास लोग हैं .., जैसे अनेंकों राजनेता , बड़े उद्योगपति , तस्कर ,भू माफिया , आतंकवादी संगठन..!
कांग्रेस इस समस्या से इसलिए पीछा नही छुड़ा सकती की उसके एक नेता का नाम स्पष्ट रूप से आने के बाद भी उसने इस संदर्भ में जो नैतिक प्रयत्न करने चाहिए थे नहीं किये , इस कारण राजनीति से धन कमाना एक पेसे के रूप में विकसित हो गया ! आज लोग राजनीति में सेवा के लिए नहीं धन कमाने के लिए आरहे हैं , कम ज्यादा सभी दलों में पद से लाभ कमानें की प्रवृति हावी हो गई ...! जहाँ भी गहरी नजर से हाथ डालोगे बहीं बड़ी बड़ी बामियाँ मिल जायेंगी ! कुछ एसे भी हैं जो बिलकुल बेदाग़ हैं मगर नगण्य..!
*** विदेशी बैंकों पर जमा काले धन के मसले पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा है कि काला धन के तौर पर स्विस बैंक में जमा 20 लाख करोड़ रुपये भारत लाने के लिए कानून बनाना चाहिए। महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ यहां एक रैली को संबोधित करते हुए आडवाणी ने कहा कि ग्लोबल फाइनेंसियल ट्रांसपैरेंसी की रिपोर्ट चौंकाने वाली है जिसमें कहा गया है कि भारत के 20.85 लाख करोड़ रुपये स्विस बैंक में जमा हैं। उन्होंने कहा, ' हमने इस इस बारे में प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।'
***सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सरकार से पूछा है कि विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वालों के नाम सार्वजनिक करने को लेकर इतनी अनिच्छुक क्यों है? सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने कोर्ट को बताया कि जर्मन बैंकों में अकाउंट रखने वाले भारतीयों की लिस्ट मिल गई है, लेकिन सरकार इसका खुलासा नहीं करना चाहती है। इस पर जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी और जस्टिस एस. एस. निज्जर की बेंच ने पूछा कि इसे सार्वजनिक करने में क्या परेशानी है।
कोर्ट ने सुब्रमण्यम से पूछा कि किस विशेषाधिकार के तहत आप इस सूचना को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अकाउंट होल्डरों के नामों के बारे में वह सरकार से निर्देश लेने के बाद जवाब देंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट मशहूर क्रिमिनल लॉयर राम जेठमलानी की याचिका पर सुनवाई कर रही है। उन्होंने कुछ रिटायर हो चुके नौकरशाहों और पुलिस अफसरों के साथ मिलकर विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने का सरकार को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
*** दैनिक भास्कर ने काले धन की वापसी को लेकर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से भी सवाल किए। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता डीएस मलिक जवाब देने सामने आए। कुछ सवालों के जवाब टाल गए।सवाल सरकार विदेशी बैंकों में जमा हमारे पैसे को लाने के लिए क्या कर रही है जवाब आठ देशों में आयकर विभाग के दफ्तर खोल रहे हैं। अब पैसे का नाजायज लेनदेन पर निगाह रखेंगे।मायने जो काली कमाई पहले से जमा है, वह इन कोशिशों से महफूज बनी रहेगी। यह दिखावे के कदम हैं।सवाल स्विस संसद ने पिछले साल बैंकों की गोपनीयता के कानून खत्म किए हैं। हमारी सरकार ने क्या किया?जवाब संभव है सरकार गोपनीय तौर पर जानकारियां मांग रही हो। इस बारे में कुछ भी बताना मुश्किल है।मायने सरकार ने कुछ नहीं किया। पांच साल से संयुक्तराष्ट्र संकल्प को ही अनुमोदन नहीं मिल सका है।सवाल हसन अली मामले में सरकार को कई नाम पता चले थे। कितने नाम थे? उनके खिलाफ क्या किया?जवाब चुप्पी
*** हमारे मित्र शालीन गुप्ता का कहना है कि ___
Shalin गुप्ता
THE AMOUNT OF BLACK MONY IS 70 lAKHS CARORE
INDIA CAN REPAY ALL ITS DEBT BY THIS MONEY AND
THE 32 TIMES THE GDP OF INDIA IS REMAINED WITH THE GOVERNMENT
THINK HOW MUCH AMOUNT IS LYING OUTSIDE THE INDIA THAT WAS DEPOSITED BY THE INDIAN PEOPLE TO GOVERNMENT IN THE FORM OF TAXES
STOP PAYING TAXES TILL THAT MONEY WILL NOT COME TO INDIA
THE 32 TIMES THE GDP OF INDIA IS REMAINED WITH THE GOVERNMENT
THINK HOW MUCH AMOUNT IS LYING OUTSIDE THE INDIA THAT WAS DEPOSITED BY THE INDIAN PEOPLE TO GOVERNMENT IN THE FORM OF TAXES
STOP PAYING TAXES TILL THAT MONEY WILL NOT COME TO INDIA
कुल मिला कर कालेधन को अन्य दलों सहित कांग्रेस का ही अति आशीर्वाद रहा है..,
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें