वंशवाद पर कड़े प्रहार की जरूरत है

- अरविन्द सीसोदिया 
      कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने राजनीति में वंश परंपरा को देशहित में बताकर नया नजरिया पेश किया। यहां बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल ने मंगलवार को कहा कि परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि एक सफल नेता बनने में काफी मददगार होती है। पार्टी में ऊंचा पद भी परिवार की राजनीतिक पैठ के आधार पर ही मिल सकता है। हालांकि, राहुल को यहां छात्रों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। छात्रों का कहना था कि राहुल राजनीति में युवाओं को आमंत्रित कर रहे हैं, लेकिन उनकी बराबरी पर केवल वे ही लोग हैं, जो राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले हैं।
      कुलमिला कर राहुल ने यह सच स्वीकार किया है कि वे नेहरु वंश के कारण ही नेता हैं ..! सच भी यही है की वे एक साधारण परिवार में जन्में होते तो कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष बनानें में भी पसीना आजाता ....!!! 
  यूं भी भाजपा और साम्यवादी पार्टियों को छोड़ दिया जाये तो देश में ज्यादातर राजनैतिक दल वंशवादी हैं वहां योग्यता का कोई अर्थ नहीं है | जम्मू कश्मीर से तमिलनाडू तक यह बीमारी जबर्दस्त कैंसर की तरह है | अभी हमारा लोक तंत्र इस स्तर का भी नहीं है कि वह इनसे एक दम पार पाले ...., क्यों कि यह बीमारी कांग्रेस ने ही स्थापित कि है !
 स्वस्थ लोकतंत्र के लिए वंशवाद का समूल नाश होना चाहिए  ! 

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